हड्डी बढ़ने को मेडिकल भाषा में ओस्टियोफाइट्स कहते हैं। इसमें शरीर के किसी भी अंग की हड्डी बढ़ने लग जाती है। जैसे हाथ, कंधा, गर्दन, ऐडी, कुल्हा आदि। जिस तरफ की हड्डी बढ़ती है उस तरफ एक उभार हो जाता है। हड्डी बढ़ने पर आमतौर पर कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन जब रगड़ की वजह से हड्डियों में दबाव बढ़ता है तब अकड़न महसूस होती है। दर्द, जलन आदि लक्षण दिखते हैं। आरवीटीबी अस्पताल ( Rajan Babu Institute of Pulmonary Medicine and Tuberculosis) में मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनुराग शर्मा से हमने समझा कि हड्डी बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं और इससे बचना कैसे है।
डक्टर अनुराग शर्मा का कहना है कि हड्डी बढ़ने को बोन स्पर या ओस्टियोफाइट्स (osteophytes) भी कहा जाता है। हड्डी बढ़ने में जब हड्डी में किसी तरह की खराबी आती है जिसे हड्डी खुद ही रिपेयर करती है। इस क्षतिपूर्ति के दौरान जब जमा हुआ कैल्शियम ज्यादा जमा हो जाता है। बार-बार डैमेज होता है और बार-बार कैल्शियम जमा होता है जिसकी वजह से हड्डी बढ़ती चली जाती है। ज्यादातर मामलों में हड्डी बढ़ने की समस्या का पता ही नहीं चलता, लेकिन जब कोई एक्सरे कराया जाता है तब पता चलता है कि हड्डी बढ़ गई है।
हड्डी बढ़ने की समस्या से सही जूते पहनकर, सही डाइट लेकर बचा जा सकता है। जब इन उपायों से फर्क नहीं पड़ता तब सर्जरी का सहारा लिया जाता है। सर्जरी हड्डी बढ़ने की समस्या का परमानेंट सोल्युशन है। तो आइए डॉक्टर अनुराग शर्मा से हड्डी बढ़ने की समस्या को विस्तार से समझते हैं।
हड्डी बढ़ने के लक्षण (Bone Spur Symptoms)
- जिस जोड़ से हड्डी निकली है उसमें दर्द हो सकता है।
- हड्डी के जोड़ में जकड़न महसूस होना।
- जोड़ों में दर्द होना।
- दबाने पर दर्द होना
- प्रभावित जगह के आसपास त्वचा पर सूजन आना
- ऐड़ी की हड्डी बढ़ने पर जमीन पर पैर रखने में परेशानी
- त्वचा पर जलन होना
- चलने-फिरने में दिक्कत होना
- हड्डी के बढ़ने से नसों का दबना
- नसों में दर्द होना
- गर्दन की हड्डी बढ़ी तो हाथों में दर्द हो सकता है।
- हाथ या पैर में चींटी काटने जैसी सेंसेशन महसूस होना।
- हाथों पैरों में जलन हो सकती है।
इसे भी पढ़ें : पैथोलोजिक फ्रैक्चर (बिना चोट लगे हड्डी टूटने) का कारण, लक्षण और इलाज
टॉप स्टोरीज़
हड्डी बढ़ने के कारण (Bone Spur Causes)
जब शरीर में हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाती है तब शरीर उस जगह की हड्डी जोडकर उसे ठीक करने की कोशिश करता है जिससे हड्डी बढ़ती है। इस जोड़ने में ज्यादा कैल्शियम जमा हो जाता है जिस वजह से हड्डी बढ़ती है। हड्डी बढ़ने के अन्य कारण निम्न हैं-
- गठिया के कारण हड्डी बढ़ सकती है
- बढ़ी हड्डी के साथ पैदा होना
- हड्डी की चोट
- रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना
हड्डी बढ़ने का परिक्षण कैसे किया जाता है? (Bone Spur Diagnosis)
डॉक्टर अनुराग शर्मा बताते हैं कि जब कोई मरीज हमारे पास आता है तब उसकी परेशानी सुनते हैं। मरीज की परेशानी की हिस्ट्री ली जाती है। कंफर्मेशन के लिए एक्सरे कराते हैं। कई बार हड्डी बढ़ने का एक्सरे से पता नहीं चलता तो सीटी स्कैन भी कराया जाता है। रीढ़ की हड्डी बढ़ने पर एमआरआई कराया जाता है। इन तरीकों से पता चलता है कि हड्डी कहां बढ़ी हुई है।
