भिलावा का फल और बीज दोनों हैं कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी, जानें इसके फायदे, नुकसान और प्रयोग का तरीका

भिलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आसाम आदि जगहों पर पाया जाने वाला एक देसी फल है। ये कई बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद होता है।
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भिलावा का फल और बीज दोनों हैं कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी, जानें इसके फायदे, नुकसान और प्रयोग का तरीका


हमारी प्रकृति अपने आप में कई औषधीय गुणों वाले फलों-पौधों को संजोए हुए है, जिनके उपयोग करके हम न केवल प्राकृतिक रूप से अपने आपको स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि बड़ी से बड़ी बीमारी से भी बच सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही प्राकृतिक औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बहुत सारे लाभ हैं । इसे भिलावा या भेलवा के नाम से जाना जाता है। महाराष्ट्र में इसे बिब्बा के नाम से जानते हैं। इसके फल और बीज दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।

उपयोग के लिए इसके फल और बीज से तेल निकालकर हाथ और पैर के तलवे में अच्छे से मालिश कर सकते हैं। इससे मांसपेशियों के दर्द में भी काफी आराम मिलता है। इसके तेल को निकालने की भी अलग विधि है। दरअसल इसके फल को गर्म करके उसके आगे वाले हिस्से में सुई चुभाई जाती है और इसका तेल निकाला जाता है। फिर उसी सुई की मदद से आप अपने पैर के तलवे और एड़ियों में इस तेल का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अनगिनत फायदे है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।

भिलावा के फायदे 

1. गर्भवती महिलाओं के लिए है फायदेमंद 

भिलावा के फल को गर्भवती महिलाओं को खिलाया जाता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और ये उनके लिए बेहद लाभदायक होते हैं। कुछ आदिवासी समुदाय के लोग बच्चा होने के बाद इसे घर के आसपास जलाते है ताकि किसी भी तरह के कीटाणु महिला और बच्चे के पास न पहुंचे।

 2. पेट और सांस की तकलीफ से मिलेगी राहत

इसके अलावा भिलावा को खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके सेवन से आंतों की समस्या और सांस लेने में आ रही परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। ये फल पुरुषों के लिए भी बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है, यानी पुरुषों के लिए ये फर्टिलिटी बूस्टर की तरह काम करता है।

3. त्वचा रोगों के लिए भी है असरदार 

भिलावा का प्रयोग कई त्वचा रोगों को भी ठीक करने के लिए किया जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल काफी सावधानी से किया जाता है। त्वचा के अलावा यह बवासीर और स्नायु दुर्बलता ठीक करने में भी सहायक होता है।

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Photo Credit - Amazon.com

4. पित्त स्राव ठीक करने में कारगर 

भिलावा के पित्त स्राव को ठीक करने के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसकी सेवन से लिवर सेहतमंद रहता है पित्त स्राव ठीक होता है, जिससे भूख लगती है और रक्त संचार बेहतर होता है।  

कैसे करें उपयोग 

1.  भिलावा जोड़ों का दर्द कम करने में भी मददगार होता है। इसके लिए एक भाग भिलावा, 6 भाग काजू और एक भाग शहद को अच्छे से मिलाकर 2 ग्राम दिन में चार बार लेने से जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है।

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2. घेंघा के उपचार में भी भिलावा का सेवन बहुत लाभकारी होता है। इसके लिए कुल मात्रा में 2 भाग भिलावा , 2 भाग अजवाइन और 1 भाग पारद अच्छे से मिलाकर इसकी छोटी-छोटी गोली बना लें और दही के साथ इसका सेवन करें।

3. इसके अलावा भिलावा बवासीर में भी काफी लाभकारी होता है। इसके लिए भिलावा, हरड़ और तिल समान मात्रा में लें और इस मिश्रण में दुगने मात्रा में गुड़ मिलाकर इसका सेवन करने बवासीर की परेशानी में आराम मिलता है।

4. भिलावा और लहसुन के मिश्रण का उपयोग कालरा (हैजा) जैसी समस्या से भी आराम मिलता है।

भिलावा के नुकसान

भिलावा की तासीर गर्म होती है इसलिए शरीर पर सीधे इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसका उपयोग संतुलित मात्रा और उपयुक्त मिश्रण के साथ करना चाहिए। बिना डॉक्टरी सलाह के इसका उपयोग न करें।

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