Causes And Symptoms Of Hepatocellular Carcinoma In Hindi: हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा एक तरह का लिवर कैंसर होता है। वैसे तो यह जानलेवा और घातक बीमारी है। लेकिन, विशेषज्ञों का दावा है कि समय रहते इस बीमारी का पता चल जाए और मरीज को सही ट्रीटमेंट मिल जाए, तो इससे बचा जा सकता है और व्यक्ति की लाइफ एक्सपेक्टेंसी को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, अगर किसी को हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा हो गया है, तो उन्हें अपना नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए। ताकि भविष्य में इसके होने के जोखिम का कम किया जा सके और जरूरी सावधानियां बरती जा सकें। बहरहाल, हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा से बचाव तभी संभव हो सकता है, जब आपको पहले से ही इसके लक्षण और कारण के बारे में पता हो। यहां हम आपको हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा के लक्षण और कारण के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। इस बारे में हमने मुंबई स्थित लीलावती अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आशीष जोशी से बात की है। आप भी जानें।
क्या है हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा- What Is Hepatocellular Carcinoma In Hindi
हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा लिवर कैंसर का प्रकार है। यह बहुत तेजी से ग्रो करता है। यह बीमारी उन लोगों को होने का खतरा अधिक रहता है, जिन्हें लिवर डिजीज जैसे सिरोसिस है। अगर इस बीमारी का शुरुआती स्तर पर पता चल जाए, तो सर्जरी या लिवर ट्रांसप्लांट की मदद से इस बीमारी से स्थाई रूप से बचा जा सकता है। लेकिन, दिक्कत की बात ये है कि अक्सर लोगों को इस बीमारी का देर से पता चलता है। सामान्यतः आखिरी स्टेज में ही लोगों को हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा के बारे में पता चलता है। ऐसे में लिवर फेलियर का रिस्क बढ़ जाता है और मरीज के लिए सही ट्रीटमेंट लेना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
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हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा के लक्षण- Symptoms Of Hepatocellular Carcinoma In Hindi
हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा होने पर लिवर में ट्यूमर हो जाता है। हालांकि, ट्यूमर होने पर किसी तरह के लक्षण उभरकर नहीं आते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, इसके अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं, जैसे-
- दाईं ओर पसलियों के नीचे भरापन या गांठ (यह बढ़े हुए लिवर का लक्षण)
- बाईं ओर पसलियों के नीचे भरापन
- आंखों और त्वचा का पीली पड़ना (पीलिया के लक्षण)
- पेट में सूजन होना
- भूख न लगना या थोड़ा खाना खाने के बाद ही पेट भरे होने का अहसास होना
- बिना कोशिश के वजन का कम होना
- मतली और उल्टी
- खुजली होना
हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा का कारण- Causes Of Hepatocellular Carcinoma In Hindi
हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा होने का रिस्क उन्हीं लोगों को अधिक रहता है, जिन्हें लिवर सिरोसिस की समस्या होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लिवर सिरोसिस के 80 फीसदी मरीजों को हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा हो जाता है। हालांकि, कभी-कभी कंडीशन इसके उलट भी हो सकती है। यानी हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा होने पर लोगों को सिरोसिस हो सकता है। लेकिन, कुछ लोगों में ऐसा नहीं भी हो सकता है। इस तरह की कंडीशन में लोगों को सजग रहना चाहिए। अगर लंबे समय से लिवर में सूजन है, तो यह हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा का कारण बन सकती है। इसलिए, इसे हल्के में बिल्कुल न लें।
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