कमर दर्द की दवाई खाने से जरूर लें डॉक्‍टर की सलाह, क्‍योंकि दुष्‍प्रभाव है जानलेवा

मर दर्द के सही इलाज के अभाव में मरीज पैर खोने के कगार पर पहुंच जाता है और उसकी किडनी को जबर्दस्त नुकसान पहुंचने के कारण किडनी के पूरी तरह से फेल हो जाने की आशंका बढ़ जाती है। 
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कमर दर्द की दवाई खाने से जरूर लें डॉक्‍टर की सलाह, क्‍योंकि दुष्‍प्रभाव है जानलेवा


अक्सर लोग कमर दर्द में एक के बाद एक डॉक्टर को बदलते रहते हैं। इसके अलावा दर्द निवारक दवाओं की ब्रांड भी बदलती है। कुछ लोग डॉक्टर के पास जाना तो दूर, स्वयं ही डॉक्टर का रोल अदा करने लगते हैं और मेडिकल स्टोर के काउंटर से दर्द निवारक दवाएं खरीदते हैं। कमर दर्द के सही इलाज के अभाव में मरीज पैर खोने के कगार पर पहुंच जाता है और उसकी किडनी को जबर्दस्त नुकसान पहुंचने के कारण किडनी के पूरी तरह से फेल हो जाने की आशंका बढ़ जाती है। 

 

इलाज की विधियां  

एंजियोग्राफ्री के परिणाम के आधार पर कमर के अंदर रक्त की नली में कितनी और कहां तक रुकावट है, इसका पता लगता है। इस जानकारी के बाद ही इलाज का सही निर्धारण होता है। अनेक मरीजों के मामलों में आर्टरी बाईपास नामक ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। इसके लिए विदेशों से आयातित खून की कृत्रिम नलियों का इस्तेमाल किया जाता है।

कुछ मरीजों में एंजियोप्लास्टी व स्टेंटिंग का इस्तेमाल किया जाता है, पर इसके लिए उपयुक्त मरीजों का सही चयन होना अत्यंत आवश्यक है। कौन सा मरीज किस इलाज के लिए उपयुक्त है, इसका चयन आपके वैस्क्युलर सर्जन ही करेंगे। इलाज की सफलता में आपका नित्य टहलना और कुछ आवश्यक व्यायामों का बड़ा महत्व है। 

क्या करें 

सबसे पहले यह समझ लें कि दर्द निवारक दवा का सेवन कमरदर्द का स्थायी इलाज नहीं है। अगर आप डायबिटीज से ग्रस्त हैं और कमरदर्द से पीड़ित है तो शीघ्र ही किसी वैस्क्युलर सर्जन से परामर्श लें। और पेट के अंदर स्थित खून की मोटी नली व जांघ को जाने वाली नलियों की जांच करवाएं। कमरदर्द से पीड़ित डायबिटीज के मरीज हमेशा ऐसे अस्पतालों में जाएं जहां किसी अनुभवी वैस्क्युलर या कार्डियो वैस्क्युलर सर्जन की उपलब्धता हो।  

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धूम्रपान से बचें 

अगर डायबिटीज का मरीज कमर दर्द से ग्रस्त है और धूम्रपान या तंबाकू का नियमित सेवन कर रहा है, तो यकीन मानें कि वह देर सबेर अपनी टांगें खो सकता है। 

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