
कैंसर एक गंभीर स्थिति है, जिससे हर साल लाखों लोग जान गंवाते हैं। यह समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों में भी हो जाती है। हालांकि, कैंसर के शुरुआती स्टेज में अगर इसका पता लग जाए तो कुछ मामलों में इसका इलाज करना आसान हो जाता है। हाल ही में जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक युवाओं में कैंसर डायग्रोस होने की संख्या लगातार बढ़ रही है।
50 से कम उम्र वालों में ज्यादा खतरा
स्टडी के मुताबिक युवाओं में कैंसर होना का ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में 5 लाख से कम उम्र के लोगों में कैंसर होने के मामले अधिक देखे जाते हैं। स्टडी में 5 लाख लोगों के शुरुआती स्टेज के कैंसर को डायग्रोस किया गया, जिसमें 50 से नीचे के उम्र वाले लोगों की संख्या अधिक थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर के मरीजों की संख्या में हर साल 0.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है।
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कैंसर के रिस्क फैक्टर
कैंसर होने के पीछे वैसे तो बहुत से कारण होते हैं, लेकिन ऐसे में मोटापा, धूम्रपान करना, शारीरिक गतिविधियों में कमीत, शराब पीना, असुरक्षित तरीके से सेक्स करना, हार्मोन्स में समस्या, ऑटो इम्यून डिजीज या फिर ज्यादा खराब खान-पान होना आदि को इसका प्रमुख कारण माना जाता है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने वाले लोगों में कैंसर होना का खतरा अधिक रहता है।
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कैंसर के लक्षण
दरअसल, कैंसर कई प्रकार के होते हैं और सभी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आमतौर पर शरीर में थकावट, बिना किसी खास डाइट लिए ही वजन घटना या बढ़ना, बॉवेल मूवमेंट में बदलाव, त्वचा पर चकत्ते पड़ना या फिर शरीर में गांठ बनने से कैंसर का अंदाजा लगाया जा सकता है। शरीर में इस तरह के लक्षण दिखने पर बिना देरी किए चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करना सेहत से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
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