शिशु अपनी परेशानियों को बताने में सक्षम नहीं होते हैं। कुछ बच्चों की आहार नली पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती हैं। ऐसे में बच्चे को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसे समस्या को इसोफैगल एट्रेसिया कहा जाता है। यह समस्या बच्चे के पेट से संबंधित नहीं होती है। कई बार यह आहार नली शिशुओं की सांस लेने वाली नली से जुड़ जाती है, इससे ज्यादा गंभीर परेशानी हो सकती है। शिशुओं में जन्म के तुरंत बाद इस रोग के इलाज के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इस लेख में अपोलो अस्पताल की पीड्रियेट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर स्मिता मलहोत्रा से जानते हैं कि शिशुओं को इसोफैगल एट्रेसिया होने के क्या कारण होते हैं। साथ ही, इस दौरान क्या लक्षण सामने आ सकते हैं।
शिशुओं में इसोफैगल एट्रेसिया के कारण - Causes Of Esophageal Atresia In Infant In Hindi
इसोफैगल एट्रेसिया शिशुओं में जन्म से होने वाला डिसऑर्डर है, जिसका अर्थ है बच्चे को मां के गर्भ में किसी समस्या के चलते ये रोग हुआ है। शिशुओं के गर्भ में आहार नली और श्वसन नली एक ट्यूब के रूप में शुरु होती है, जो बाद में अलग-अलग हो जाती हैं। इसोफैगल एट्रेसिया तब होता है जब ट्यूब पूरी तरह से विकसित या अलग नहीं हो पाता है।
इस प्रक्रिया के रुकने के कारणों को जानने के लिए रिसर्च कार्य चल रहा है। फिलहाल, इस अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों से जोड़कर देखा जाता है। अनुवांशिक बदलाव आपके बच्चे के डीएनए में होन वाले बदलाव है, जिससे आपके शिशु की विकास प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। यह बदलाव हल्का या ज्यादा भी हो सकते हैं।
शिशुओं में इसोफैगल एट्रेसिया के लक्षण - Causes Of Esophageal Atresia In Infant in Hindi
डॉक्टर के अनुसार इसोफैगल एट्रेसिया के लक्षण आगे बताए गए हैं।
- शिशु का खांसना
- दम घुटना, सांस लेने में परेशानी होना
- सायनोसिस (त्वचा का नीला पड़ना, ऑक्सीजन कम होने का संकेत) आदि।
इसके अलावा भी कुछ अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं
- आपके शिशु के मुंह में झागदार बलगम आना
- अत्यधिक लार, थूकना या लार गिरना
- दूध पिलाने का प्रयास करते समय मुंह बंद कर देना
- रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्या आदि।
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Esophageal Atresia Causes: कुछ शिशुओं को इसोफैगल एट्रेसिया में निगलने में परेशानी हो सकती है, लेकिन अधिकतर शिशुओं को सांस लने में परेशानी होती है। दोनों लक्षण एक साथ दिखाई देना अन्य रोग की ओर संकेत करता है। समय रहते इस रोग का इलाज किया जा सकता है। बच्चे में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो आप उसे अनदेखा न करें। ऐसे में आप तुरंत किसी बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।