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नवजात शिशु काफी समय तक पेशाब न करे तो पैरेंट्स को क्या करना चाहिए? जानें डॉक्टर से

What To Do If Newborn Is Not Passing Urine In Hindi: नवजात शिशु काफी समय तक पेशाब न करे, तो यह सही स्थिति नहीं है। यह कई तरह की बीमारियों और स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करता है। जानें, ऐसी कंडीशन में पैरेंट्स क्या करें-
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नवजात शिशु काफी समय तक पेशाब न करे तो पैरेंट्स को क्या करना चाहिए? जानें डॉक्टर से

What To Do If Baby Is Not Passing Urine In Hindi: आपने कई बार नोटिस किया होगा कि नवजात शिशु एक या दो दिन में मल त्याग करता है, लेकिन पेशाब करने की फ्रिक्वेंसी अधिक बनी रहती है। बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि नवजात शिशु भले कम मल त्याग करे, लेकिन पेशाब की फ्रिक्वेंसी लगातार बनी रहनी चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो नवजात शिशु के पेशाब के जरिए उसके स्वास्थ्य के बारे में कई बातों का पता लगाया जा सकता है। पेशाब के रंग से पता लगाया जा सकता है कि कहीं नवजात शिशु की बॉडी डिहाइड्रेट तो नहीं है या उसे किसी तरह की दिक्कत तो नहीं हो रही है। यहां तक कि नवजात शिशु के पेशाब करने का पैटर्न भी मायने रखता है। अगर किसी वजह से नवजात शिशु लंबे समय तक पेशाब न करे, तो यह सही संकेत नहीं है। ऐसा होने पर पैरेंट्स को एलर्ट हो जाना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कि अगर नवजात शिशु लंबे समय तक पेशाब न करे, तो पैरेंट्स को क्या करना चाहिए। इस बारे में हमने दिल्ली स्थित जिविशा क्लिनिक में  Pediatrician डॉ. अंकित गुप्ता से बात की।


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नवजात शिशु लंबे समय तक पेशाब न करे तो पैरेंट्स क्या करें?- What If Baby Is Not Passing Urine In Hindi

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यूरिन को मोनिटर करें

ध्यान रखें कि नवजात शिशु थोड़ी-थोड़ी देर में पेशाब करते हैं। वे सिर्फ दूध पीते हैं। इसलिए, कई बार पॉटी कम करते हैं, लेकिन दिन भर में कई बार पेशाब करते हैं। अगर किसी वजह से नवजात शिशु पेशाब नहीं कर रहा है, तो पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे की पेशाब करने की फ्रिक्वेंसी पर गौर करें। वे एक दिन में कितनी बार पेशाब कर रहे हैं, इसे मोनिट करें।

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बच्चे को हाइड्रेट रखें

अगर नवजात शिशु की पेशाब करने की फ्रिक्वेंसी और क्वांटिटी दोनों कम है, तो ऐसे में पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे शिशु की बॉडी को हाइड्रेट रखें। अब बच्चा 6 माह से छोटा है, तो मां को चाहिए कि वे बच्चे को बार-बार स्तनपान कराएं। इससे बच्चे की बॉडी हाइड्रेट होगी और पेशाब करने की फ्रिक्वेंसी बढ़ेगी। यही नहीं, बार-बार दूध पीने से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार होता है और उसकी ग्रोथ भी बेहतर होती है।

डॉक्टर से मिलें

अगर बच्चा किसी भी वजह से पेशाब कम करता है, तो इसकी अनदेखी बिल्कुल न करें। यह स्थिति बिल्कुल सही नहीं है। अगर आपके बच्चा ऐसा करता है, तो बिना देरी किए बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाएं। खासकर, अगर आपने नोटिस किया है कि बच्चा करीब 12 घंटे से पेशाब नहीं कर रहा है और उसे बुखार के भी लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट से मुलाकात करके बच्चे की हेल्थ का जांच करवाएं।

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वजह पर ध्यान दें

बच्चा पेशाब कम क्यों कर रहा है, यह जानने की कोशिश करें। जैसे, पेशाब ने करने की वजह से डिहाइड्रेशन के अलावा कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे यूरिन इंफेक्शन या यूरिनरी ट्रैक्ट में किसी तरह की दिक्कत का होना। ये दोनों स्थितियां नवजात शिशु के लिए सही नहीं है। इस तरह की परेशानी की अनेदखी किया जाना सही नहीं है। ध्यान रखें कि कई बार लंबे समय तक पेशाब न करना किडनी से संबंधित बीमारियों की ओर भी इशारा करता है।

एक्सपर्ट की सलाह

अगर बच्चा 12 घंटे तक पेशाब नहीं करता है, तो पैरेंट्स को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें यह नोटिस करना चाहिए कि वे पूरे दिन में बच्चे को कितनी बार दूध पिला रहे हैं। सबसे पहले नवजात शिशु को दूध पिलाने की फ्रिक्वेंसी बढ़ानी चाहिए। इसके बाद, अगर बच्चे की पेशाब करने की फ्रिक्वेंसी में सुधार न हो, तो बिना देरी किए एक्सपर्ट से मिलना चाहिए। जरूरी हो तो यूरिन ट्रैक्ट और किडनी से संबंधित जरूरी जांच करवानी चाहिए। इस संबंध में डॉक्टर की राय अधिक मायने रखती है।

All Image Credit: Freepik

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