Ayurvedic Tea To Control High Blood Pressure: सुबह दिन की शुरुआत करना हम भारतीयों के दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा है। लेकिन हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि ऐसा करना हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। ऐसा करने से हमारा पाचन प्रभावित होता है। इसके अलावा, जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, सुबह चाय-कॉफी पीने से उनके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इससे उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल से बाहर हो सकता है और सेहत को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन अक्सर लोगों के साथ यह समस्या देखने को मिलती है कि उनसे चाय की लत नहीं छूटती है। ऐसे में वे इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं कि अपने ब्लड प्रेशर को कैसे कंट्रोल रखें। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार (BAMS Ayurveda) की मानें, तो ब्लड प्रेशर रोगियों को सुबह अपनी चाय छोड़ने की नहीं, बल्कि सामान्य चाय या कॉफी के बजाए चाय के स्वस्थ विकल्पों पर स्विच करने की जरूरत है। उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में एक ऐसी खास हर्बल चाय की रेसिपी शेयर की है, जिसे अगर आप अपनी रेगुलर चाय-कॉफी की जगह पीना शूरू कर दें, तो इससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के साथ ही सेहत को कई अन्य लाभ मिल सकते हैं। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहते हैं...
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए आयुर्वेदिक चाय- Ayurvedic Tea For High Blood Pressure In Hindi
सामग्री:
- ताजा या सूखे गुड़हल के फूल
- काली मिर्च
- इलायची
- अर्जुन छाल पाउडर
- सौंठ या सूखी अदरक का पाउडर

बनाने का तरीका
एक टी पैन गैस पर चढ़ाएं और उसमें 1 गिलास पानी डालें। अब इसमें एक गुड़हल का फूल, 3 ग्राम अर्जुन की छाल का पाउडर, 1 ग्राम सोंठ का पाउडर, 1-1 काली मिर्च और इलायची कूटकर डालें। इस मीडियम आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं। बस आपकी ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने वाली स्पेशल चाय तैयार है। इसे एक कप में छानकर निकाल लें और घूंट-घूंट कर इसका सेवन करें।
ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए इस खास चाय के फायदे- Ayurvedic Tea Benefits To Reduce High Blood Pressure
डॉ. दीक्षा के अनुसार, हिबिस्कस एक ठंडी जड़ी-बूटी है, जो आपके दिमाग को शांत करती है। यह आपको हल्का और तरोताजा महसूस कराती है। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि हिबिस्कस टी (गुड़हल की चाय) ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए उतने ही प्रभावी ढंग से कम कर सकती है, जितना कि कुछ मानक एंटी-हाइपरटेंसिव दवाएं कर सकती हैं।
आयुर्वेद में अर्जुन को सर्वोत्तम कार्डियो-प्रोटेक्टिव और कार्डियो-टॉनिक जड़ी-बूटी माना जाता है। यह हाई ब्लड प्रेशर से लेकर कोलेस्ट्रॉल और हाई ट्राइग्लिसराइड्स तक सभी हृदय रोगों के उपचार और सुधार करने में मदद करता है।
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अदरक शरीर में कोलेस्ट्रॉल और अतिरिक्त चर्बी को पिघलाने के लिए सबसे अच्छी है। यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है, साथ ही बचाव में भी मदद करती है।
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काली मिर्च मेटाबॉलिज्म के लिए सबसे अच्छी है। यह कफ दोष को कम करने में मदद करती है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर, काली मिर्च स्वाभाविक रूप से ब्लड प्रेशर को प्रबंधित करने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकती है। क्योंकि इसमें 'पिपेरिन' नामक एक्टिव कंपाउंड भी होता है। इसके अलावा, काली मिर्च की चाय इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करती है। यह गले की खराश को ठीक करने में भी प्रभावी है।
इलायची को एक पाचन में सुधार करने के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। यह ब्लोटिंग और पेट की गैस को कम करने में फायदेमंद है। यह कफ को संतुलित करने और वात दोष को शांत करने के लिए एक बेहतरीन मसाला है।
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एक्सपर्ट क्या सलाह देती हैं?
डॉ. दीक्षा के अनुसार, रोजाना सुबह इस चाय की चुस्की लेने से आपके दिल को आराम मिलेगा, तनाव दूर होगा, चिंता और घबराहट आदि से बचाव में मदद मिलेगी। इस आयुर्वेदिक चाय के साथ अपनी सुबह की शुरुआत करने से आपको ब्लड प्रेशर को कम करने, डायबिटीज, चिंता, सिरदर्द, कोलेस्ट्रॉल, हार्मोनल असंतुलन और त्वचा संबंधी रोगों से बचाव में भी मदद मिलेगी।
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