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क्या कोलेस्ट्रॉल के रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर होने का जोखिम अधिक रहता है? डॉक्टर से जानें

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से नसों में रुकावट हो सकती हैं। ऐसे में क्या आपको ब्लड प्रेशर का जोखिम अधिक होता है? आगे जानते हैं इस बारे में    
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क्या कोलेस्ट्रॉल के रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर होने का जोखिम अधिक रहता है? डॉक्टर से जानें


लोगों की लाइफस्टाइल में लगातार बदलाव हो रहा है। ऐसे में उनकी कई आदतों में बदलाव हुआ है। लोग डाइट में पौष्टिक चीजों शामिल करने की जगह पर जंक फूड्स को शामिल करने लगे हैं। जंक फूड्स और शारीरिक क्रियाओं में आई कमी के कारण लोगों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी वजह से नसों में ब्लॉकेज हो सकती है, ऐसे में ब्लड प्रेशर की समस्या का जोखिम अधिक होता है। कोलेस्ट्रॉल के कारण व्यक्ति को हृदय रोग का जोखिम अधिक होता है। आगे नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि क्या कोलेस्ट्रॉल की वजह से हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम अधिक होता है। 

कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर क्या होता है? - Normal Range Of Cholesterol In Hindi 

हाई कोलेस्ट्रॉल का मतलब है कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल स्तर से काफी अधिक है। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का वसायुक्त पदार्थ है। आपका शरीर इसका उपयोग कुछ हार्मोन्स को बनाने, विटामिन डी का उत्पादन करने और हेल्दी सेल्स के निर्माण के लिए करता है। इसका कुछ हिस्सा आपके शरीर में निर्मित होता है, और कुछ व्यक्ति के द्वारा आहार द्वारा अवशोषित होता है। कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेंसिमल से कम होना चाहिए। वहीं 200 से 239 मिलीग्राम प्रति डेंसिमल को बार्डरलाइन माना जाता है। वहीं, 240 मिलीग्राम प्रति डेंसिमल से अधिक को हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में रखा जाता है। 

high cholesterol and high blood pressure connection

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम अधिक क्यों होता है? - Can High Cholesterol Lead To High Blood Pressure In Hindi 

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ सकता है। इसके स्तर में बढ़ोतरी से फैट (प्लाक) नसों की दीवारों पर चिपकने लगता है। साथ ही, समय के साथ कोलेस्ट्रॉल नसों में अतिरिक्त फैट का निर्माण कर सकता है। कुछ समय के बाद यह फैटयुक्त पदार्थ कठोर हो जाता है, जिससे ब्लड के सर्कुलेशन का प्रवाह बाधित होता है और इससे हाई ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।  

इसके अलावा, कोलेस्ट्रॉल नसों की आंतरिक परत, एंडोथेलियम पर अपने प्रभाव के माध्यम से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्तियों में एंडोथेलियल फंक्शन में गड़बड़ी देखने को मिलती है। इस स्थिति में नसों के फैलने और सिकुड़ने की क्षमता खराब कर सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी हो सकती है। 

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इसके अलावा, मोटापा, खराब आहार, गतिहीन जीवन शैली और आनुवंशिकी जैसे जोखिम कारक हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति को हार्ट संबंधी रोग होने की संभावना अधिक हो सकती है। 

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