मोटापा लंबी उम्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। इससे जिंदगी के 20 बेशकीमती साल टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोग जैसी जानलेवा बीमारियां के साये में गुजरने की आशंका बढ़ती है। साथ ही औसत व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा भी एक से आठ साल तक कम हो जाती है। कनाडा स्थ्ति मॉन्ट्रियॉल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने हालिया अध्ययन के अधार पर यह दावा किया है।
उन्होंने कंप्यूटर मॉडल के जरिये जीवन प्रत्याशा पर मोटापे का असर आंका। इस दौरान ज्यादा वजन वाले लोगों की जिंदगी के 20 साल टाइप-2 डायबिटीज और हृदयरोग के भेंट चढ़ने की बात सामने आयी। इतना ही नहीं, उनकी उम्र भी एक से आठ साल तक घटने का अनुमान लगा।
'द लैंसेट डायबिटीज एंड डीक्रोयोनॉलाजी' में छपे इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमाई) के आधार पर जीवन प्रत्याशा में आने वाली कमी को दर्शाया। 18.5 से 24.99 बीएमआई वाले लोगों को उन्होंने स्वस्थ्य वयस्कों की श्रेणी में रखा, जिनके टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोग के चपेट में आने की आशंका सबसे कम थी।
वहीं, 25 से 30 बीमएआई वाले लोगों को मोटा करार देते हुए जीवन प्रत्याशा एक से तीन साल घटने की बात कही। 30 यार उससे ज्याद बीएमआई वालों को शोधकर्ताओं ने टापइ-2 डायबिटीज और हृदयरोग के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील पाया।
इन लोगों की औसत आयु में उन्होंने पांच से आठ साल तक तक कमी आने अनुमान लगाया। बीएमाई वजन और लंबाई का अनुपात होता है। प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर स्टीवन ग्रावर के मुताबिक मोटापा सभी बीमारियों की जड़ माना जाता है। टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोगों के अलावा इसे कैंसर व स्ट्रोक का खतरा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
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