हमारी डाइट का असर सेहत पर पड़ता है। यदि, आप बार आहार में दूषित खाना खा लेने से आपको पेट में दर्द व अन्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अल्फा-गैल सिंड्रोम (Alpha-Gal Syndrome) भी एक तरह का एलर्जी है, जो खाने से होती है। इस तरह की समस्या मुख्य रूप से लाल मीट खाने से हो सकती है। इस समस्या में व्यक्ति को चेहरे पर सूजन, त्वचा का रूखापन, पित्ती होना और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में आपको इस रोग के कारण और लक्षणों को बताया गया है। इस विषय पर हमने अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के त्वचारोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक सिंह से बात की तो उन्होंने अल्फा-गैल सिंड्रोम के लक्षण और कारणों को विस्तार से बताया।
अल्फा-गैल सिंड्रोम के क्या कारण होते हैं? What Is Causes Of Alpha-Gal Syndrome In Hindi
अल्फा-गैल सिंड्रोम एक तरह की फूड एलर्जी होती है। इसके अलावा, एक विशेष तरह के परजीवी के द्वारा व्यक्ति को काटे जाने से भी अल्फा-गैल सिंड्रोम हो सकता है। यह घुन की तरह दिखते हैं। इन टिक्स (घुन) की लार में शुगर के मोलिक्यूल्स होते हैं। जब ये मोलिक्यूल्स ब्लड में मिलते हैं, तो यह व्यक्ति को रेड मीट के प्रति संवेदनशील बना सकता है। इसके साथ ही इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होने लगता है। ऐसे में जब व्यक्ति रेड मीट का सेवन करता है, तो उसे एलर्जी होने लगती है और इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। फिलहाल, इस समस्या का इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को करने के लिए दवाएं दी जा सकती है।
अल्फा-गैल सिंड्रोम में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? Symptoms Of Alpha-gal Syndrome In Hindi
अल्फा-गैल सिंड्रोम में व्यक्ति को सामान्य खाद्य सामग्री से होने वाली एलर्जी के मुकाबले देरी से लक्षण दिखाई देते हैं। अल्फा-गैल सिंड्रोम में व्यक्ति को रेट मीट खाने के करीब 3 से 6 घंटों के बाद शारीरिक बदलाव महसूस हो सकते हैं। यह एलर्जी व्यक्ति को रेड मीट जैसे बकरे का मीट, सूअर के मीट, भेड़ का मीट और गोमांस से हो सकता है। इसमें व्यक्ति को आगे बताए लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- त्वचा में पित्ती होना।
- खुजली का बढ़ना।
- त्वचा पर पपड़ी होना।
- होंठ, चेहरे और जीभ में सूजन होना।
- सांस लेने में घरघराहट की आवाज आना।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- पेट में तेज दर्द।
- दस्त व उल्टी होना, आदि।
अल्फा-गैल सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Alpha-Gal Syndrome In Hindi
अल्फा-गैल सिंड्रोम में व्यक्ति के लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है। इलाज के दौरान डॉक्टर व्यक्ति को डाइट में बदलाव करने और रेड मीट से परहेज करने की सलाह देते हैं। साथ ही, बचाव के लिए कुछ उपाय सुझाए जाते हैं।
इसे भी पढ़ें : Food Poisoning: गर्मी में बार-बार हो रही है फूड पॉइजनिंग? ठीक करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय
जिन स्थानों पर अल्फा-गैल सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है, उन स्थानों पर लोगों को फूल स्लीव्स के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। साथ ही, घर को साफ सुथरा रखने का प्रयास करें। यदि, इसके बाद भी रोग के लक्षण दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज न करें। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।