बवासीर या पाईल्स, इसका चिकित्सकीय नाम हैमरॉइड है। बवासीरकी बीमारी होने पर इसका का दर्द बेहद असहनीय होता है। आजकल बवासीर की बीमारी कई लोगों में देखने को मिलती है। देखा जाए, तो बवासीर की बीमारी विशेष रूप से बदलती दिनचर्या और खानपान के कारण से होती है। बवसीर की बीमारी का यदि समय पर यह ज्यादा दर्द देने वाली हो सकती है, जो कि खूनी बवासीर का रूप ले सकती है। बवासीर दो तरह की होती है- बाहरी व अंदरूनी बवासीर। अंदूरूनी बवासीर में मलाशय के आस-पास की नसों में सूजन होती है और बाहरी बवासीर में गूदे के बाहर सूजन होती है। यदि आप भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आप इन आयुर्वेदिक तरीकों से बवासीर के छुटकारा पा सकते हैं।
नींबू
डेढ़-दो कागजी नींबू अनिमा के साधन से गुदा में लें। 10-15 मिनट के अंतराल के बाद थोड़ी देर में इसे लेते रहिए उसके बाद शौच जायें। यह प्रयोग 4-5 दिन में एक बार करें। इसे 3 बार प्रयोग करने से बवासीर में लाभ होता है।
जीरा
करीब दो लीटर मट्ठा लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और थोडा नमक मिला दें। जब भी प्यास लगे तब पानी की जगह यह छाछ पियें। चार दिन तक यह प्रयोग करने से बवासीर के मस्से ठीक हो जाते है। या आधा चम्मच जीरा पावडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें।
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जामुन
जामुन की गुठली और आम की गुठली के अंदर का भाग सुखाकर इसको मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
इसबगोल
इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्सा ज्यादा दर्द भी नही करता।
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बड़ी इलायची
बड़ी इलायची भी बवासीर को दूर करने का बहुत ही अच्छा उपचार है। इसे सेवन करने के लिए लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लीजिए। रोज सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।
किशमिश
रात को 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगों दें और इसे सुबह के समय में इसे उसी पानी में इसे मसल दें। इस पानी को रोजाना सेवन करने से कुछ ही दिनों में बवासीर रोग ठीक हो जाता है।
अन्य उपाय
चौथाई चम्मच दालचीनी चूर्ण एक चम्मच शहद में मिलाकर प्रतिदिन एक बार लेना चाहिए। इससे बवासीर नष्ट हो जाती है। हरड या बाल हरड का प्रतिदिन सेवन करने से आराम मिलता है। अर्श (बवासीर) पर अरंडी का तेल लगाने से फायदा होता है। साथ ही नीम का तेल मस्सों पर लगाइए और इस तेल की 4-5 बूंद रोज पीने से बवासीर में लाभ होता है। आराम पहुंचानेवाली क्रीम, मरहम, वगैरह का प्रयोग आपको पीड़ा और खुजली से आराम दिला सकते हैं।
इन औषधियों के प्रयोग के अलावा अपनी आंतों की गतिविधियों को सामान्य रखने के लिये, फल, सब्ज़ियां, ब्राउन राईस, ब्राउन ब्रेड जैसे रेशेयुक्त आहार का सेवन कीजिए। ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन कीजिए।
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