आज कब्ज (Constipation) एक ऐसी समस्या का नाम बन चुका है जिससे हर कोई परेशान है अक्सर लोगों के बीच यही सुनने को मिलता है कि पेट ठीक नही या सही से पेट साफ नहीं हुआ। यह कब्ज की समस्या भले ही हम आप लोगों को सुनने में बहुत छोटी लगे किंतु कब्ज हमारे शरीर में ना जाने कितनी घातक बीमारियों को जन्म दे सकती है। कई बार कब्ज के कारण आपका किसी काम में मन नहीं लगता है। कब्ज के मरीज का पेट अक्सर भारी और फूला रहता है। कब्ज को दूर करने के लिए लोग न जाने कितने नुस्खों और दवाओं का सेवन करते हैं परंतु कुछ समय के लिए तो आराम मिल जाता है किन्तु जड़ से ठीक नहीं होती है, और इन दवाओं के नियमित सेवन से सेहत को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है।
आशा आयुर्वेदा की डॉ चंचल शर्मा का कहना है कि अक्सर गैस जैसी समस्या से निपटने के लिए प्राकृतिक तरीकों को अपनाना चाहिए। तो आइये हम आपको बताते हैं कुछ आयुर्वेद के उपचार के बारे में जो आपको कब्ज से राहत दिलाएंगे।
डॉ चंचल शर्मा कहती है "आयुर्वेद में कब्ज को विबंध (Vibandha) के नाम से जाना जाता है, जिसे लोग शुरु में एक छोटी सी समस्या समझते है परंतु यह बाद में धीरे-धीरे बहुत ही खतरनाक हो जाती है जिसका समय से उपचार न किया गया तो स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन जाती है।"
आयुर्वेद से कब्ज का उपचार कैसे करते हैं?
कब्ज को कई रोगों का कारण माना जाता है क्योंकि कोई भी बीमारी हमारी पेट से ही जन्म लेती है इसलिए पेट को हमेशा ठीक करके रखना चाहिए। आजकल अधिकतर लोगों को सुबह ठीक से पेट न साफ होने में बहुत बड़ी परेशानी होती है। डॉ चंचल शर्मा का कहना है कि खराब खान पान के कारण तथा दिनचर्चा में अनियमितता होने के कारण कब्ज की समस्या होना एक आम बात हो गई है। यदि खानपान और दिनचर्चा पर कुछ बातों का ध्यान रखें तो कब्ज़ की समस्या से आसानी से निजात पायी जा सकती है।
आयुर्वेद में कब्ज ठीक करने के लिए शरीर में जमा मल को बाहर निकालने के लिए आयुर्वेद में बहुत सारी प्राचीन पद्धतियों का उल्लेख मिलता है। जैसे कि- स्नेहन इस क्रिया के द्वारा शरीर में तेल या फिर घी लगाकर विषाक्त पदार्थो को बाहर निकाला जाता है। दूसरी है- स्वेदन इसके द्वारा शरीर का पसीना निकाला जाता है। इसी प्रकार और भी है जिनका नाम इस प्रकार है- विरेचन अर्थात शुद्दिकरण और बस्ती (एनिमा) इत्यादि के द्वारा कब्ज जैसी गंभीर बीमारी को आयुर्वेद के द्वारा बिना किसी साइड इफैक्ट के ठीक किया जाता है।
हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बता रहे है कि यदि कब्ज के मरीज अपनी डाइट में यह छोटा सा बदलाव आते है और जीवनशैली में आयुर्वेद के उपायों को अपनाते है तो हमेशा के लिए कब्ज से छुटकारा पा सकते है।
कब्ज होने के मुख्य कारण
- समय पर खाना न खाना, रात में देर से खाना खाना और खाने के बाद तुरंत सो जाना।
- पानी का कम सेवन करना।
- तले पदार्थो का अत्यधिक सेवन करना।
- हमेशा एक जैसा ही भोजन करना।
- खाना खाने के बाद एक जगह पर ही बैठे रहना।
- दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन करना।
कब्ज होने वाले मरीज अपनी डाइट प्लान में इन चीजों को करें शामिल
- पुराने चावल तथा गेहू को अपने भोजन में शामिल करना।
- अरहर की दाल एवं मूंल की दाल का सेवन करना।
- अपने भोजन में हरी सब्जियां, पपीता, लौकी, तरोई, परवल, करेला, कददू, गाजर, मूली, खीरा, इत्यादि सब्जियों को भोजन में शामिल करें।
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कब्ज होने पर इन चीजों से हमेशा के लिए बनाएं दूरी
- मैदा एवं मैदे से बनी चीजों से दूरी बनायें तथा नये चावल का सेवन करने से बचें।
- मटर एवं चने की दाल का ज्यादा सेवन न करें।
- आलू एवं कंदमूल का अधिक सेवन न करें।
- इसके अलावा आइसक्रीम, डिब्बा बंद खाद्य भोजन, अधिक तेल वाली चीजें, अचार, तेल, घी, ज्यादा नमक, कोल्ड ड्रिंक्स, बेकरी प्रोडक्ट, जंक फ़ूड का सेवन करने से बचें।
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कब्ज होने पर लायें अपनी दिनचर्चा में ये बदलाव
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा के अनुसार कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद के नुस्खों के साथ-साथ दिनचर्या में परिवर्तन लाना भी बहुत आवश्यक है। दिनचर्चा से जुड़े कुछ प्रमुख परिवर्तन नीचे दिये गए हैं।
- प्रतिदिन सुबह उठकर व्यायाम करें और टहलने की आदत बनायें।
- भोजन हमेशा समय पर ही करें और भोजन करने के बाद कुछ देर तक टहले जरुर।
- रात को जल्दी सो जायें और सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें।
- तनाव को कम करें तथा एक जगह पर बैठकर काम न करें थोडी-थोडी में कुर्सी छोड कर इधर उधर जरुर घूमें।
- योगासन को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनायें।
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आयुर्वेद के अनुसार कब्ज होने पर रखें इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान
- हमेशा हल्का, ताजा और संतुलित भोजन करें।
- भोजन को धीरे-धीरे चबाकर करें।
- अत्यधिक भोजन करने से बचें एवं थोडा-थोडा करके तीन बार बार में भोजन करें।
- एक हफ्ते में एक बार उपवास जरुर करें।
- भोजन करने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
- सूर्य निकलने से पहले ही बिस्तर छोड़ दें।
- सुबह जल्दी उठकर खाली पेट एक दो गिलास गर्म पानी पीने की आदत डालें और नाश्ते से पहले आंवला या एलोवेरा का जूस भी ले सकते है।
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