शिशुओं के खराब स्वास्थ्य का पता लगाना हर माता-पिता के लिए मुश्किल होता है। बड़े बोलकर अपनी समस्याएं और दर्द बता सकते हैं, लेकिन शिशु सिर्फ रोकर ही अपनी तकलीफ बयां कर पाते हैं। जन्म के पहले साल हर शिशु को मौसम के अनुसार खुद को ढालने में समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसे में उनके खराब स्वास्थ्य के बारे में जानना हर पेरेंट्स के लिए मुश्किल हो जाता है। जिस कारण कई बार शिशुओं की हालत गंभीर हो सकती है और उनकी जान पर भी बन आती है। किरण मल्टीसुपरस्पेशलिटी अस्पताल के पीडियाट्रिशन और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ पवन मंडाविया ने अपने ऐसे ही 9 गंभीर संकेतों के बारे में बताया है, जो शिशुओं के लिए खतरे का संकेत हो सकते हैं।
शिशुओं के स्वास्थ्य में खतरे के 9 संकेत जो हर मां को पता होने चाहिए - 9 Danger Signs in Newborns Health That Every Mother Should Know in Hindi
- 24 घंटे तक बच्चा पेशाब न करें, तो यो यूरिन से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है।
- शिशु के शरीर का तापमान 100.4 या इससे अधिक होने पर उसे बुखार हो सकता है।
- शिशुओं को प्रोजेक्टाइल वोमिटिंग होना, जिसमें वे अपने मुंह या नाक से दूध की उल्टी करते हैं।
- शिशु के दिल की धड़कने बहुत तेज चलना भी उनके बिगड़े स्वास्थ्य की ओर इशारा करते हैं। इसलिए एक मिनट में 60 से ज्यादा बार शिशु के सांस लेने को नजरअंदाज न करें।
- नवजात शिशु के होंठ का रंग नीला पड़ना भी उनके बुरे स्वास्थ्य का लक्षण होता है।
- डिस्चार्ज के साथ या बिना डिस्चार्ज के गर्भनाल के आसपास रेडनेस या सूजन होना भी शिशु के खराब स्वास्थ्य का कारण हो सकता है, जिसे इग्नोर करना सही नहीं होता है।
- शिशु के दूध पीने से इंकार करना, दूध देखते ही रोने लगना उनके बुरे स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है।
- शिशु के जागने में मुश्किल होने की समस्या को भी नजरअंदाज न करें और तुरंत उन्हें डॉक्टर को दिखाएं।
- त्वचा का रंग पीला पड़ना, आंखों का रंग सफेद होना, मुंह से बलगम निकलना जैसे पीलिया के लक्षण नजर आना।
घर पर शिशुओं का ख्याल रखने के टिप्स - Tips to take care of babies at home in Hindi
- शिशु को स्वच्छ रखें
- बच्चे को बार-बार दूध पिलाएं
- शिशु को गोद में लेने से पहले हाथों को साफ कर लें
- किसी मेहमान या घर के अन्य सदस्यों को शिशु को किस करने से रोकें।
- शिशु के सिर और गर्दन को सहारा दें
- शिशु को दिन में थोड़े समय टमी टाइम जरूर दें।
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अगर आपको भी बच्चों में ये स्वास्थ्य लक्षण नजर आते हैं, तो बिना समय गवाए उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं और सही समय पर सही इलाज देने की कोशिश करें।
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