हड्डी और नसों से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है गलत मैट्रेस (गद्दे) पर सोना, जानें कैसे चुनें सही मैट्रेस

ज्यादा गद्देदार मैट्रेस पर सोने से हो सकती है गले से कमर दर्द की समस्या, सोने के लिए सख्त गद्दे का इस्तेमाल करें।

Satish Singh
Written by: Satish SinghUpdated at: Feb 03, 2023 16:54 IST
हड्डी और नसों से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है गलत मैट्रेस (गद्दे) पर सोना, जानें कैसे चुनें सही मैट्रेस

मलेरिया और डेंगू दिवस 2023: बुखार के कारण, लक्षण और रोकथाम गाइड - Onlymyhealth

आज के समय सभी सोने में आरामदायक गद्दे ( मैट्रेस) का उपयोग करना चाहते हैं। लेकिन ऐसे बिस्तर आराम वाली नींद तो देंगे लेकिन जीना हराम करने वाली शारीरिक समस्या उपहार स्वरूप देकर जाएंगे। अगर सोने में मैट्रेस का चयन ठीक से न हुआ तो आपको गले के दर्द से कमर दर्द की समस्या आ सकती हैं। सोनारी विजया होम्स के फिजियोथेपिस्ट डॉ. विवेक शर्मा बताते हैं कि हमेशा हमें बिस्तर पर सीधा सोना चाहिए। हम जिस बिस्तर पर नींद ले, उसपर करवट भी बदले तो शरीर हमेशा सीधा रहे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हमारे शरीर के विभिन्न अंग में दर्द हो सकता है। दिनभर की भागदौड़ के बाद लोग अच्छी नींद के लिए आरामदायक बिस्तर पर सोना पसंद करते हैं। लेकिन यह बिस्तर सुकून भरी नींद तो दे देता है लेकिन कई परेशानियों का शिकार बना देता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम मैट्रेस से होने वाली परेशानियों के बारे में जानते हैं व जानने की कोशिश करते हैं कि हमें किस प्रकार के मैट्रेस पर सोना चाहिए। 

ज्यादातर मैट्रेस होते हैं खतरनाक

डॉ. विवेक बताते हैं कि ज्यादातर बड़े-बड़े सॉफ्ट गद्दे (मैट्रेस) काफी खतरनाक होते हैं। ऐसे मैट्रेस पर सोने से शरीर का अलाइनमेंट ब्रेक हो जाता हैं। अगर एक पॉश्चर में छह से सात घंटे सोते हैं तो शरीर में टेढ़ापन आ जाता है। ऐसे बिस्तर पर छह से सात घंटे नींद लेने से गला, कंधा का दर्द होता है। गद्देदार मैट्रेस पर सोने से मांसपेशियों में खिंचाव इत्यादि की शारीरिक समस्या आती है। इंसानों में एक पॉश्चर में सोने की आदत होती है। अगर एक ही एंगल या पॉश्चर पर हम सोएंगे तो शरीर का रेगुलेशन और बॉडी का संतुलन बिगड़ जाता है। बहुत गद्देदार बिस्तर पर सोने से हमारी रीढ़ की हड्डी ऊपर-नीचे धनुष का रूप ले लेता है, जो हानिकारक होता है। इसलिए, डॉक्टर जिनको रीढ़ की हड्डी में कुछ खराबी है या जिन्हें रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई बीमारी, जैसे स्पॉन्डलाइसिस व अन्य है तो उन्हें जमीन पर सोने की सलाह देते हैं। गद्दे पर सोने पर शरीर के अलग-अलग पार्ट में जहां ज्यादा भार पड़ता है वहां दर्द होता है।

Back Pain

जिस मैट्रेस में अंगुली धंस जाए वो अच्छी नींद के साथ देंगे बीमारी

एक्सपर्ट बताते हैं कि मैट्रेस में अंगुली अगर एक इंच या आधा इंच से ज्यादा घुस जाए तो वह शरीर के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक है। कम्फर्ट के चलते आज लोगों की पहली पसंद गद्देदार बिस्तर हो गई है। लेकिन यह बहुत ही ज्यादा खतरनाक होती है। डॉ. विवेक ने बताया कि शार्ट टाइम के लिए ऐसे बिस्तर तो अच्छी नींद दे देते हैं लेकिन लांग टर्म के लिए ऐसे बिस्तर बॉडी को हार्म पहुंचाते हैं।

