Ayurvedic Treatment Of Gastritis: पेट में होने वाला दर्द गैस्ट्राइटिस हो सकता है। गैस्ट्राइटिस, पेट की परत में होने वाली सूजन को कहा जाता है। यह पाचन से जुड़ी एक समस्या है, जो मरीज के लिए अन्य बीमारियो जैसे पेट का अल्सर और कैंसर का जोखिम बढ़ा देती हैं। इस समस्या में व्यक्ति को हमेशा पेट में दर्द रह सकता है। वैसे तो इस समस्या का इलाज उपलब्ध है, लेकिन आप आयुर्वेदिक दवाओं से इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं। आगे मध्य प्रदेश की सरकारी आयुर्वेदिक डॉक्टर सोनल गर्ग से जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
पेट की सूजन के कारण को समझें - Causes Of Gastritis In Hindi
आयुर्वेद में गैस्ट्राइटिस की वजह शरीर में उत्पन्न (वात, कफ और पित्त) दोषों को माना जाता है। दरअसल, शरीर की एनर्जी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कार्यों को नियंत्रित करती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गैस्ट्राइटिस मुख्य रूप से पित्त दोष की वृद्धि से जुड़ा हुआ है, जो पाचन और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। माना जाता है कि मसालेदार, एसिडिक और तले हुए खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने से यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा, तनाव और अनियमित खान-पान व्यक्ति के शरीर में दोषों को बढ़ा सकते हैं।
पेट की सूजन का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment Of Gastritis in Hindi
गैस्ट्राइटिस में आयुर्वेदाचार्य व्यक्ति के पित्त दोष को शांत करने के लिए डाइट में बदलाव की सलाह देते हैं। पेट की सूजन कम करने के लिए व्यक्ति को ज्यादा गर्म खाना न खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आगे बताए उपाय को करने के लिए डॉक्टर कह सकते हैं।
फलों और साबुत अनाज का सेवन
मरीज को आहार में फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही, डाइट में साबुत अनाज और सब्जियों को शामिल करने से पित्त दोष को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
एलोवेरा का उपयोग
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है, जो सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। भोजन से पहले एलोवेरा जूस पीने से आपको पेट की सूजन में राहत मिल सकती है।
मुलेठी
इस जड़ी बूटी में सूजन-रोधी गुण होते हैं और इसका उपयोग अक्सर पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। मुलेठी की चाय या पाउडर का सेवन पेट की सूजन में फायदेमंद हो सकता है।
सूजन को शांत करने वाली जड़ी-बूटियां का सेवन करें
पेट में सूजन को शांत करने के लिए कुछ जड़ी-बूटियां व मसाले का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप धनिया, सौंफ और पुदीना को खाने में शामिल कर सकते हैं।
सूजन को बढ़ाने वाले आहार से दूरी बनाएं
मसालेदार, खट्टे और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करने से पित्त दोष को बैलेंस करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, कैफीन और अल्कोहल से दूरी बनाकर आप गैस्ट्राइटिस के लक्षणों कम कर सकते हैं।
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पेट की सूजन का इलाज आयुर्वेद में संभव है। भले ही आयुर्वेद में रोग को दूर करने में कुछ समय लग सकता है। लेकिन, यह बीमारी के लक्षणों को कम करने में उपयोगी होता है। वहीं, अगर आपको पेट में ज्यादा दर्द हो रहा है या पाचन से संबंधित समस्या अधिक है तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से मिल सकते हैं।