
बाइसेप्स में दर्द क्यों होता है? बाइसेप्स में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, कई बार कुछ भारी सामान उठाने के चलते दर्द होता है तो कभी किसी चीज से टकराने पर हड्डी फ्रैक्चर हो सकती है। एक्सीडेंट या स्पोर्ट एक्टिविटी के चलते भी बाइसेप्स में दर्द हो सकता है। वैसे तो किसी भी तरह के दर्द के लिए आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है पर हल्के दर्द में आप बर्फ की सिकाई या दर्द की दवा जैसे पैरासिटामॉल या आईब्रूफेन ले सकते हैं पर ये टैम्पोरेरी उपाय है किसी भी तरह के दर्द को खुद न ट्रीट करके एक्सपर्ट से बात करनी चाहिए। कई मसल्स पेन में डॉक्टर फिजियोथैरेपी की सलाह देते हैं तो कई में सर्जरी की नौबत आ जाती है। बाइसेप्स की मसल्स अपर ऑर्म, कंधे और एल्बो को स्ट्रेच करने में मदद करती है। इसमें दर्द उठने के कई कारण हो सकते हैं। बाइसेप्स में दर्द के कारण, लक्षण और उपाय जानने के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. स्पोर्ट इंजरी (Bicep bruise)
ये एक तरह की स्पोर्ट इंजरी कहलाती है। ऐसा तब होता है जब मसल्स किसी चीज से तेजी से टकराती है। वर्कआउट के दौरान भी ऐसा हो सकता है। इसमें बाइसेप्स में दर्द के अलावा लम्प पड़ सकता है, सूजन आ सकती है, स्टिफनेस फील हो सकता है। डॉक्टर इस पर आइस पैक लगाने की सलाह दे सकते हैं। आइसपैक को सीधे लगाने के बजाय सूती कपड़े में बांधकर लगाएं। हाथ को ऊपर की ओर रखने की सलाह भी मिल सकती है। अगर लम्प बना है तो डॉक्टर उसे छोटी सर्जरी से ठीक कर देते हैं।
2. ज्यादा दबाव पड़ने से भी हो सकता है दर्द (Biceps tendinitis)
बाइसेप्स मसल्स पर ज्यादा दबाव पड़ने से बाइसेप्स टेंडिनाइटिस की समस्या हो सकती है। इसमें बाइसेप्स में दर्द के अलावा कंधे में दर्द, अपर ऑर्म को हिलाने में दर्द, जलन आदि समस्या हो सकती है। कुछ भारी सामान उठाने, फिजिकल एक्टिविटी जैसे स्पोर्ट्स में भाग लेने से भी दर्द हो सकता है। ये स्विमिंग, टेनिस, गोल्फ खेलने वालों को अक्सर होता है। इसको ठीक करने के लिए डॉक्टर आपको आराम करने की सलाह देंगे और कुछ समय के लिए फिजिकल एक्टिविटी बंद करने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा सूजन कम करने के लिए आप बर्फ का सेक कर सकते हैं। दर्द कम करने के लिए थैरेपी या पेनकिलर की मदद भी ले सकते हैं।
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3. इंजरी (Brachial plexus injury)
ब्रॉकिएल प्लेक्स नर्व्स का समूह है जो गर्दन, हाथ, बाजू में मूवमेंट के लिए जिम्मेदार होता है। इन नसों में डैमेज के कारण भी बाइसेप्स में दर्द उठता है। ब्रॉकिएल इंजरी के लक्षण हैं बाइसेप्स में दर्द के साथ हाथ में कमजोरी, सुन्न होना, मूवमेंट फील न होना। ये इंजरी एक्सीजेंट, गन शॉट के कारण भी हो सकती है। इसको ठीक करने के लिए डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं या थैरेपी से भी इंजरी ठीक हो जाती है। इंटरनेट की मदद से आप फिजियोथैरेपी के कुछ आसान तरीके घर पर ही सीख सकते हैं।
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4. ह्यूमरस फ्रेक्चर (Humerus fracture)
ह्यूमरस अपर ऑर्म की एक हड्डी होती है। इसमें फ्रेक्चर होने के कारण भी बाइसेप्स में दर्द होता है। इससे आपको हाथ हिलाने में दिक्कत हो सकती है। ह्यूमरस फ्रेक्चर में दर्द के अलावा सूजन, स्टिफनेस महसूस हो सकता है। किसी एक्सीडेंट या किसी चीज से भिड़ने के कारण हड्डी फ्रेक्चर हो सकती है। इस केस में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती। आपको केवल कुछ महीने तक हाथ को बगैर हिलाए रखने का कहा जा सकता है। ये हड्डी जुड़ने में 12 हफ्ते ले सकती है।
वैसे तो इन कंडीशन में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए पर तुरंत आप बर्फ का सेक, पेनकिलर, फिजियोथैरेपी से भी दर्द को ठीक कर सकते हैं।
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