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नियमित आंखों की जांच करवाने से होते हैं कई फायदे, जानें डॉक्टर से

Benefits Of Regular Eye Check Up In Hindi: नियमित आंखों की जांच करवाने से न सिर्फ आंखों के स्वास्थ्य का पता चलता है, बल्कि भविष्य में होने वाली बीमारियों के जोखिम का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
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नियमित आंखों की जांच करवाने से होते हैं कई फायदे, जानें डॉक्टर से


Importance Of Regular Eye Check Up In Hindi: जो लोग अपनी सेहत को लेकर कॉन्शस रहते हैं, वे अक्सर नियमित रूप से हेल्थ चेकप करवाते हैं। रूटीन हेल्थ चेकअप करवाने से कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को पहले से ही रोका जा सकता है। साथ ही, समय रहते सही ट्रीटमेंट भी मिलता है। इससे भविष्य में होने वाली बीमारियों का भी पता चल जाता है। लेकिन, अक्सर यह देखने में आता है कि बहुत कम लोग अपनी आंखों की नियमित जांच करवाते हैं। जबकि, आंखों की नियमित जांच करवाना भी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। आंखों की नियमित जांच क्यों जरूरी है, इस बारे में हमने Ojas Maxivision Eye Hospitals (Bandra & Kandivali) में Senior Consulting Ophthalmologist Cataract and Refractive Surgeon डॉ. अंकिता मूलचंदानी (नेत्र रोग), एमबीबीएस, डीएनबी, एफपीआरएस, एफआईसीओ (यूके)  से बातचीत की।

आंखों की नियमित जांच क्यों जरूरी होती है?- Importance Of Eye Check Up In Hindi

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बीमारियों में है लाभकारी

रेगुलर आई चेकअप करवाने से कई बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकता है, जैसे-

ग्लूकोमा 

जब किसी की आंखों रोशनी कमजोर हो जाती है, तभी वे आई चेकअप करवाते हैं और आंखों के लिए उपयुक्त चश्मा बनवा लेते हैं। लेकिन, ध्यान रखें कि आई चेकअप सिर्फ आंखों की रोशनी की जांच करने के लिए नहीं होती है। इसके साथ-साथ आंखों की नियमित जांच करवाने से कई तरह की बीमारियों के लक्षणों का पहले से पता लगाया जा सकता है। इसमें ग्लूकोमा, मैक्यूलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद और डायबिटीज के कारण आंखों में होने वाली समस्याएं भी शामिल हैं।

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डायबिटिक रेटिनोपैथी

यह बात आप जानते होंगे कि कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिसके लक्षण सबसे पहले आंखों पर ही नजर आते हैं। मुश्किल की बात ये है कि अगर समय रहते संबंधित बीमारी का पता न चले, तो जीवनभर के लिए आंखें खराब हो सकती हैं। डायबिटिक रेटिनोपैथी ऐसी ही एक बीमारी है। इस बीमारी का समय पर इलाज न किए जाने पर यह अंधेपन का कारण भी बन सकती है। रेगुलर आई चेकअप के कारण इसके शुरुआती देखभाल को मैनेज करने में मदद मिल सकती है।

ब्रेन ट्यूमर

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि अगर आप नियमित रूप से आई चेकअप करवाते हैं, तो इसकी वजह से ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी का भी पता लग सकता है। असल में इसके पहले लक्षण आंखों में ही नजर आते हैं। ऐसे में आप आई चेकअप करवाते हैं, तो ब्रेन ट्यूमर को टेस्ट के दौरान डिटेक्ट किया जा सकता है।

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बच्चों के लिए भी जरूरी है रेगुलर आई चेकअप

आंखें हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग होता है। इसकी प्रॉपर केयर किया जाना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए, बचपन से ही सही कदम उठाए जाने चाहिए। जब बच्चा स्कूल जाने लगता है, तभी उन्हें रेगुलर आई चेकअप करवाते रहना चाहिए। वैसे भी इन दिनों ज्यादातर बच्चे स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं। इसलिए, बहुत छोटी उम्र में ही बच्चों को आंखों से संबंधित समस्या हो जाती है। ऐसे में बचपन से ही आई चेकअप की मदद से आंखों की प्रॉब्लम का समय रहते पता लगाया जा सकता है। ध्यान रखें कि कई बार आंखें स्वस्थ लगती हैं। लेकिन, टेस्ट के जरिए उसकी सटीक स्थिति का पता चलता है।

एक्सपर्ट की सलाह

कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि हर व्यक्ति को, खासकर वयस्कों को हर दो साल में अपनी आंखों का चेकअप करवाना चाहिए। उन्हें लक्षणों का इंतजार नहीं करना चाहिए। कई बार लक्षण देर से उभरते हैं। जब तक मरीज सही ट्रीटमेंट करवाता है, तब तक बहुत देर हो जाती है। इस तरह की स्थिति से बचने के लिए रेगुलर आई चेकअप बहुत जरूरी होते हैं।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • आंखों की नियमित जांच कराना क्यों जरूरी है?

    आंखों की नियमित जांच हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। इससे आंखों से संबंधित बीमारियों के बारे में पहले ही पता लगाया जा सकता है। साथ ही कई अन्य बीमारियों के जोखिम का भी अंदाजा लग जाता है।
  • नियमित नेत्र जांच में क्या शामिल है?

    ज्यादातर रेगुलर आई टेस्ट में में स्लिट-लैंप परीक्षण, ऑटो रिफ्रेक्टोमीटर टेस्ट, विजुअल एक्विटी टेस्ट, आई प्रेशर टेस्ट और ओसीटी आई टेस्ट शामिल हैं।
  • आंखों का पावर कितना होना चाहिए?

    आंखों का पावर 6/6 या 20/20 को नॉर्मल माना जाता है। इसका मतलब है कि आप 6 मीटर या 20 फीट की दूरी पर रखी चीजों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।

 

 

 

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