नसों में खून के थक्के जमने का कारण हो सकती है शरीर में 'एंटीथ्रोम्बिन की कमी', जानें इस समस्या के बारे में

एंटीथ्रोम्बिन की कमी खून में होने वाला एक विकार है, जिसके कारण नसों में खून के थक्के जमने लगते हैं।  डॉक्टर से जानें इस समस्या का कारण, लक्षण और इलाज।
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नसों में खून के थक्के जमने का कारण हो सकती है शरीर में 'एंटीथ्रोम्बिन की कमी', जानें इस समस्या के बारे में


हमारी शरीर में सैकड़ों प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनके बारे में शायद ही हम जानते हैं। ऐसी बहुत सी बीमारियां है, जिनके बारे में आपने शायद की कभी सुना होगा। क्या आपने कभी एंटीथ्रोम्बिन की कमी (Antithrombin Deficiency) के बारे में सुना है? दरअसल यह एक तरह का रक्त विकार है, इसके कारण आपकी नसों में खून के थक्के जम जाता है। जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में थ्रोमबोसिस (Thrombosis) भी कहते हैं। इसमें खून के थक्के बनने की प्रक्रिया होती है। इसकी कमी हो जाने से शरीर में खून के थक्कों की मात्रा बनने लगती हैं। जगह-जगह ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसका अधिकांश प्रभाव पैरों पर देखने को मिलता है। वैसे तो इसकी कमी के कारण खून का थक्का शरीर के किसी भी अंग में जम सकता है, लेकिन इस बीमारी से ग्रस्त अधिकांश लोगों में पैरों मे थक्के जमने के मामले सामने आए हैं। शुरूआती दौर में ही इस समस्या का इलाज शुरू नहीं करने पर यह गंभीर रूप भी ले सकती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। हालांकि शुरूआत में ही इसका इलाज कराने पर यह पूरी तरह से ठीक भी हो जाती है। एंटीथ्रोम्बिन की कमी की कमी पर आज हमने दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के इंटर्नल मेडिसिन विभाग के ड़ायरेक्टर डॉक्टर तरुण साहनी से बात की।  

जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर 

डॉ. तरुण के अनुसार एंटीथ्रोम्बिन की कमी जेनेटिक होती है। अगर आपके माता-पिता में इस प्रकार की समस्या रही है तो आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसलिए इसे ऑटोसौमल डॉमिनेंट डिसऑर्डर (Autosomal Dominant Disorder) भी कहा जाता है। अगर आपके जीन्स में इस रक्त विकार की समस्या पाई जाती है तो यह आपतक आसानी से पहुंच सकती है। एंटीथ्रोम्बिन की कमी का कई वर्षों तक पता नहीं चल पाता है। लंबे समय बाद जब आपकी शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं तब आपको संबंधित टेस्ट कराने के बाद इस समस्या का पता चलता है। इस समस्या के होने से आपकी शरीर में रक्त का संचार तेजी से नहीं होता है। खासकर उस प्रभावित हिस्से में खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे कुछ समय बाद वह अंग खराब होने की स्थिति में आ जाता है। 

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क्या है डिस्सेमिनेटेड इंट्रावसक्युलर कॉगलेशन (Disseminated Intravascular Coagulation)

डिस्सेमिनेटेड इंट्रावसक्युलर कॉगलेशन (Disseminated Intravascular Coagulation) की स्थिति में खून का थक्का आपकी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। यही नहीं शरीर में एक साथ भी कई जगहों पर खून का जमाव हो सकता है। यदि इस स्थिति में आपको प्रॉपर उपचार नहीं मिला तो कई बार यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है। खून का ज्यादा जमाव होने से खून के मसतिष्क तक पहुंचने की भी संभावना बढ़ जाती है। इससे आपको स्ट्रोक आने का भी खतरा बन जाता है। 

blood disorder

जानें एंटीथ्रोम्बिन की कमी के कारण (Causes of Antithrombin Deficiency) 

  • वैसे तो यह वंशानुगत (Genetic) स्थिति है। अधिकांश मामलों में यह माता पिता से फैलता है।
  • कई बार गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) और कुछ गलत दवाईयों के सेवन कर लेने से भी एंटीथ्रोमेंसी डेफिशिएंसी उतपन्न हो जाती है। 
  • SERPINC1 नामक जीन्स में बदलाव आना या उसका असंतुलित होना भी एंटीथ्रोमेंसी डेफिशिएंसी का कारण हो सकता है। इस जीन्स का असंतुलित होना आपकी शरीर में खून के थक्के को और जोर देता है। इस स्थिति में इसे नियंत्रित कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। 

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एंटीथ्रोम्बिन की कमी के लक्षण (Symptoms of Antithrombin Deficiency)

  • कई हिस्सों में ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) 
  • चोट लगने पर शरीर में रक्त का जमाव होने पर या शरीर नीला पड़ने से भी इसे पहचाना जा सकता है। 
  • शरीर मे जगह-जगह लालपन और सूजन आ जाना 
  • छाती में दर्द और दिल की धड़कनें बढ़ना 
  • सांस लेने में कठिनाई होना  
  • अचानक पैरों में दर्द 

कैसे होगा इसका उपचार  (Treatment)

  • इससे बचने के लिए आप शरीर में पानी की कमी बिलकुल न होने दें। खून के जमाव की स्थिति में पानी पीना बेहद जरूरी है।
  • शुरूआती मामलों में चिकित्सक द्वारा सामान्य दवाईयां देकर भी आपका उपचार किया जा सकता है।
  • खून का अधिक जमाव होने पर चिकित्सक को दिखाएं। चिकित्सक द्वारा आपको संबंधित जांच कराने का सुझाव देते हैं। कई मामलों में वे आपको खून पतला करने वाली कुछ दवाओं का सेवन करने की भी सलाह दे सकते हैं। 

शरीर में किसी प्रकार का रक्त विकार होने पर चिकित्सक से सलाह लें। खासकर किसी अंग में खून का थक्का बनने की पहचान करें। इस लेख में दी गई बातें चिकित्सक द्वारा प्रमाणित हैं। आप लेख में दिए गए सुझावों को अपना सकते हैं। 

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