इस जानलेवा बीमारी का कारण हो सकता है छाती में दर्द

इस प्रकार के मरीजों को ह्रदयपेशीय रक्‍ताल्‍पता हो जाती है, जिससे जान जाने का खतरा रहता है, ऐसी स्थिति में दिल की धमनियों में खून का प्रवाह नहीं होता है और न ही ऑक्‍सीजन मिल पाता है, जिसके कारण सीने में तेज दर्द और घबराहट होती है।
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इस जानलेवा बीमारी का कारण हो सकता है छाती में दर्द


छाती में असहनीय दर्द इोलने वाले एन्‍जीना के मरीजों की रक्त-धमनियों में कोलेस्टेरॉल जम जाने, उनमें रक्त के थक्के के फंस जाने या अंदरूनी हिस्‍सा छोटा होने के कारण हृदय को पर्याप्त मात्रा में ब्‍लड नहीं मिल पाता है, जिसके कारण रोगी के सीने में तेज दर्द उठता है। मेडिकल लैंग्‍वेज में इसे एन्‍जीना पेक्‍टोरिस कहा जाता है। इस प्रकार की समस्‍या ह्रदय संबंधी बीमारी के संकेत देते हैं। छाती में होने वाली इस दर्द की अनदेखी आपको ह्रदयघात जैसी समस्‍या के रूप में परिवर्तित हो जाती है।

इस प्रकार के मरीजों को ह्रदयपेशीय रक्‍ताल्‍पता हो जाती है, जिससे जान जाने का खतरा रहता है, ऐसी स्थिति में दिल की धमनियों में खून का प्रवाह नहीं होता है और न ही ऑक्‍सीजन मिल पाता है, जिसके कारण सीने में तेज दर्द और घबराहट होती है।

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एन्‍जीना रोग के लक्षण

 

  • चलने-फिरने, व्यायाम करने, सीढ़ी चढ़ने अथवा पहाड़ पर चढ़ने से छाती में दर्द होना, सांस फूलना और पसीना आना दिल की बीमारी के सामान्य लक्षण हैं।
  • दिल के दौरे के दौरान सीने में बहुत तेज दर्द उठता है। यह दर्द छाती के बिल्‍कुल बीच के भाग के ठीक नीचे से शुरू होकर आस-पास के हिस्सों में फैल जाता है।
  • कुछ लोगों में यह दर्द छाती के दोनों तरफ फैलता है, लेकिन ज्यादातर लोगों में यह बाईं तरफ अधिक फैलता है। यह दर्द हाथों और अंगुलियों, कंधों, गर्दन, जबड़े और पीठ तक पहुंच सकता है।
  • छाती में जलन महसूस होना, घबराहट, बेचैनी, सीने में भारीपन महसूस होना, जकड़न, चक्कर आना, दबाव, सिकुड़न, आपको छाती के पीछे दर्द होने की संभावना है, लेकिन यह आपके कंधे, हाथ, गर्दन, गले, या पीठ में भी फैल सकता है।
  • कई बार दर्द छाती के बजाय पेट के ऊपरी भाग से उठ सकता है, लेकिन नाभि के नीचे और गले के ऊपर का दर्द दिल के दौरे के लक्षण नहीं होते है। हालांकि अलग-अलग मरीजों में दर्द की तेजी एवं दर्द का दायरा अलग-अलग होता है।
  • कई लोगों को इतना तेज दर्द होता है कि मानो जान निकली जा रही हो, जबकि कुछ मरीजों खास तौर पर मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप के मरीजों को कोई लक्षण या दर्द के बिना ही दिल का दौरा पड़ता है।
  • कई लोगों को दर्द के साथ साँस फूलने, उलटी होने और पसीना छूटने जैसे लक्षण भी प्रकट होते हैं। हालाँकि कुछ मरीजों, खासकर डायबिटीज के मरीजों, में बिना कोई लक्षण के भी दिल की बीमारी हो जाती है।
  • डायबिटीज के मरीजों में से 25 से 30 प्रतिशत तथा सामान्य लोगों में 10 प्रतिशत की दिल की बीमारी के कोई लक्षण प्रकट नहीं होने के बावजूद उन्हें दिल की बीमारी हो जाती है। दिल का दौरा पड़ने पर 25 से 30 प्रतिशत लोगों की अचानक मृत्यु हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन लोगों की किसी हृदय रक्त धमनी में 20 से 30 प्रतिशत रुकावट होती है, इसलिए न तो कोई लक्षण प्रकट होता है और न ही एनजाइना होता है। इनमें अचानक क्लॉटिंग हो जाती है, जिससे अचानक ही दिल का दौरा पड़ जाता है।
  • खून में लंबे समय तक कोलेस्ट्रोल की अधिकता, धुम्रपान,ज्यादा वसा युक्त खानपान, मोटापा आदि एन्‍जाइना का कारण बनता है।

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