
अमेरिका की सेंटलुईस यूनिवर्सिटी में भारतीय शोधकर्ता रत्ना रे ने करेले की कड़वाहट को कैंसर से बचाव में कारगर पाया, जानने के लिए पढ़ें यह न्यूज।
स्वाद में कड़वा होने के कारण शायद करेला आपको पसंद न हो, लेकिन इसका सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इसलिए इसकी कड़वाहट पर न जाकर इसके गुणों पर ध्यान दें। अभी तक यह माना जाता था कि करेले के सेवन से डायबिटीज में फायदा मिलता है, लेकिन अब अमेरिका में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि करेला कैंसर से बचाव में भी मददगार होता हैं।
अमेरिका की सेंटलुईस यूनिवर्सिटी में एक भारतीय शोधकर्ता रत्ना रे ने करेले की कड़वाहट को कैंसर से बचाव में कारगर पाया। शोधकर्ता रत्ना के अनुसार, करेले में मौजूद रसायनिक तत्व कैंसर युक्त कोशिकाओं को ग्लूकोज का इस्तेमाल करने से रोकता है, क्योंकि इससे इन कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है। ग्लूकोज की आपूर्ति बंद होने से कैंसर युक्त कोशिकाएं दम तोड़ने लगती हैं।
करेला सिर, गले और आंतों के कैंसर से हमारे शरीर का बचाव करता है। करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला किया जा सकता है। प्रोफेसर रे के अनुसार करेले से भविष्य में ऐसी दवाएं विकसित की जा सकेंगी, जो बिना साइड इफेक्ट्स के कैंसर युक्त कोशिकाओं को नष्ट कर सकेंगी।
करेले में कॉपर, आयरन और पोटैशियम होता है। करेला खाने से शरीर का ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर नियंत्रित रहता है। करेला शरीर में क्षारीय प्रभाव डालता है जिससे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
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