इसे भी पढ़ें : क्या सोने से पहले लगातार म्यूजिक सुनने से नींद पर पड़ता है बुरा असर? जानें डॉक्टर की राय

ऑर्थो मैट्रेस (सख्त गद्दे) का इस्तेमाल करें

सोने से शरीर के अंग में किसी प्रकार का दर्द न हो इसलिए एक्सपर्ट हमें ऑर्थो मैट्रेस (सख्त गद्दों) का इस्तेमाल करना चाहिए, यह कम आरामदायक होता है। लेकिन शरीर के लिए लाभकारी होता है। ऑर्थो मैट्रेस में मुश्किल से अंगुली एक या आधा इंच जा पाती है। आज के समय में वैसे लोग जिन्हें शरीर में दर्द की समस्या हो या फिर ऑथो की बीमारी से ग्रसित लोगों को एक्सपर्ट इन गद्दों का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। इसपर सोने के समय पेट के बल नहीं सोना चाहिए। ऐसी आदत से सिर में दर्द की समस्या रहती है। इस तरह से सोने से हमेशा गर्दन मुड़ी रहती है।

गद्देदार बिस्तर पर सोने से हो बदन दर्द तो जमीन पर सोएं

अगर आपको गद्देदार बिस्तर पर सोने से मांसपेशियों या बदन के अलग-अलग अंग में दर्द की समस्या आ रही तो आप जमीन, पलंग या फिर जिसकी सतह समतल है उसपर सोएं। डॉ. विवेक ने कहा- पहले के जमाने में लोग जमीन पर ही सोना पसंद करते थे। आज भी कई ऐसे लोग हैं जो आरामदायक बिस्तर की बजाय जमीन पर सोना पसंद करते हैं। इसके कई फायदे होते हैं। जमीन पर सोने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, मांसपेशियों को आराम मिलता है। कंधे, कूल्हों व पीठ दर्द भी जमीन पर सोने से खत्म होती है। गद्देदार बिस्तर आपको मजेदार तो लगता है लेकिन आपको जमीन पर मिलने वाली नींद जैसा आराम नहीं देता। इसलिए जब नींद न आए तो आप जमीन पर सोकर देखें आपको आराम जरूर मिलेगा। जमीन पर सोने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है गद्दे पर सोना पीठ को नुकसान पहुंचाता है।

इसे भी पढ़ें : रात को नींद से उठकर खाने का मन करता है? जानें क्या है इस आदत का कारण और उपाय 

जमीन पर सोने से सायटिका के दर्द से राहत

डॉ. विवेक बताते हैं कि जमीन पर सोने से सांस संबंधी भी परेशानी नहीं होती। जमीन पर सोने से आप सायटिका के दर्द में राहत पा सकते हैं। सायटिका का दर्द एक बुरे सपने जैसा हो सकता है। इसकी वजह आपके शरीर पर या नसों पर गलत जगह दबाव पड़ना हो सकता है। लेकिन आपको कोई गंभीर चोट लगी है तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही जमीन पर सोएं। हड्डियों की समस्या हो तो जमीन पर न सोएं। बरसात या सर्द मौसम में जमीन पर सोना संक्रमण की बीमारी दे सकता है। ऐसे समय सख्त गद्दे पर सोए जमीन पर न सोएं।

गद्देदार मैट्रेस पर सोने से ये होती है समस्या

  • रीढ़ की हड्डी का टेढ़ा होना
  • सांस लेने में समस्या
  • कंधे, कूल्हों में दर्द
  • हाथ –पैर में दर्द होना
  • ब्लड सर्कुलेशन कम होना
  • गले में दर्द होना इत्यादि
  • सायटिका का दर्द

मैट्रेस में सोने से हो रहा है दर्द तो एक्सपर्ट से लें सलाह

यदि आपको भी मैट्रेस पर सोने से दर्द की समस्या हो रही है तो बेहतर यही होगा कि आप जमीन पर सोएं। वहीं डॉक्टरी सलाह लें, ताकि आपकी समस्या को लेकर आप उचित परामर्श ले सकें। यदि इस समस्या का जल्द हल न निकाला गया तो आगे चलकर लोगों को काफी समस्या हो सकती है। पीठ, कमर, गर्दन दर्द सहित अन्य बीमारी और परेशानी हो सकती है। इससे पहले की बीमारी बढ़ जाए लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो डॉक्टरी सलाह लेकर उपचार करवाएं।

Read more articles on- Diseases on Miscellaneous

Disclaimer