
मौसम बदल रहा है। इसका सीधा-सीधा असर हमारी स्किन पर पड़ने वाला है। खासकर जिन लोगों की स्किन ड्राई है, उन्हें इस संबंध में और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें त्वचा में खुजली, खिंचाव जैसी समस्याएं अक्सर बनी रहती हैं। अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं, जिन्हें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो आप आयुर्वेद की ओर रुख कर सकते हैं। कई ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपनी शुष्क त्वचा को कोमल बना सकते हैं। साथ ही कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं का भी निदान कर सकते हैं।
लगाएं एलोवेरा
कहने की जरूरत नहीं है कि एलोवेरा एक बेहतरीन आयुर्वेदिक पौधा है। इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण मौजूद हैं। एलोवेरा के पौधे को सालों से त्वचा की देखरेख के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं और पर्याप्त पोषण देते हैं। इस नजरिए से देखा जाए, तो जिन लोगों की त्वचा शुष्क यानी ड्राई है, उन्हें इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आवश्यक तौर पर करना चाहिए। यही नहीं, इसके इस्तेमाल से स्किन लंबे समय तक जवां बनी रहती है। वैसे तो आप पौधे से एलोवेरा का छोटा टुकड़ा काटकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा बाजार में भी एलोवेरा जेल के कई उत्पाद उपलब्ध हैं। आप किसी अच्छे ब्रांड का एलोवेरा इस्तेमाल कर सकते हैं।
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उपयोग करें कैमोमाइल
कैमोमाइल भी एलोवेरा की ही तरह, त्वचा के लिए बहुत ही लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो त्वचा की जलन को शांत करने का काम करते हैं। आपको तो यह ज्ञात ही होगा कि ड्राई स्किन की सबसे सामान्य समस्याओं में से जलन का होना शामिल है। असल में ड्राई स्किन में खरिश होती रहती है और वहां बार-बार खुजलाने की वजह से घाव सा बन जाता है। घाव में काफी ज्यादा जलन होती है। ऐसा आपके साथ न हो, इसलिए कैमोमाइल का अपनी त्वचा पर उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा में इस जड़ी-बूटी में बिसाबोलोल नामक एक शक्तिशाली रसायन होता है, जो त्वचा की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया में सहायता कर सकता है। कैमोमाइल का उपयोग करने के लिए आप सबसे पहले एक कप गर्म पानी लें। इसमें कैमोमाइल चाय की पत्तियों का उपयोग करके घर पर स्टीम फेशियल करें। इससे आपकी त्वचा मॉइस्चराइज होगी, जिससे स्किन में नमी बनी रहेगी।
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अश्वगंधा है लाभकारी
अश्वगंधा को विंटर चेरी के नाम से भी जाना जाता है। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में कई दशकों से उपयोग में लाया जा रहा है। अश्वगंधा न सिर्फ त्वचा के लिए बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी यह बहुत ज्यादा लाभदायक है। विशेषज्ञों की मानें तो अश्वगंधा तनाव कम करने, रक्त चाप को कम करने जैसी कई शारीरिक समस्याओं में कारगर है। जहां तक त्वचा संबंधी समस्याओं की बात है, तो अश्वगंधा में त्वचा को कायाकल्प करने के गुण भी मौजूद होते हैं। इसमें उच्च स्तर का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो त्वचा को फ्री रेडिकल से बचाते हैं। फ्री रेडिकल एक तरह की सिंगल सेल कोशिकाएं होती हैं। ये कोशिकाएं युग्म बनाने की कोशिश करती हैं और अन्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक आक्रामक होती हैं। इसके अलावा अश्वगंधा त्वचा को चमकदार बनाने, हाइड्रेटेड रखने में भी लाभदायक है। अगर इसके इस्तेमाल की बात करें, आप चाहें तो अश्वगंधा के पाउडर को बाजार से खरीदकर गुलाब जल के साथ मिश्रण तैयार करके चेहरे पर लगा सकते हैं। इस संबंध में विस्तार से जानने के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।
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नीम का करें इस्तेमाल
नीम मनुष्यों के लिए सबसे उपयोगी और सर्वोत्तम सामग्री में से एक है। नीम का पेड़ न सिर्फ औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है बल्कि प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल सौंदर्य सामग्री के रूप में किया जा रहा है। अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो आप बेझिझक इसका उपयोग कर सकते हैं। नीम का इस्तेमाल करने के लिए आप नीम के पत्ते का पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर कुछ समय के लिए लगाकर छोड़ दें। इससे आपकी त्वचा पर सुखद प्रभाव पड़ेगा। हालांकि बाजार में नीम की गोलियां भी उपलब्ध हैं, जो त्वचा को साफ रखने और चमदार बनाने के उपयोग में आती है। नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। ये सभी तत्व त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे कि पिंपल्स, बैक्टीरियल संक्रमण, सूजन, धब्बे, चकत्ते, खुजली, फोड़े आदि के उपचार में सहायता करके कई सौंदर्य लाभ प्रदान करती है।
ब्राह्मी भी है सहायक
त्वचा की बाहरी परत को स्ट्रेटम कॉर्नियम कहा जाता है। यह परत त्वचा को बाहरी तत्वों से बचाने का काम करती है। बढ़ते प्रदूषण और हानिकारक त्वचा उत्पाद के इस्तेमाल के कारण यह परत कमजोर हो जाती है। नाजुक और क्षतिग्रस्त परत की वजह से त्वचा रुखी हो जाती है। ब्राह्मी वात दोष को कम करती है और शुष्क त्वचा को रोकने में मदद करती है। असल में इसकी सेल रिपेयरिंग क्षमताएं क्षतिग्रस्त त्वचा अवरोध को फिर से बनाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, इस पौधे में रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं, जो कि त्वचा के संक्रमण को दूर रखते हैं। क्षतिग्रस्त त्वचा पर ब्राह्मी पाउडर या ब्राह्मी तेल लगाने से प्रभावित क्षेत्रों को ठंडक मिलता, त्वचा मॉइस्चराइज होती है और स्किन रिपेयर भी होती है। यही नहीं, ब्राह्मी का उपयोग कई अन्य त्वचा संबंधी समस्यसाओं के निवारण के लिए भी उपयोग में लाया जाता है जैसे एक्जिमा और सोरायसिस।
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