आजकल शाकाहारी लोगों के बीच सोया चंक्स और सोया चाप को लेकर बहुत ज्यादा क्रेज है क्योंकि लोगों को लगता है कि प्रोटीन की मात्रा इसी से पूरी करना आसान होता है। सोशल मीडिया पर भी कई लोग सोया चंक्स और सोया चाप के फायदे गिनाते हैं, जिसकी वजह से लोग इन्हें अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करने लग गए हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक रील वायरल हुई थी, जिसमें बताया गया था कि सोया चाप और चंक्स बनाने का तरीका बहुत ही ज्यादा अनहेल्दी होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि जो लोग सोया चंक्स और सोया चाप खाते हैं, उनके पेट के लिए क्या यह फायदेमंद होता है। इस बारे में हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल की चीफ डाइटिशियन मीना कुमारी (Ms. Meena Kumari, Chief Dietician - Dietetics, Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad)से बात की।
क्या सोया चंक्स और सोया चाप गट हेल्थ के लिए सही है?
इस बारे में मीना कुमारी कहती हैं कि सोया चाप या चंक्स खाने में कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है।
प्रोसेसिंग का ध्यान
कई रिसर्च में पता चला है कि टेम्पेह या मिसो जैसे सोया फूड्स पेट के लिए काफी अच्छे होते हैं, लेकिन प्रोसेस्ड सोया चंक्स और चाप का असर हमेशा सही नहीं रहता। अगर प्रोसेस्ड सोया चंक्स या चाप ज्यादा खा लिया जाए, तो पेट फूलना या गैस जैसी समस्याएं हो सकती है।
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सोया चाप से पेट पर असर होना
हर इंसान का माइक्रोबायोम अलग होता है और कई लोग सोया आइसोफ्लेवोन्स को बेहतर तरीके से मेटाबोलाइज कर लेते हैं और उन्हें ज्यादा लाभ होता है, लेकिन कुछ लोगों पर इसका असर कम होता है। इसलिए सोया चंक्स या चाप खाना लोगों के पेट पर भी निर्भर करता है।
सोया चाप के साइड इफैक्ट्स
कुछ लोगों को सोया चाप या चंक्स खाने से पेट फूलना, गैस, मल त्याग में बदलाव और प्रोसेसिंग के कारण न्यूट्रिशन कम मिल सकता है। इसलिए सोया के फूड्स को लिमिट में ही इस्तेमाल करना चाहिए और डाइट में अलग-अलग फूड्स लेने चाहिए।
सोया चाप या सोया चिंक्स के फायदे
न्यूट्रिशनिस्ट मीना कुमारी कहती हैं कि सोया चंक्स या सोया चाप अगर लिमिट में खाया जाए, तो इसके कई फायदे हैं।
प्रीबायोटिक रेशे का स्रोत
सोया चंक्स और चाप में मौजूद रेशा और ओलिगोसैकराइड्स प्रीबायोटिक्स की तरह काम करते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया को न्यूट्रिशन देते हैं और इससे शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (SCFAs) बढ़ता है। इससे स्टूल आसानी से पास होता है और पाचन बेहतर होता है।
आइसोफ्लेवोन्स और माइक्रोबायोम
सोया फूड्स में मौजूद आइसोफ्लेवोन्स शरीर की इम्युनिटी बैलेंस होती है और सूजन कम करने में मदद होती है। रिसर्च के अनुसार अच्छे बैक्टीरिया जैसे लैक्टोबैसिलस और बिफीडोबैक्टीरियम की संख्या बढ़ा सकते हैं। इससे आंतों की सूजन कम होती है और पाचन अच्छा रहता है।
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प्रोटीन से भरपूर
सोया चंक्स और चाप में अमिनो एसिड होते हैं जो मसल्स रिपेयर और ग्रोथ के साथ-साथ पाचन हेल्थ में मदद करते हैं। इसके अलावा, पेट और शरीर दोनों को एनर्जी देते हैं।
सोया चाप या चंक्स खाते समय ये सावधानियां बरतें
मीना कुमारी ने सोया चाप खाते समय कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी हैं।
- हफ्ते में 2–3 बार सोया चंक्स या चाप को संतुलित मात्रा में खाएं।
- Tempeh, miso को आहार में शामिल करें।
- प्रोसेस्ड सोया को कम मात्रा में लें।
- पाचन की समस्या या गैस की शिकायत हो तो डॉक्टर/डाइटीशियन से सलाह लें।
निष्कर्ष
मीना कुमारी जोर देते हुए कहती हैं कि सोया चंक्स और सोया चाप को अगर सीमित मात्रा में खाया जाए, तो पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। ये प्रीबायोटिक रेशे, आइसोफ्लेवोन्स और भरपूर प्रोटीन देता है, लेकिन ज्यादा प्रोसेस्ड सोया और ज्यादा मात्रा में सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अगर किसी भी तरह की कोई समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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Current Version
Oct 03, 2025 20:38 IST
Modified By : Aneesh RawatOct 03, 2025 20:38 IST
Published By : Aneesh Rawat