उम्र बढ़ने के साथ-साथ इंसान के शरीर में कई तरह के बदलाव होना शुरू हो जाते हैं। बालों का सफेद होना, शरीर में झुर्रियां आना, त्वचा से नसों का उभरना आदि ऐसे ही बदलाव हैं। इसके अलावा आंखों से कम दिखाई देना, मांशपेशियों और हड्डियों का कमजोर होना आदि कुछ विकार भी हैं जो बढ़ती उम्र के साथ उत्पन्न होने लगते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी ही एक बीमारी है, जिसमें हड्डियां अंदर से खोखली होने लगती हैं और इनकी ताकत कम होने लगती है। कई बार तो ये इतनी कमजोर हो जाती हैं कि सामान्य सी चोट लगने या जमीन पर गिरने भर से ही हड्डियां टूट जाती हैं। इस बीमारी में कूल्हे, कलाई और रीढ़ की हड्डी को सबसे ज्यादा खतरा होता है। हाइपरटेंशन और शुगर के बाद ऑस्टियोपोरोसिस विश्व की तीसरी सबसे बड़ी बीमारी है।
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कैसे होती है शुरुआत
ऑस्टियोपोरोसिस की शुरुआत में मसल्स और हड्डियों में हल्का दर्द होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। कई बार पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में थोड़े बहुत दबाव से भी तेज दर्द होने लगता है या सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसे में कई लोग इसे शरीर का सामान्य दर्द मानकर दर्द की कोई दवा खा लेते हैं। जबकि इस प्रकार के किसी भी दर्द को नजरअंदाज करना आपको ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार बना सकता है। सामान्य रूप से ये बीमारी 45 से 50 साल के बाद होती है लेकिन आजकल 25-30 साल की उम्र में भी औरतों में ये बीमारी देखी गई है। औरतों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा पुरुषों की अपेक्षा चार गुना ज्यादा होता है। एस्ट्रोजन नाम का हारमोन की वजह से हमारे शरीर में हड्डियों का घनत्व सामान्य बना रहता है जबकि महिलाओं में इस हारमोन का स्तर पीरियड्स बंद होने के बाद से गिरने लगता है।
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डाइटिंग भी हो सकती है वजह
एस्ट्रोजन हारमोन की कमी के अलावा ऑस्टियोपोरोसिस कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से हो सकता है। कई बार ये अनुवांशिक भी होता है। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि कम उम्र की महिलाओं में इस बीमारी की एक बड़ी वजह डायटिंग भी है। खाना कम खाने से या खाने में परहेज करने से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। शराब और सिगरेट की लत वाले महिलाओं और पुरुषों में इस रोग के होने के खतरे बढ़ जाते हैं।
इस तरह करें बचाव
ऑस्टियोपोरोसिस की मुख्य वजह कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है जबकि विटामिन डी कैल्शियम को शरीर में अब्जॉर्ब करने का काम करता है। इसलिए कैल्शियम खाने के साथ-साथ आपको विटामिन डी भी भरपूर लेना चाहिए। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत धूप है इसलिए हर व्यक्ति को रोजाना 20 से 25 मिनट धूप में बैठना चाहिए। इसके अलावा रेगुलर एक्सरसाइज से भी आपके शरीर में कैल्शियम का वितरण ठीक ढंग से होता है। कैल्शियम की कमी दूर करने के लिए दूध, दही और पनीर का ज्यादा इस्तेमाल करें। प्रोटीन के लिए आप सोयाबीन, सोया टोफू, मछली, दाल, पालक, मखाना, मूंगफली, अखरोट, काजू, बादाम, स्प्राउट्स और मक्का आदि खा सकते हैं।
इस आहार और लगातार एक्सरसाइज से आप ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको हड्डियों में लगातार दर्द है या थकान होती है और ये ठीक नहीं हो रही है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
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