Sarcoma Cancer in Hindi: सारकोमा एक दुर्लभ कैंसर है जो हड्डियों और कनेक्टिव टिश्यूज में होता है। हड्डियों के मुलायम कोशिकाओं में सारकोमा कैंसर की कोशिकाएं तेजी से विकसित होती हैं। सारकोमा कैंसर पैरों की हड्डियों, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं, नसों और हड्डियों में सबसे ज्यादा देखा जाता है। कनेक्टिव टिश्यूज यानी संयोजी उतकों में इस कैंसर की कोशिकाएं विकसित होना शुरू होती हैं, इसके बाद धीरे-धीरे फैलती हैं। वैसे तो सारकोमा कैंसर 50 से ज्यादा तरह के होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से ये 2 तरह के माने जाते हैं- बोन सारकोमा, ऑस्टियोसारकोमा। सारकोमा कैंसर में दिखने वाले लक्षणों को सही समय पर पहचान कर जांच और इलाज लेने से मरीज ठीक हो सकता है। इलाज और जानकारी के अभाव में कई बार मरीजों को अपने हाथ या पैर गंवाने भी पड़ सकते हैं।
सारकोमा कैंसर के लक्षण- Sarcoma Cancer Symptoms in Hindi
सारकोमा कैंसर होने पर मरीजों में दिखने वाले लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ मरीजों में शुरुआत में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं या बहुत हल्के लक्षण दिखते हैं। राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर ओंकोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. मनीष के मुताबिक सारकोमा कैंसर होने पर मरीजों को स्किन के नीचे एक गांठ भी दिखाई दे सकती है। शुरुआत में मरीज इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही समस्या आगे चलकर गंभीर हो जाती है। सारकोमा कैंसर के कुछ शुरूआती लक्षण इस तरह से हैं-
- सॉफ्ट टिश्यूज में गांठ
- हाथ और पैर की उंगलियों में दर्द
- अचानक वजन घटना
- पीठ में तेज दर्द
- पेट में तेज दर्द लगातार बने रहना
- मामूली चोट लगने पर बोन फ्रैक्चर
- हाथ-पैर हिलाने में परेशानी
सारकोमा कैंसर के कारण- What Causes Sarcoma Cancer in Hindi
आपकी हड्डियों और कोमल ऊतकों के डीएनए में होने वाले बदलाव की वजह से सारकोमा कैंसर की कोशिकाओं का विकास शुरू होता है। धीरे-धीरे अनियंत्रित तरीके से ये कोशिकाएं बढ़नी शुरू होती हैं। जब इसका इलाज सही समय पर नहीं किया जाता है, तो ये कोशिकाएं धीरे-धीरे आसपास के अंगों को प्रभावित करना शुरू करती हैं। सारकोमा कैंसर होने के कई प्रमुख कारण होते हैं और यह आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है। सारकोमा कैंसर के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं-
- बोन डिसऑर्डर की वजह से
- आनुवांशिक कारणों से
- हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी के कारण
- कैंसर के इलाज के दौरान रेडिएशन के संपर्क में आने से
- गार्डनर सिंड्रोम, रेटिनोब्लास्टोमा, या ली-फ्रामेनी सिंड्रोम के कारण
सारकोमा कैंसर के शुरूआती लक्षणों को पहचानकर आपको सही समय पर जांच और इलाज जरूर करानी चाहिए। सही समय पर इसका इलाज न होने से मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है और जान भी जा सकती है। शुरुआत में डॉक्टर मरीज का इलाज दवाओं और रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से कर सकते हैं। गंभीर मामलों में मरीज को सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
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