डॉक्टर्स के मुताबिक 6 महीने की उम्र तक शिशुओं को सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें बॉटल के दूध और दूसरे आहार दे सकते हैं। लेकिन ऐसा देखा जाता है कि बहुत सारे बच्चे बॉटल से दूध पीने में आनाकानी करते हैं और रोते हैं। ऐसे में मां को मजबूर होकर अपना ही दूध पिलाना पड़ता है। मगर बच्चे को सॉलिड फूड्स और बोतल से दूध पीने की आदत को डलवानी ही पड़ेगी क्योंकि धीरे-धीरे बच्चा जब बड़ा होने लगेगा, तो उसके शरीर के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व उसे मां के दूध से ही नहीं मिल सकते हैं।
आइए आपको बताते हैं कि बच्चे आमतौर पर बॉटल से दूध क्यों नहीं पीते हैं और अगर आपका बच्चा बोतल से दूध पीने में आनाकानी करता है, तो आप उसे किन तरीकों से दूध पिला सकते हैं।
आदत नहीं होती
शिशुओं को ब्रेस्ट से दूध पीने की तो आदत होती है, लेकिन प्लास्टिक बॉटल के निप्पल का आकार और स्पर्श बिल्कुल अलग होता है, इसलिए शुरुआत में बच्चे बॉटल से दूध पीने के अभ्यस्त नहीं होते हैं। हालांकि धीरे-धीरे कुछ बच्चे बॉटल से दूध पीना भी सीख जाते हैं और ब्रेस्ट मिल्क की आदत छोड़ देते हैं। मगर इन्हीं से कुछ बच्चे बहुत समय तक सीख नहीं पाते हैं या नाटक करते हैं। ऐसे बच्चों के बोतल से दूध न पीने के अन्य कारण हो सकते हैं।
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बोतल की पोजीशन गलत होना
बॉटल की गलत पोजीशन के कारण भी कई बार बच्चे ठीक से दूध नहीं पी पाते हैं और रोते रहते हैं। शुरुआत में बच्चे बॉटल को स्वयं पकड़कर दूध नहीं पिएंगे और बॉटल फेंक देंगे, इसलिए आपको उन्हें आदत पड़ने तक हाथ से बॉटल को सही पोजीशन में रखकर दूध पिलाना चाहिए।
बीमारी की वजह से
कई बार बच्चे बीमार या शारीरिक रूप से कमजोर हों, तो उन्हें भूख कम लगती है। अगर पिछले कुछ दिनों सी आपके बच्चे ने दूध पीते समय रोना, हाथ-पैर पटकना शुरू किया है, तो आपको उसके इशारे को समझना होगा और डॉक्टर से उसकी जांच करानी होगी, ताकि सही कारण का पता चल सके।
फॉर्मूला मिल्क का स्वाद खराब लगना
कई बार बच्चे बॉटल वाला दूध इसलिए भी नहीं पीते हैं कि उन्हें फॉर्मूला मिल्क या अन्य दूध का स्वाद नहीं पसंद आता है। शुरुआत में आपको कुछ समय तक उसे दूध पीने की आदत डलवानी पड़ेगी, तभी वो बाहर का दूध पिएगा।
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बच्चों को बोतल से दूध पिलाने की आसान ट्रिक्स
- बच्चे को हमेशा गोद में लेकर ही दूध पिलाएं। न कि बिस्तर पर लिटाकर या उसके हाथ में बॉटल थमाकर। कुछ समय के बाद जब आदत हो जाएगी, तो बच्चा स्वयं बॉटल पकड़कर दूध पीना सीख लेगा।
- बच्चे के सिर को सीधा या हल्का उठा हुआ रखें, ताकि दूध को गटकने में उसे कोई परेशानी न हो। अगर बच्चे का सिर नीचे की तरफ झुका होगा, तो वो दूध पीने के बाद उल्टी भी कर सकता है।
- बोतल की पोजीशन हमेशा 45 डिग्री के आसपास रखें, जिससे कि बच्चे को दूध पीने और गटकने में कोई परेशानी न हो।
- अगर बच्चा बॉटल से फार्मूला मिल्क नहीं पी रहा है, तो शुरुआत के कुछ दिनों में आप उसे बॉटल में ही ब्रेस्ट मिल्क भरकर पिलाएं।
- बच्चे को कभी भी ठंडा दूध न पिलाएं और न ही बहुत ज्यादा गर्म। हमेशा दूध का तापमान इतना रखें जैसा ताजे ब्रेस्ट मिल्क का होता है, यानी सामान्य से थोड़ा सा गर्म।
- अगर बच्चा बार-बार दूध पीने से मना कर रहा है या निप्पल से मुंह हटा रहा है, तो जबरदस्ती उसके मुंह में निप्पल न डालें। आप थोड़ी देर रुकने के बाद उसे दूध पिलाएं।
- अगर बच्चा बॉटल का दूध और ब्रेस्ट मिल्क दोनों ही ठीक तरह से नहीं पी रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये किसी बीमारी के कारण हो सकता है।
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