Jambeera Pinda Sweda in Hindi: आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद में कई गंभीर रोगों का इलाज भी मिलता है। इसमें मांसपेशियों, नसों की अकड़न और जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए पंचकर्म थेरेपी व अन्य दवाओं के बारे में बताया गया है। इसी में जंबीरा पिंड स्वेद को भी शामिल किया जाता है। इसमें आयुर्वेदाचार्य लेमन बॉल के माध्यम से संबंधित स्थान की अकड़न को दूर किया जाता है। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार इसमें कंधों की अकड़न जैसे फ्रोजन शोल्डर आदि की समस्या में सुधार किया जा सकता है। इस थेरेपी में नींबू, औषधीय तेलों और अन्य हर्बल जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे रोगी को तुरंत आराम मिलता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानते हैं कि जंबीरा पिंडा स्वेदा के क्या फायदे हैं।
जंबीरा पिंड स्वेद क्या है?
जम्बीरा पिंड स्वेद एक विशेष प्रकार का उपचार है जिसमें नींबू (जम्बीर), औषधीय तेल और अन्य जड़ी-बूटियों से बने पिंड का उपयोग किया जाता है। इसे गर्म करके शरीर के प्रभावित भाग पर मालिश की जाती है। यह उपचार विशेष रूप से वातज और कफज विकारों के लिए प्रभावी माना जाता है। कफ आदि की वजह से बढ़ने वाली अकड़न में यह मुख्य रूप से उपयोगी होती है।
जंबीरा पिंड स्वेदा के फायदे - Benefits Of Jambeera Pinda Sweda in Hindi
मांसपेशियों के दर्द में राहत
जम्बीरा पिंड स्वेदा मांसपेशियों में आई थकावट, खिंचाव और जकड़न को दूर करने में सहायक है। इसमें उपयोग किए गए नींबू और औषधीय तेल सूजन को कम करते हैं और रक्त प्रवाह को बढ़ावा देते हैं।
वात विकारों में फायदेमंद
वात दोष का असंतुलन शरीर में दर्द, जकड़न और जोड़ों के रोगों का मुख्य कारण है। जम्बीरा पिंड स्वेद वात को संतुलित करता है और संधिवात (ऑस्टियोआर्थराइटिस), कटिशूल (सियाटिका) और गृध्रसी (लूम्बोसायटिका) जैसे रोगों में अच्छे रिजल्ट देता है।
त्वचा की चमक बढ़ाएं
यह उपचार त्वचा के टिश्यू को पोषण प्रदान करता है और त्वचा से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है। यह झुर्रियों को कम करने और त्वचा की चमक बढ़ाने में मदद करता है।
तनाव और चिंता में राहत
नींबू की सुगंध और औषधीय तेल मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक हैं। जम्बीरा पिंडा स्वेदा शरीर और मन को आराम देने का एक बेहतरीन उपाय मानी जाती है। इस थेरेपी के बाद तनाव और स्ट्र्रेस धीरे-धीरे कम होने लगता है।
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करें
गर्म पिंड के उपयोग से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है। यह नई कोशिकाओं के निर्माण और पुरानी डैमेज हुई कोशिकाओं की रिपेयर होती है।
जम्बीर पिंड स्वेदन कैसे किया जाता है?
- नींबू, नारियल का तेल, औषधीय पत्तियां और जड़ी-बूटियों को मिलाकर पिंड तैयार किया जाता है।
- इस पिंड को औषधीय तेल में डुबोकर गर्म किया जाता है।
- इसके बाद ऑयुर्वेदाचार्य इसे धीरे-धीरे प्रभावित हिस्सों पर मालिश करते हैं।
- प्रक्रिया 30-45 मिनट तक की जाती है, जिससे शरीर को राहत मिलती है।
इसे भी पढ़ें: आयुर्वेद में डायबिटीज का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदाचार्य से जानें
जम्बीरा पिंडा स्वेदा एक पंचक्रम थेरेपी का हिस्सा है जो वात दोष के असंतुलन, मांसपेशियों के दर्द और तनाव से राहत दिलाने में सहायक है। यह उपचार न केवल शारीरिक समस्याओं को दूर करता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। इसे करने के लिए आप किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version