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सूजन और जलन वाले मुंहासों को दूर करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक इलाज, तुरंत मिलेगी राहत

चेहरे पर होने मुंहासे आपकी रंगत और प्रभाव को खराब कर सकते हैं। आगे सूजन और जलन के साथ होने वाले मुंहासों को ठीक करने वाले आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानते हैं।
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सूजन और जलन वाले मुंहासों को दूर करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक इलाज, तुरंत मिलेगी राहत

प्रदूषण, धूल और गंदगी आपकी स्किन पर कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकते हैं। अधिकतर लोगों को स्किन पर पिग्मेंटेशन, झुर्रियां और मुंहासों की समस्या देखने को मिलती है। मुंहासों के गंभीर रूप को सिस्टिक एक्ने कहा जाता है। इसमें त्वचा के नीचे दर्द वाले फोड़े या गांठ बनने लगती है। यह सामान्य मुंहासे से कहीं अधिक गंभीर होते हैं और अक्सर इसे ठीक होने में समय लगता है। आधुनिक चिकित्सा में इसके लिए कई तरह के उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन आयुर्वेदिक इलाज से आप सिस्टिक एक्ने को जड़ से ठीक कर सकते हैं। नोएड़ा के वेव क्योर सेंटर के नैचुरोपैथी विभाग के सीनिरयर कंसल्टेंट डॉ. एस के पाठक के अनुसार आयुर्वेद और नैचुरोपैथी में शरीर के दोषों को बैलेंस करने का प्रयास किया जाता है। इससे स्किन की जुड़ी समस्याएं जैसे एक्ने को भी ठीक करने में मदद मिलती है। 

सिस्टिक एक्ने के कारण - Causes of cystic acne In Hindi 

आयुर्वेद के अनुसार, सिस्टिक एक्ने व्यक्ति में तीन दोषों (वात, पित्त, और कफ) के असंतुलन के कारण होते हैं। मुख्य रूप से पित्त और कफ दोष इसकी वजह माने जाते हैं। पित्त दोष का असंतुलन त्वचा में अत्यधिक गर्मी और सूजन पैदा करता है, जबकि कफ दोष अतिरिक्त तैलीयता और छिद्रों में गंदगी के जमाव का कारण बनता है। जिसके चलते त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं, इससे संक्रमण और सूजन होने की संभावना बढ़ जाती है, और सिस्टिक एक्ने हो सकते हैं।

Ayurvedic Treatment Of Cystic Acne

सिस्टिक एक्ने का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment Of Cystic Acne In Hindi 

एलोवेरा (Aloe Vera) का उपयोग

एलोवेरा में एंटीसेप्टिक और स्किन की जलन को शांत करने में मदद करता है। यह त्वचा की सूजन को कम करता है और त्वचा को मॉइस्चराइज करता है, जिससे सिस्टिक एक्ने के दर्द और जलन में राहत मिलती है। एलोवेरा के फ्रेश जेल को त्वचा पर लगाने से आपको कुछ ही दिनों में सिस्टिक एक्ने में आराम (Aloe Vera For Cystic Acne) मिलता है। 

त्रिफला चूर्ण का उपयोग

त्रिफला, तीन जड़ी-बूटियों (आंवला, हरण और बहेड़ा) मिली होती हैं, यह औषधि शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ब्लड को प्यूरीफायर की तरह कार्य करती है। इससे सिस्टिक एक्ने को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही यह पित्त और कफ दोष को शांत करती है। आप रात के समय एक चम्मच त्रिफला को गुनगुने पानी के साथ ले (triphala benefits for acne) सकते हैं।

नीम (Azadirachta indica) का उपयोग

नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सिस्टिक एक्ने के संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। नीम का उपयोग बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से किया जा सकता है। आप मुंहासों में नीम की पत्तियों का पेस्ट लगा (Neem for cystic acne) सकते हैं। साथ ही, नीम की चाय पीने से ब्लड साफ होता है। 

हल्दी (Turmeric) का इस्तेमाल करें 

हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन (Curcumin) में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा की सूजन और संक्रमण को कम करते हैं। हल्दी त्वचा के छिद्रों को साफ रखती है और फोड़े-फुंसियों को ठीक करने में मदद करती है। आप अपने शहद, हल्दी और गुलाब जल को मिलाकर मुंहासों (Haldi for cystic acne) पर लगा सकते हैं। 

चंदन (Sandalwood) का करें इस्तेमाल

चंदन त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। इससे जलन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, चंदन त्वचा के दाग-धब्बों को हल्का करने और त्वचा को मुलायम और साफ रखने में भी सहायक होता है। आप चंदन के पाउडर को गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे पर लगा सकते हैं। इससे सिस्टिक एक्ने से राहत मिलती है।

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Cystic Acne Ayurvedic Treatment: इसके अलावा, आयुर्वेद के अनुसार सुबह के समय वमन क्रिया और योग आदि से आप ब्लड और त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही, डाइट में संतुलित आहार का सेवन करें। यदि समस्या ज्यादा हो तो किसी भी चीज के उपयोग से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य की सलाह लें। 

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