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क्या नींद की गोली खाने की आदत दिमाग की बीमारी का कारण बन सकती है? डॉक्टर से जानें

नींद की गोली खाए बिना कुछ लोगों को नींद नहीं आती है। लेकिन क्या इसकी आदत दिमाग की बीमारी का कारण बन सकती है?
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क्या नींद की गोली खाने की आदत दिमाग की बीमारी का कारण बन सकती है? डॉक्टर से जानें


Side effects of Sleeping Pills: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी नींद से सबसे ज्यादा समझौता कर रहे हैं। लोगों को रात में देर से सोने की आदत बन गई है। कुछ लोग कई दिनों तक ठीक से नींद पूरी किये बिना ही काम करते हैं। लंबे समय में ये आदतें नींद से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकती है। इस कारण कुछ लोगों को नींद की गोली खाने की आदत भी हो जाती है। वहीं स्ट्रेस, एंग्जायटी और ओवरथिंकिंग होने के कारण भी लोगों को रात में नींद न आने की समस्या हो रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक लंबे समय तक नींद की गोली खाने से ब्रेन हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन क्या नींद की गोली दिमागी बीमारी की वजह बन सकती है? क्या इसके सेवन से व्यक्ति को दिमाग से जुड़ी समस्या हो सकती है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए हमने बात कि फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल से स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ सौरभ पहुजा से।

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क्या नींद की गोलियां खाने की आदत दिमागी बीमारी की वजह बन सकती है? Can The Habit of Taking Sleeping Pills Harm Brain

डॉ सौरभ पहुजा कहते हैं नींद की गोलियां इनसोमनिया और नींद से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद होती है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को इसकी आदत हो जाती है, तो उसे मानसिक समस्याएं होने का खतरा रहता है। अगर आपके डॉक्टर आपको थोड़े समय के लिए नींद की गोली खाने की सलाह देते हैं, तो इनका सेवन करना सेफ है। इससे इनसोमनिया में काफी मदद मिलती है। ये दवाएं पेशेंट को ठीक से सोने में मदद करती हैं। साथ ही, इनके सेवन से मूड स्विंग्स और एंग्जायटी जैसी समस्याएं भी ठीक होती हैं। लेकिन लंबे समय तक इसकी आदत बने रहने से कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बन सकता है।

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लंबे समय तक नींद की गोलियां खाने के नुकसान- Side effects of Long Term use of Sleeping Pills

बॉडी को आदत होना

लंबे समय तक नींद की गोली खाने की आदत लत में बदल सकती है। लंबे समय में व्यक्ति को नींद के लिए इसकी हाई डोज की जरूरत हो सकती है। इसके कारण बॉडी दवाई पर निर्भर हो सकती है।

समस्याएं दोबारा होना

लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद अगर आप अचानक दवा खाना बंद कर देते हैं, तो इससे इनसोमनिया और एंग्जायटी दोबारा हो सकती है। ऐस में आप दवा खाने के आदि हो सकते हैं।

याददाश्त कमजोर होना

कुछ दवाओं के सेवन से बहुत नींद आना, कंफ्यूजन रहना, याददाश्त कमजोर होना और फोकस करने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये सभी समस्याएं दिमाग से जुड़ी गंभीर समस्याओं की वजह बन सकती हैं।

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मूड डिसऑर्डर और एंग्जायटी

लंबे समय तक इन दवाओं के सेवन से मूड स्विंग्स और मूड डिसऑर्डर हो सकते हैं। अगर बॉडी नींद के लिए दवा पर निर्भर हो जाती है, तो दवा न मिलने पर एंग्जायटी हो सकती है।

एक्सपर्ट की खास सलाह

एक्सपर्ट के मुताबिक इनसोमिनिया में दवा लेने के बजाय कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी लेना ज्यादा फायदेमंद होगा। ये थेरेपी क्रोनिक स्लीप प्रॉब्लम्स के लिए भी फायदेमंद होती हैं। इसके अलावा माइंडफुलनेस, रिलैक्सेशन टेक्निक्स और स्लीप हाईजीन मेंटेन करने से भी अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है।

कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में नींद की गोली खाना फायदेमंद है। लेकिन इसे खाने की आदत दिमाग से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकती है। अगर आपको कई दिनों से नींद न आने की समस्या बनी हुई है, तो लाइफस्टाइल में बदलाव करें। साथ ही, डॉक्टर से जल्द संपर्क करें जिससे बीमारी का पता समय पर लगाया जा सके।

 

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