सीटी स्‍कैन बता सकता है कब पड़ सकता है स्‍ट्रोक

हल्‍के स्‍ट्रोक के बाद सीटी स्‍कैन करवाने से भविष्‍य में इसके होने वाले स्‍ट्रोक के बारे में सही अंदाजा लगाने में मदद मिल सकती है।
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सीटी स्‍कैन बता सकता है कब पड़ सकता है स्‍ट्रोक

stroke in hindiहल्‍के स्‍ट्रोक के बाद यदि समय रहते मस्तिष्‍क की स्‍कैनिंग कर ली जाए तो आने वाले बड़े खतरे से बचा जा सकता है। इससे यह पता लग सकता हे कि क्‍या व्‍यक्ति को किसी बड़े स्‍ट्रोक होने की आशंका तो नहीं है। एक हालिया शोध में यह बात सामने आयी है।


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    स्‍ट्रोक की ही तरह ट्रांस्टिनेंट इस्‍कीमिक अटैक यानी टीआईए भी मस्तिष्‍क को रक्‍त की पर्याप्‍त सप्‍लाई न होने की स्थिति में होता है। इसके लक्षण भी कुछ मिनट के लिए ही रह सकते हैं।

    शोध के मुख्‍य वरिष्‍ठ सह-लेखक जेफ्री पैरी ने कहा कि गैर-अक्षम स्‍ट्रोक और टीआईए के बाद सभी मरीजों को सीटी स्‍कैन जरूर करवाना चाहिये। पैरी यूर्निवर्सिटी ऑफ ओटावा, कनाडा, में इमरजेंसी मेडिसन के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

    पैरी ने आगे कहा कि प्राप्‍त जानकारी से विशेषज्ञों को स्‍ट्रोक से हुए नुकसान का तो पता चलेगा ही साथ ही इसके पैटर्न के बारे में भी जानकारी मिलेगी। और साथ ही उसे यह भी जानने में मदद मिलेगी कि क्‍या लक्षण समय के साथ-साथ और बुरे हो सकते हैं अथवा नहीं।

    इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 2028 ऐसे लोगों पर शोध किया जिन्‍होंने छोटे स्‍ट्रोक के 24 घंटे के भीतर सीटी स्‍कैन करवाया। इस शोध में यह बात सामने आई कि करीब 40 फीसदी मरीजों के स्‍ट्रोक की वजह, मस्तिष्‍क को पर्याप्‍त मात्रा में रक्‍त न मिल पाने वाली परिस्‍थिति, इस्‍कीमिया थी।

    जब इन लोगों की तुलना ऐसे लोगों से की गई जिन्‍हें इस्‍कीमिया नहीं था, तो चौंकाने वाली तस्‍वीर सामने आयी। इस्‍कीमिया के मरीजों को अगले 90 दिनों में एक और स्‍ट्रोक होने की आशंका सामान्‍य से 2.6 गुना अधिक थी। सीटी स्‍कैन की तस्‍वीरों में सा‍फ हुआ कि नये उत्‍तकों को नुकसान होने की बड़ी वजह रक्‍त सप्‍लाई का अभाव था।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्‍क को जितना अधिक नुकसान होगा, अगले 90 दिनों में दूसरा स्‍ट्रोक होने की आशंका उतनी बढ़ जाती है। इससे पता चला कि स्‍कैन संभावित खतरे से बचने का उपयोगी तरीका साबित हो सकता है।

     

    Source- BBC

     

    Image Courtesy- getty Images

     

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