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Sarcoma Cancer: सारकोमा कैंसर क्या है? जानें इससे पीड़ित महिलाओं के लिए इलाज के विकल्प

हड्डियों और कोमल ऊतकों के डीएनए में होने वाले बदलाव की वजह से सारकोमा कैंसर (Sarcoma Cancer in Hindi) की कोशिकाओं का विकास शुरू हो जाता है।
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Sarcoma Cancer: सारकोमा कैंसर क्या है? जानें इससे पीड़ित महिलाओं के लिए इलाज के विकल्प


Sarcoma Cancer in Hindi:  सारकोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो शरीर के कई हिस्सों पर हो सकता है। यह हड्डियों और नरम ऊतकों में शुरू होता है। यह कैंसर सिर से लेकर पैर की उंगलियों तक कहीं भी हो सकता है। आपको बता दें कि सारकोमा 70 से अधिक प्रकार के होते हैं। इस कैंसर के कारण स्पष्ट नहीं है। हालांकि, कैंसर तब बनता है, जब कोशिकाओं के अंदर डीएनए में उत्परिवर्तन होते हैं। हड्डियों और कोमल ऊतकों के डीएनए में होने वाले बदलाव की वजह से सारकोमा कैंसर (Sarcoma Cancer) की कोशिकाओं का विकास शुरू हो जाता है। फिर ये कोशिकाएं धीरे-धीरे अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं।  सारकोमा कैंसर किसी भी उम्र या लिंग के लोगों को हो सकता है। इसका समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। डीपीयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पुणे के सलाहकार मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रेशमा पुराणिक से जानते हैं सारकोमा कैंसर क्या है और महिलाओं में इसके इलाज के विकल्प क्या हैं?

सारकोमा कैंसर क्या है?- What is Sarcoma Cancer in Hindi

सारकोमा एक दुर्लभ कैंसर है। यह कम ही लोगों में देखने को मिलता है। यह कोमल ऊतकों या हड्डियों में उत्पन्न होता है। आपको बता दें कि वयस्कों में सारकोमा कैंसर 1 या 2 फीसदी है। यह कैंसर रक्त प्रवाह के माध्यम से फेफड़ों जैसे प्रमुख अंगों तक तेजी से फैल जाता है। इस कैंसर की मृत्यु दर भी अधिक है। 

sarcoma cancer

सारकोमा कैंसर के लक्षण- Sarcoma Cancer Symptoms in Hindi

महिलाओं में सारकोमा कैंसर- Sarcoma Cancer in Women's In Hindi

सारकोमा कैंसर पुरुषों या महिलाओं, दोनों में हो सकता है। हालांकि, महिलाओं में सारकोमा कैंसर के मामले कम देखने को मिलते हैं। महिलाओं में गर्भाशय सारकोमा कैंसर होता है। इसे लेयोमायोसारकोमा के रूप से भी जाना जाता है। यह महिलाओं में सबसे आम प्रकार का सारकोमा कैंसर है। 

इसे भी पढ़ें- Sarcoma Cancer: सारकोमा कैंसर क्या है? जानें इसके शुरुआती लक्षण

सारकोमा कैंसर के इलाज विकल्प- Treatment of Sarcoma Cancer in Hindi

डॉ. रेशमा पुराणिक बताती हैं, 'सारकोमा कैंसर आमतौर पर 50 से 70 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं में होता है। आमतौर पर महिलाओं में गर्भाशय सारकोमा कैंसर देखने को मिलता है। यह कैंसर अधिक उम्र, वंशानुगत आनुवंशिक सिंड्रोम या फिर पुरानी जलन के कारण हो सकता है।'

डॉ. रेशमा पुराणिक बताती हैं, 'शुरुआती चरण के सारकोमा कैंसर को ठीक किया जा सकता है। हालांकि, जब स्थिति गंभीर रूप लेती है, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए सारकोमा कैंसर का शुरुआती चरण में निदान होना बहुत जरूरी होता है। प्रारंभिक चरण के सारकोमा कैंसर को सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। कुछ मामलों में कीमोथेरेपी की जरूरत भी पड़ सकती है। वहीं, अगर कैंसर फेफड़ों या हड्डियों जैसे अन्य अंगों में फैल गया है, तो इस स्थिति में कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी दी जा सकती है।'

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