Ayurvedic churan Recipe to Control high Cholesterol: जीवनशैली और खानपान के कारण इन दिनों लोगों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं। भागदौड़ की जिंदगी के बीच आज बुजुर्ग ही नहीं युवा भी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हार्ट स्ट्रोक, हार्ट प्रॉब्लम और अन्य गंभीर बीमारियां (Health Problems Due to high Cholesterol) होती हैं। अक्सर देखा जाता है कि हाई कोलेस्ट्रॉल से राहत पाने के लिए लोग गोलियां खाते हैं। गोलियां हाई कोलेस्ट्रॉल को कुछ वक्त के लिए कम करती है, लेकिन लंबे समय में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
आयुर्वेद में हाई कोलेस्ट्रॉल का समाधान सरल और प्रभावी तरीकों (Ayurvedic Remedies of high Cholesterol) से किया जा सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में एक आयुर्वेदिक चूर्ण आपकी मदद कर सकता है। इस आयुर्वेदिक चूर्ण की खास बात यह है कि आप अपने किचन में ही मौजूद 3 चीजों को मिलाकर इसे बना सकते हैं और खा सकते हैं। आइए जानते हैं इस आयुर्वेदिक चूर्ण की रेसिपी और फायदों के बारे में।
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हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है?- What is high Cholesterol
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार की वसायुक्त पदार्थ है जो शरीर के कई कामों के लिए जरूरी माना जाता है। लेकिन जब शरीर में जरूरत से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह धमनियों में प्लाक जमा कर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। ब्लड फ्लो प्रभावित होने के कारण हार्ट की समस्याएं हो रही हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करेगा ये आयुर्वेदिक चूर्ण - Ayurvedic churan Recipe to Control high Cholesterol
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ.खत्री का शाश्वत आयुर्वेदम् का कहना है कि आयुर्वेद में हाई कोलेस्ट्रॉल का मुख्य कारण शरीर में वात, पित्त और कफ का असंतुलन होना है। हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए मुख्य रूप से खानपान को संतुलित करना जरूरी होता है। इसके साथ ही आयुर्वेद में होई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए चूर्ण बताए गए हैं, जिनका सेवन आप कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने के लिए सामग्री
- आंवला पाउडर- 50 ग्राम
- मेथी के बीज - 50 ग्राम
- हल्दी - 50 ग्राम
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आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने का तरीका
- इस आयुर्वेदिक चूर्ण को बनाने के लिए सबसे पहले मेथी दाने को पीसकर पाउडर तैयार कर लें।
- अब एक बड़ी डिब्बी लें और उसमें मेथी दाना पाउडर, हल्दी और आंवला पाउडर डालकर मिलाएं।
- इन चीजों को अच्छे से मिलाने के बाद डिब्बे का ढक्कन बंद करके स्टोर कर लें।
- रोजाना सुबह और शाम आधा चम्मच पेट गुनगुने पानी के साथ आप इस चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
- आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, इस चूर्ण का सेवन हमेशा खाना खाने से आधे घंटे पहले करना चाहिए।
- एक बार शुरुआत करने के बाद इस चूर्ण का सेवन लगातार 3 महीनों तक करें।
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आयुर्वेदिक चूर्ण का सेवन करते वक्त सावधानियां- Precautions while consuming Ayurvedic churan
- आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का कहना है कि इस चूर्ण की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसका सेवन सिर्फ सर्दियों और मानसून के महीने में ही करना चाहिए। गर्मियों में इस चूर्ण के सेवन से बचना चाहिए। गर्म तासीर होने के कारण यह चूर्ण सर्दियों में ब्लीडिंग और अन्य प्रकार की परेशानियों का कारण बन सकता है।
- गर्भवती महिलाएं और दवाइयों का सेवन कर रहे लोगों को इस चूर्ण का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है।
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निष्कर्ष
हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना आज के समय में एक बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन आयुर्वेद में इसका सरल और प्राकृतिक समाधान उपलब्ध है। यह आयुर्वेदिक चूर्ण न केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, हार्ट समेत शरीर को होने वाली अन्य बीमारियों से भी राहत दिलाता है।