समय के साथ कई चीजों में बदलाव आता है। कुछ ऐसा ही बदलाव सिगरेट पीने के तरीके में भी आया है। आज सिगरेट के पारंपरिक तरीके की जगह नई ई सिगरेट ने ले ली है। तंबाकू धूम्रपान सेहत के लिए हमेशा से ही नुकसानदायक होता है। ऐसे में ई-सिगरेट का बढ़ता क्रेज चिंता का विषय हो सकता है। ई-सिगरेट की श्वसन तंत्र यानी आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। अगर, इसका लंबे समय तक उपयोग किया जाए तो इससे फेफड़ों की समस्या हो सकती है। आगे मुंबई के मेडिकवर अस्पताल के लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रम राउत से जानते हैं कि ई-सिगरेट से रेस्पिरेटरी हेल्थ को कैसे नुकसान पहुंचता है।
ई-सिगरेट से रेस्पिरेटरी हेल्थ को होने वाले नुकसान - Side Effects Of E Cigarette On Respiratory Health In Hindi
रेस्पिरेटरी टिश्यू में सूजन
ई-सिगरेट में एक तरल घोल को गर्म होकर चलती है, इस लिक्विड में निकोटीन, सगुंध और अन्य रसायन होते हैं। जब आप सांस लेते हैं, तो ये पदार्थ एक एरोसोल में परिवर्तित हो जाते हैं, जिसे उपयोगकर्ता सांस के माध्यम से अपने फेफड़ों में ले जाते हैं। इसके एरोसोल में फॉर्मेल्डिहाइड, एसीटैल्डिहाइड और एक्रोलिन जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो रेस्पिरेटरी के नाजुक टिश्यू में जलन, सूजन और डैमेज का कारण बन सकते हैं।
फेफड़ों को नुकसान
ई-सिगरेट के लंबे समय तक इस्तेमाल से आपके फेफड़ों में सूजन आ सकती है। इसके साथ ही फेफड़ों में घाव हो सकते हैं। ई-सिगरेट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। इससे फेफड़ों के गंभीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
फेफड़ों के कार्य में बाधा डालना
ई-सिगरेट में मौजूद निकोटीन का लंबे समय तक उपयोग करने से फेफड़ों के कार्य बाधित होने लगते हैं। यही कारण है कि आज के समय में अधिकतर युवाओं को फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं होने लगी है। यह फेफड़ों में कमजोरी लात है और रेस्पिरेटरी इंफेक्सन को बढ़ाने में सहायक होता है।
सूजन संबंधी प्रतिक्रियाएं
ई-सिगरेट के एरोसोल से श्वसन तंत्र के भीतर सूजन होने की संभावना बढ़ जाती है। ये प्रतिक्रियाएं क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसे लक्षणों को जन्म दे सकती हैं और पहले से मौजूद रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती हैं। इन परेशानियों के लगातार संपर्क में रहने से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी स्थितियों उत्पन्न हो सकती है।
रेस्पिरेटरी डिजीज
ई-सिगरेट फ्लेवरिंग का उपयोग करने से व्यक्ति को ब्रोंकियोलाइटिस ओब्लिटरन्स (पॉपकॉर्न फेफड़े) की समस्या हो सकती है। इसमें फेफड़ों के छोटे वायुमार्गों में घाव हो जाते हैं। जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है और फेफड़े डैमेज हो सकते हैं।
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ई-सिगरेट का लंबे समय तक उपयोग करने से फेफड़ों की नेचुरल पावर कमजोर होने लगती है। इससे हल्के से इंफेक्शन में भी आपको सांस लेने में परेशानी होने लगती है। साथ ही, फेफड़ों के द्वारा ऑक्सीजन कम लेने से आपको कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है। इसके दीर्घकालिक प्रभावों से बचने के लिए आपको तुरंत धूम्रपान को बंद करना चाहिए। यह किसी भी तरह की समस्या में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।