
अक्सर पीठ में रहने वाले दर्द को हम हल्के में लेते हैं। लेकिन, एक शोध के नतीजों के बाद शायद आप ऐसा न करें। इस शोध में कहा गया है कि मामूली समझे जाने वाला पीठ दर्द असर में कई गंभीर बीमारियों होने की ओर इशारा करता है। बचपन से इस दर्द को झेलते रहने वालों को बाद के जीवन में कई परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है।
पीठ दर्द से बचने के लिए आप दर्दनिवारक दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन इससे अस्थायी राहत ही मिलती है। स्थायी तौर पर इससे मदद मिल पाना संभव नहीं।
बर्मिंघम ब्लेडर क्लिनिक और क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल, बर्मिंघम के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ जकी अल्मालह के अनुसार, महिलाओं में कई बार किडनी, मूत्राशय और पिताशय की बीमारियों को भी गलती से पीठ का दर्द मान लिया जाता है। वह कहती हैं कि लोग अक्सर इसके लिए अपने पलंग या कभी चोट लगने को जिम्मेदार मानने हैं।
कैंसर रिसर्च यूके के प्रमुख कहते हैं कि अगर आप शरीर के कुछ भी असामान्य बदलाव महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। वह कहते हैं कि बिना किसी कारण के पीठ में होने वाले दर्द के बारे में अच्छे डॉक्टर फौरन ही कई किस्म की जांच कराने की सलाह देते हैं। डाक्टर अल्लालह प्रभावी संचार की सलाह देते है कि उनके अनुसार अगर दर्द निवारक दवाएं राहत देने में कारगर नहीं साबित हो रही हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
रीढ़ की हड्डी में रहने वाला यह दर्द पाचक ग्रांथि में सूजन और कैंसर जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। लंदन के रॉयल हॉस्पिटल के डॉक्टर स्टीव पेररा का कहना है कि इस बीमारी का पता चलने से पहले 20 से 30 प्रतिशत महिलाएं डॉक्टर से पीठ के दर्द की शिकायत करती हैं। कई मामलों में यह दर्द फेफड़ों, मलाशय और कभी कभार गर्भाशय के कैंसर से संबंधित हो सकता है।
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