देश में चारों तरफ फैले कोरोनावायरस से बचाव के लिए मौजूदा वक्त में हर कोई अपने हाथ धो रहा है खांसते व छींकते वक्त अपना चेहरे को किसी टिशू पेपर से ढक रहा है और बाहर निकलते वक्त मास्क का प्रयोग कर रहा है। दुर्भाग्य की बात ये है कि हम ऐसा कोरोना का शिकार न हो जाए इसलिए कर रहे हैं जबकि ऐसा हमें नियमित रूप से करना चाहिए था क्योंकि बैक्टीरिया और वायरस को फैलने को रोकने के लिए हैंडवाशिंग यानी की हाथों को धोना सबसे प्रभावी तरीका है। जैसे-जैसे हैंड सैनिटाइज़र और टॉयलेट पेपर का प्रयोग बढ़ता जा रहा है लोगों ने बरसों से प्रयोग हो रहे साबुन का भी स्टॉक करना शुरू कर दिया है। जब आप साबुन और हैंडवाश की खरीदारी करते हैं, तो आप कई प्रकार के साबुन पर गौर करते होंगे। कुछ फैंसी साबुन आपकी स्किन को गुलाब की पंखुड़ियों की तरह नरम बनाने का दावा करते हैं जबकि कुछ अन्य साबुन एंटी-बैक्टीरिया गुणों का दावा करते हैं। हालांकि, हम दोनों के दावों को ही सच नहीं मान सकते लेकिन इन दोनों में से किसी एक को चुनना हमारे लिए चिंता का सबब बन जाता है। इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि कौन सा साबुन आपके लिए ज्यादा बेहतर है।
क्यों होते हैं एंटीबैक्टीरियल साबुन फायदेमंद
आपने ये सुना होगा कि आपका ये एंटी-बैक्टीरियल साबुन कीटाणुओं से छुटकारा दिलाने और आपको व आपके परिवार को सुरक्षित रखने के लिए अधिक प्रभावी माना जाता है। इन साबुनों में सबसे आम एंटीबैक्टीरियल घटक को ट्राइक्लोसन कहा जाता है, जबकि कुछ में अल्कोहल, बेंजालोनियम क्लोराइड और अन्य एंटीबैक्टीरियल एजेंट भी हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है, जो कीटाणुओं और जीवाणुओं से दूर रहने के लिए एंटी-बैक्टीरियल साबुन और हैंडवाश को ढूंढते हैं और प्रयोग करते हैं।
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आम साबुन और एंटी-बैक्टीरियल साबुन में अंतर
जब भी बात बीमार होने के खतरे, कीटाणुओं को फैलाने और संक्रमित होने के जोखिम को कम करने की आती है तो एंटी-बैक्टीरियल साबुन और हैंडवाश आपके लिए अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं। हालांकि ये सिर्फ एक धारणा हो सकती है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, "ऐसा कोई सबूत नहीं मिला" है कि ये एंटी-बैक्टीरियल साबुन नियमित या आम साबुन की तुलना में अधिक प्रभावी होते हैं। हां, आज तक या यूं कहें कि अभी तक कोई गहन अध्ययन या शोध नहीं हुआ है, जो इन एंटी-बैक्टीरियल साबुन के लाभ को साबित कर सकता हो और जो ये बताता हो कि यह साबुन कीटाणुओं और रोगाणुओं को दूर रखने में बेहतर काम करते हैं।
एंटी-माइक्रोबायल साबुन की प्रभावशीलता के अलावा एफडीए इस बात को लेकर भी चिंतित है कि क्या इन साबुन में मौजूद रसायन और तत्व लंबे समय तक रोजाना उपयोग के लिए सही है या नहीं। इसके साथ ही जब तब साबुन बनाने वाले निर्माता ये साबित नहीं कर पाते हैं तब तक एफडीए इस पर कोई अंतिम नियम जारी नहीं करेगा कि एंटी-बैक्टीरियल साबुन पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
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क्या है पूरी कहानी
एक बयान में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अंतिम नियम को जारी करते हुए कहा कि पानी के साथ उपयोग के लिए मेडिकल शॉप या किसी दुकान से खरीद जाने वाले एंटीसेप्टिक उत्पादों में मौजूद कुछ सक्रिय तत्व को आम तौर पर सुरक्षित और प्रभावी होने के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है और इन्हें गलत तरीके से पेश किया जाता है। एक और महत्वपूर्ण कारक ये है कि एंटीबैक्टीरियल और आम साबुन दोनों ही अधिक प्रभावी होते हैं जब इनका इस्तेमाल गर्म पानी के साथ किया जाता है। इसलिए हमें महंगे विकल्पों को चुनने का सवाल ही नहीं उठता।
साबुन से भी हाथ धोना सेफ
एंटी-बैक्टीरियल साबुन का उपयोग आपके मन को शांति प्रदान करता है लेकिन इसके प्रयोग का नियम अभी भी वही है यानी कि आपको गंदगी और कीटाणुओं से छुटकारा पाने के लिए कम से कम 30 सेकंड के लिए अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना होगा। अगर साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो आप अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत तक अल्कोहल होता है।
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