Avascular Necrosis Treatment: एवैस्कुलर नेक्रोसिस (Avascular-Necrosis) या AVN हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की मौत भी हो सकती है। एवैस्कुलर नेक्रोसिस को आम भाषा में हड्डियों के मरने की बीमारी (Death Of Bone) भी कहते हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस में मरीज की हड्डियों के टिश्यू डेड होने लगते हैं। शरीर में खून की कमी के कारण इसका खात्र सबसे ज्यादा रहता है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए हड्डियों का हेल्दी रहना बहुत जरूरी है। जेनेटिक कारणों, खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी और शराब आदि का बहुत ज्यादा सेवन करने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आइये इस लेख में डॉक्टर से समझते हैं एवैस्कुलर नेक्रोसिस के इलाज के बारे में।
एवैस्कुलर नेक्रोसिस क्या है?- What is Avascular Necrosis in Hindi
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं, "एवैस्कुलर नेक्रोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियों में ब्लड सप्लाई रूकने की वजह से हड्डियों के टिश्यूज मरने लगते हैं। इस बीमारी को ऑस्टियोनेक्रोसिस (Osteonecrosis) भी कहा जाता है। इसमें हड्डियां धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। अधिकतर मामलों में एवैस्कुलर नेक्रोसिस की बीमारी स्टेरॉयड दवाओं का अधिक सेवन करने की वजह से हो सकती है।" इसके अलावा अत्यधिक शराब का सेवन करने वालों को भी यह बीमारी हो सकती है। इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा 30 से 35 साल की उम्र में रहता है।
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एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज- Avascular Necrosis Treatment in Hindi
एवैस्कुलर नेक्रोसिस बहुत दर्दनाक समस्या है और सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। शुरूआती स्टेज में इस बीमारी का पता चलने पर इलाज में आसानी होती है। एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज शुरूआती स्टेज में स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से किया जाता है। हर स्टेज में इसका इलाज अलग-अलग हो सकता है।
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एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज इस तरह से होता है-
- शुरुआती स्टेज में सामान्य दवाओं के माध्यम से इलाज
- फिजियोथेरेपी और दवाओं की सहायता से इलाज
- हड्डी की सर्जरी, ग्राफ्टिंग और जॉइंट रिप्लेसमेंट
- गैर स्टेरॉयडल दवाओं से इलाज
- सर्जरी के माध्यम से इलाज
एवैस्कुलर नेक्रोसिस से बचाव के लिए मरीज को शराब का सेवन कंट्रोल करने और खानपान को सुधारने की सलाह दी जाती है। हाई कोलेस्ट्रॉल, शराब का बहुत ज्यादा सेवन, स्टेरॉयड के सेवन और स्मोकिंग की वजह एवैस्कुलर नेक्रोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। एवैस्कुलर नेक्रोसिस में प्रारंभिक अवस्था में एवस्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण नजर नहीं आते हैं। हालांकि, कुछ-कुछ स्थितियों में आपको कुल्हे के आसपास दर्द जैसा महसूस होता है। साथ ही मूवमेंट करने में परेशानी आ सकती है। लेकिन गंभीर स्थिति में इस परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति को काफी तेज दर्द का सामना करना पड़ता है।
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