खानपान से जुड़ा है एनोरेक्सिया रोग, जानें इसके 10 लक्षण

एनोरेक्सिया से पीडि़त व्‍यक्तियों में अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए ऐसे प्रयास करते हैं जो उनके जीवन की गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। वज़न को बढ़ने से रोकने के लिए या वज़न कम करना जारी रखने के लिए, एनोरेक्सिया से ग्रस्त लोग आमतौर पर अपने खाने की मात्रा को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करते हैं।
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खानपान से जुड़ा है एनोरेक्सिया रोग, जानें इसके 10 लक्षण


एनोरेक्सिया खानपान से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें आसान्‍य रूप से शरीर का वजन कम होना या बढ़ने लगता है। एनोरेक्सिया से पीडि़त व्‍यक्तियों में अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए ऐसे प्रयास करते हैं जो उनके जीवन की गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। वज़न को बढ़ने से रोकने के लिए या वज़न कम करना जारी रखने के लिए, एनोरेक्सिया से ग्रस्त लोग आमतौर पर अपने खाने की मात्रा को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे रोगी खाने के बाद उल्टी करके, मूत्रवर्धक या एनीमा का दुरुपयोग करके अपनी कैलोरी का सेवन नियंत्रित कर सकते हैं। वे ज़्यादा व्यायाम करके अपना वज़न कम करने की कोशिश कर सकते हैं। या फिर किसी अच्‍छे विशेषज्ञ से सलाह ले सकते लें।

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एनोरेक्सिया के लक्षण

  • कई हफ्तों या महीनों तक तेजी से वज़न घटना।
  • वज़न बहुत कम होने पर भी सीमित भोजन करना।
  • भोजन, कैलोरी, पोषण या खाना पकाने में एक असामान्य रुचि होना।
  • भोजन करने की अजीब आदतें, जैसे छुप के खाना।
  • वज़न कम होने पर भी मोटा महसूस करना। वज़न बढ़ाने का अत्यधिक डर।
  • अपने शरीर के वज़न का वास्तविक आकलन करने में असमर्थता।
  • लगातार सुधार के लिए प्रयास करना और खुद के प्रति बहुत आलोचनात्मक होना।
  • शरीर के वज़न या आकार का आत्मसम्मान पर अनुचित प्रभाव होना।
  • महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म होना। डिप्रेशन (अवसाद), चिंता या चिड़चिड़ापन होना।
  • रेचक, मूत्रवर्धक या आहार की गोलियों का उपयोग करना। बार-बार बीमार होना।

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