हड्डी बढ़ने से बचाव (Bone Spur Prevention)
हड्डी बढ़ने की वजह से जो दिक्कतें आती हैं, उनको कम करने वाले उपाय डॉक्टर अनुराग शर्मा ने बताए हैं। उन्होंने बताया कि यहां जो उपाय बताए जा रहे हैं उनसे हड्डी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन निम्न उपायों को अपनाकर हड्डी बढ़ने की वजह से आई दिक्कतों को कम किया जा सकता है।
दर्द निवारक दवाएं
डॉक्टर अनुराग का कहना है कि हड्डी बढ़ने की समस्या में सबसे पहले मरीज को दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। इन दवाओं से दर्द कम होता है। जोड़ों के पास सूजन कम होती है। जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द या मूवमेंट में दिक्कत कम होती है।
मूवमेंट में कमी करें
जब तक आपके जॉइंट्स का दर्द चला न जाए तब तक जिस जगह की हड्डी बढ़ी हुई उस अंग की मूवमेंट ज्यादा न करें। जब सूजन कम हो जाती है तब मूवमेंट बढ़ा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : हड्डी और नसों से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है गलत मैट्रेस (गद्दे) पर सोना, जानें कैसे चुनें सही मैट्रेस
आरामदायक जूते पहनें
अगर आपकी ऐड़ी की हड्डी बढ़ी है तो सही साइज के जूते पहनें। आरामदयक जूते पहनें। इससे आपकी हड्डी को ज्यादा डैमेज नहीं होगा और वो ज्यादा बढ़ेगी नहीं। जूते सही पहनने से ऐड़ी की हड्डी बढ़ने से बचा सकते हैं। गर्दन में बार-बार झटका न आए उसका ध्यान रखें। इसी तरह से रीढ़ की हड्डी के लिए ध्यान दें उससे रीढ़ की हड्डी के बढ़ने की समस्या से बचा जा सकता है। जॉइंट्स को बचाने से हड्डी बढ़ने की समस्या से बचा जा सकता है।
फिजोयोथेरेपी
डॉक्टर कहते हैं कि कुछ ऐेसे मामले होते हैं जिनमें फिजियोथेरेपी करानी पड़ती है। फिजियोथेरेपी से हड्डी बढ़ने के लक्षणों में आराम मिलता है।
पोषक तत्त्वों से भरपूर डाइट लें
हड्डी बढ़ने की समस्या से सही आहार और पोषक तत्त्वों से भरपूर आहार लेने से बचा जा सकता है। डाइट में विटामिन डी, कैल्शियम सही मात्रा में हो। ताकि हड्डी सही तरीके से रिपेयर हो सकती हो।
हड्डी बढ़ने का इलाज (Bone spur Treatment)
सर्जरी
डॉक्टर अनुराग का कहना है कि हड्डी बढ़ने का जो इलाज है वह सर्जरी ही है। जिससे हड्डी बढ़ने को कम किया जा सकता है। इन सब चीजों से हमारा काम नहीं चलता है कि हमने सभी उपाय अपना लिए और फिर भी आराम नहीं मिलता तब सर्जरी का विकल्प चुना जाता है। वे कहते हैं कि सर्जरी में हड्डी का बढ़ा हुआ हिस्सा काट दिया जाता है। उसके कटने की वजह से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। सर्जरी हड्डी बढ़ने का एक परमानेंट सोल्युशन है।
शरीर में किसी भी जगह हड्डी बढ़ सकती है। सही खानपान न करने की वजह से या चोट लगने की भी वजह से भी बढ़ सकती है। लेकिन बचावों को अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। हड्डी बढ़ने की समस्या के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर इससे बचा जा सकता है।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi