पैरों के तलवे दौड़ने, चलने और खड़े होने पर पूरे दबाव का सामना करते हैं। पैर में 26 हड्डियां और संबद्ध स्नायुबंधन होते हैं, जो पैर को एक अवशोषक और लिवर के रूप में काम करने की अनुमति देते हैं।
पैरों के तलवे दौड़ने, चलने और खड़े होने पर पूरे दबाव का सामना करते हैं। पैर में 26 हड्डियां और संबद्ध स्नायुबंधन होते हैं, जो पैर को एक अवशोषक और लिवर के रूप में काम करने की अनुमति देते हैं। पैरों में दर्द पैर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। तलवे में दर्द पैर के नीचे एड़ी और अंगुलियों के बीच के हिस्से में होता है। तलवों में दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं, आइए इनमें से कुछ कारणों के बारे में जानें।
मेटाटार्सलगिया का दर्द पैर के नीचे गेंद को दर्शाता है। मर्क मैनुअल्स के अनुसार, यह तंत्रिका चोट, ख़राब परिसंचरण या जोड़ों में परेशानी जैसे गठिया के कारण होता है। इसमें नसें तनाव के दोहराए या मॉर्टन न्युरोमा और सौम्य तंत्रिका ट्यूमर के गठन के कारण प्रभावित होती है। तंत्रिका चोट तलवों के नीचे दर्द का कारण बनता है। गठिया पैरों के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है।
प्लांटर फैस्कीया एक मोटी और व्यापक स्नायु है, जो पैरों के नीचे उंगालियों और एड़ी के बीच में होता है। प्लान्टर फैस्कीटिस पैरों से संबंधित एक मुख्य ऑर्थोपेडिक समस्या है, जिसमें पैर के तलवे के टिश्यूज में सूजन आ जाती है। जो पैर के तलवे से लेकर घुटनों तक तेज दर्द का कारण बनता है। वैसे तो अभ्यास के दौरान पैर व एंकल को ज्यादा खींचना और घुमाने के कारण तलवे में दर्द की शिकायत ज्यादातर धावक या एथलीट्स को होती है। लेकिन कई बार गलत शेप का जूता पहनने से पैरों के पंजे में खिंचाव पैदा होता है। जिसके कारण पैर में गलत दबाव बनता है।
हड्डी टूटने को फ्रैक्चर कहा जाता है। फ्रैक्चर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आघात का परिणाम हो सकता है। मायो क्लीनिक के अनुसार, स्ट्रेस फ्रैक्चर बार-बार या सशक्त स्ट्रेच जैसे रानिंग और जंपिंग के कारण होता है। फ्रैक्चर के कारण पैर के तलवों में अचानक से दर्द शुरू हो जाता है जबकि स्ट्रेस फ्रैक्चर हल्के से दर्द के साथ शुरू होकर समय के साथ बढ़ता जाता है।
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टार्सल टनल सिंड्रोम यानी टखने की हड्डियों में टनल सिंड्रोम भी तलवों में दर्द का कारण बनता है। यह दर्द तंत्रिका टखने के पीछे से संकीर्ण सुरंग यानी स्नायु से हड्डी के माध्यम से जाता हुआ टांग से पैर तक गुजरता है। फुट स्वास्थ्य तथ्य के अनुसार, इस तंत्रिका में दर्द, झुनझुनी और तलवों में दर्द होना संभव होता है। मधुमेह, गठिया और बहुत अधिक फ्लैट पैर के लोगों में टार्सन टनेल सिंड्रोम के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
प्लांटर वार्ट्स मानव पेपिलोमा नामक वायरस के कारण होते है, इसमें पैरों के नीचे फ्लैट वार्ट्स हो जाते हैं। यह वायरस त्वचा के कटने के माध्यम से प्रवेश करते है। प्लांटर पर अत्यधिक दबाव पड़ने से इसमें तेज दर्द होने लगता है। कॉर्न्स मोटी त्वचा के धब्बे की तरह उभरता है और दबाव के माध्यम से बढ़ता है। कॉर्न्स अक्सर तेज दर्द का कारण बन सकता है।
तलवों में दर्द या सूजन की समस्या से परेशान लोगों के लिए बॉटल मसाज थैरेपी काफी उपयोगी होती है। इसके लिए आपको प्लास्टिक की बोतल में 1/3 पानी भर कर फ्रीजर में जमने के लिए रखना होगा। बोतल में जब बर्फ जम जाए तो उसे बाहर निकालें और आसपास का पानी पोंछ दें। फिर बोतल को एक सूखे टॉवल, कपड़े या डोरमैट पर रख दें। अब कुर्सी या सोफे पर बैठ जाएं और पैरों के तलवे के बीच वाले हिस्से को बोतल पर रखें व बोतल को तलवों की सहायता से आगे-पीछे करें। इससे आपके तलवों में रक्त संचार होगा और मांसपेशियों की हल्की मसाज होगी। इस प्रयोग को 10-15 मिनट तक कर सकते हैं।
पैरों के तलवों पर एक्यूप्रेशर रोलर करनें से दर्द से राहत मिलती है। इस क्रिया में पैरों को रोलर पर रखकर धीरे-धीरे घुमाएं। यह क्रिया दिन में कई बार करनी चाहिए। इसे दो मिनट तक करना पर्याप्त रहता है। रोलर करने से पहले तलवों पर हल्का पाउडर लगाएं। इससे एक्यूप्रेशर आसानी से होगा।
पैरों को दबाने या मसाज करने से भी आराम मिलता है। तलवों को आराम देने के लिए मसाज करते समय दोनों पैरों के तलवों की ओर अंगूठे के बिल्कुल नीचे पड़ने वाले बिंदु पर दबाव दें। फिर पैरों के ऊपर छोटी उंगली के नीचे पड़ने वाले तीन बिंदुओं पर दबाव दें। इसके बाद पैरों के नीचे एड़ी पर पड़ने वाले तीन मास्टर बिंदुओं पर दबाव दें।
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