उम्र बढ़ने के साथ हमारी त्वचा तेजी से प्रभावित होने लगती है। जिससे त्वचा पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स नजर आने लगते हैं और आज कल ये चीजें 30 की उम्र के बाद से ही शुरू हो जाती हैं। दरअसल, खराब वातावरण और सूरज की हानिकारक किरणें हमारी त्वचा को अंदर से नुकसान पहुंचाते हैं। इन सभी चीजों से बचने के लिए लोग एंटी एंजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, जो कि कई बार त्वचा के नुकसानदेह भी हो सकते हैं। जी हां, अगर आप बिना सोचे समझे और अपने मन से एंटी एंजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके चेहरे को धीमे-धीमे नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसी बारे में हमने डॉ निवेदिता दादू (Dr. Nivedita Dadu), प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ, दादू मेडिकल सेंटर की संस्थापक और अध्यक्ष से बात की जिन्होंने हमे एंटी एजिंग क्रीम के साइड इफ़ेक्ट (side effects of anti ageing cream) के बारे में बताया।
एंटी एजिंग क्रीम के नुकसान-Anti ageing cream side effects in hindi
एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स त्वचा के लिए कई प्रकार से काम करने का दावा करते हैं। ये मुक्त कणों से लड़ने से लेकर त्वचा के प्राकृतिक कोलेजन उत्पादन को प्रोत्साहित करने तक विभिन्न प्रकार के वादे करते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, तो उपभोक्ता हर साल ऐसी क्रीम और लोशन पर अरबों डॉलर खर्च करते हैं। लेकिन क्या ये सच में इतने फायदेमंद है, तो डॉ. निवेदिता दादू (Dr. Nivedita Dadu) बताती हैं कि कई बार एंटी एजिंग के फायदे से ज्यादा इनके नुकसान भी होते हैं।
1. त्वचा की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं
डॉ निवेदिता दादू (Dr. Nivedita Dadu) कहती हैं कि एंटी-एजिंग उत्पादों में मिलने वाले कुछ तत्व, त्वचा के लिए हानिकारक होने के साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। एंटी-एजिंग उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले तत्व उम्र बढ़ने को बढ़ावा देते हैं, भले ही प्राकृतिक तत्व या विटामिन और खनिज होते हैं लेकिन ये त्वचा की सतह को नुकसान पहुंचाते हैं। ये त्वचा की सतह को अंदर से कमजोर बनाते हैं।
2. स्किन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं
एंटी-एजिंग क्रीम को बनाने के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, वे त्वचा के लिए कई बार नुकासनदायक होते हैं। ये तत्व त्वचा की सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं जिससे सूर्य की किरणों का भी इस बार ज्यादा असर होता है। ये स्किन को हर समस्या के लिए ज्यादा सेंसिटिव बना देती है जिससे कि छोटी सी चीज भी आपकी स्किन को नुकासन पहुंचाती है।
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3. एंटी-एजिंग उत्पादों में हो सकते हैं हानिकारक तत्व
एंटी एजिंग उत्पादों में कई जहरीले उत्पाद भी होते हैं। डॉ. दादू की मानें तो, आमतौर पर एंटी-एजिंग उत्पादों में उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री, जैसे लिमोनीन (limonene) त्वचा को इरिटेट करते हैं यानी कि त्वचा में खुजली और जलन का कारण बन सकते हैं। साथ ही कई शोध में इसे एक कार्सिनोजेन भी बताया गया है।
4. सन सेंसिटिविटी को बढ़ते हैं
एंटी-एजिंग क्रीम में में मौजूद एक महत्वपूर्ण घटक अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड है। यह त्वचा में चुभन पैदा करता है और सूरज के प्रति संवेदनशीलता का कारण बनता है, इसलिए हमेशा हर दिन सनस्क्रीन का प्रयोग करें। ये रेटिनॉल उत्पादों की तुलना में ज्यादा नुकसानदायक हो सकते हैं। यह जलन, गर्मी, चुभने और झुनझुनी का कारण बन सकते हैं त्वचा की सेंसिटिविटी बढ़ा सकते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को किसी भी रूप में इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए।
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5. जन्म दोषों के जोखिम को बढ़ाते हैं
एंटी एजिंग क्रीम में विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है जो कि शरीर को नुकासन पहुंचा सकते हैं। यह जन्म दोषों के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए प्रग्नेंसी के दौरान इसके इस्तेमाल से महिलाओं को खासतौर पर बचना चाहिए। इसके अलावा एंटी एंजिंग क्रीम में मिलने वाले पेप्टाइड्स भी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये स्किन पोर्स को बड़ा कर सकते हैं, जिससे दूसरी समस्याएं सामने आ सकती है।
इसके अलावा डॉ. दादू का यह भी कहना है कि आपको होम मेड एंटी एजिंग चीजों को भी संभल कर इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि ये कई बार त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। तो, अगर आपको एंटी एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करना है तो एक स्किन एक्सपर्ट से बात करें और उनके सुझाव पर ही कोई भी एंटी एजिंग का इस्तेमाल करें।
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