शारीरिक गतिविधियों में कमी और एक्सरसाइज न करने की वजह से अधिकतर लोगों को मोटापे का सामना करना पड़ता है। मोटापे और वजन बढ़ने के पीछे आपकी डाइट का भी अहम रोल होता है। डॉक्टर्स के अनुसार मोटापा स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकता है। मोटापे की वजह से लोगों को हाई बीपी, डाबिटीज, सूजन और सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। सांस लेने में परेशानी से शरीर का ऑक्सीजन लेवल तेजी से कम होता है। ऐसे में व्यक्ति को थोड़े से काम के बाद ही थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। इसके अलावा, व्यक्ति हर समय मानसिक दबाव महसूस करता है। मोटापे के कारण सांस की पेरशानी के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। इस लेख में यशोदा सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. ए पी सिंह से जानते हैं कि मोटापे की वजह से सांस लेने की समस्या के क्या कारण हो सकते हैं? साथ ही, यह भी जानेगें कि इस स्थिति से कैसे बचाव किया जा सकता है।
मोटापे की वजह से सांस के जुड़ी समस्या क्यों होती है? - Causes Of Breathing Problem Due To Obesity In Hindi
स्लीप एपनिया
मोटापे के कारण सांस की समस्याओं का सबसे सामान्य रूप स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) है। इस स्थिति में व्यक्ति की सांस नींद के दौरान कुछ समय के लिए रुक जाती हैं। मोटापे को स्लीप एपनिया का एक मुख्य कारक माना जाता है। इससे व्यक्ति को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और उसकी नींद बार-बार खुल जाती है। इससे व्यक्ति की लाइफस्टाइल पर खराब असर पड़ता है।
फेफड़ों की क्षमता में कमी होना
मोटापे के कारण फेफड़ों की क्षमता (Total Lung Capacity) में कमी आ सकती है। मोटापा व्यक्ति के फेफड़ों (Lungs) के पूर्ण रूप से फैलने और सिकुड़ने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस वजह से अधिक वजन के लोगों को सांस की तकलीफ (Dyspnea) का जोखिम बढ़ जाता है।
पेट पर दबाव पड़ना
मोटापे की वजह से व्यक्ति के पेट में फैट बढ़ सकता है, जो व्यक्ति के डायाफ्राम (फेफड़ों के नीचे की मांसेशियां) को ऊपर की ओर धकेलता है। इससे फेफड़ों को सपोर्ट करने वाले डायाफ्राम आने वाले समय में फेफड़ों के पूरी तरह से न खुल पाने का कारण बन सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को सांस लेते समय दिक्कत (Breathing Problem) का सामान करना पड़ सकता है।
रेस्पिरेटरी सिस्टम पर दबाव पड़ना
मोटापे की वजह से शरीर के टिश्यू और अंगों को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। दरअसल, फैट बढऩे की वजह से मेटाबॉलिज्म (Metabolism) में आए परिवर्तन की वजह से शरीर को ऑक्सीजन (Oxygen Level) की अधिक मात्रा की जरूरत पड़ती है। इस मांग के चलते रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को सांस से जुड़ी समस्या हो सकती है।
मोटापे की वजह से सांस की समस्या होने पर कैसे बचाव किया जा सकता है? - Prevention Tips Of Breathing Problems Due to Obesity In Hindi
- मोटापे को कम करने के लिए एक्सरसाइज करें। इसके लिए आप स्वीमिंग, साइकिलिंग, रनिंग, जॉगिंग और अन्य एक्सरसाइज कर सकते हैं।
- योग के कई आसान आपके वजन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। साथ ही, आप फेफड़ों की क्षमता को भी बेहतर कर सकते हैं।
- डाइट को संतुलित बनाएं। इसके लिए फलों, सब्जियों और कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- अगर, रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्या है, तो ऐसे में आप डॉक्टर से इलाज करवा सकते हैं।
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मोटापे के कारण सांस लेने में परेशानी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकती है, जिसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह लाइफस्टाइल को प्रभावित कर सकती है। संतुलित आहार, वजन को कम करने और नियमित शारीरिक गतिविधियों से इस समस्या को कम किया जा सकता है। यदि, आपको ज्यादा समस्या हो रही है तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।