हाल ही में हुये एक अध्ययन में यह सामने आया है कि घातक बीमारियों की तुलना में दिमागी तनाव ज्यादा खतरनाक है। इस अध्ययन में यह परिणाम दिखे कि लोग एचआईवी, टीबी और डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों की वजह से कम लेकिन डिप्रेसिव डिसऑर्डर के कारण ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं और यह इससे उनकी मौत भी हो रही है।
एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में बीमारियों की वजह से हो रही मौतों में से 40 प्रतिशत हिस्सेदारी दिमागी डिसऑर्डर से जुड़ी है। इस अध्ययन में 187 देशों को शामिल किया गया था। 2010 में डिप्रेसिव डिसऑर्डर के कारण होने वाली मौतों की संख्या 2 लाख 32 हजार थी। इसकी शिकार 14 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियां सबसे ज्यादा हुईं।
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि काम के बीच में खुद को थोड़ा सा ब्रेक दें। यदि आप किसी काम के कारण बहुत ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं तो समझ लीजिए कि खुद को एक छोटा सा ब्रेक देने का समय आ गया है। तनाव ज्यादा हो अपने कार्यस्थल पर ही थोड़ी देर का ब्रेक लीजिए, थोड़ी देर के लिए कुर्सी से उठकर कहीं और चले जाएं।
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, "काम के तनाव को कम करने के लिए काम के बीच में ही 10-15 मिनट का वक्त खुद के साथ गुजारना जरूरी है, इसके लिए कैफेटेरिया या ऑफिस का टेरिस भी चुन सकते हैं।"
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