
बच्चों में स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय भोजन नियामक (National Food Regulator) FSSAI अमेजन के वर्चुअल असिस्टेंट 'एलेक्सा' से समझौता किया है। जिससे बच्चों को खानपान के प्रति जागरूक किया जा सके। साथ ही उन्हें उनका ध्यान जंक फूड की अपेक्षा साफ और स्वस्थ भोजन पर केंद्रित किया जा सके। FSSAI के सीईओ ने कहा कि 'खाने का अधिकार' अभियान का एक प्रमुख हिस्सा बच्चों की ओर है। श्रोताओं के इस वर्ग को संबोधित करने के लिए कई ऐसे हस्तक्षेप हैं जो इनके मस्तिष्क का ध्यान खींचने पर आधारित है न कि बाहर की सामग्री को आगे बढ़ाने के लिए है।
पहली बार राष्ट्रीय खाद्य नियामक (National Food Regulator) ने ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन के वर्चुअल असिस्टेंट 'एलेक्सा' के साथ समझौता किया है। साथ ही यह स्कूलों में 'ईट राईट' (Eat Right) लैब भी स्थापित कर रहा है जिससे स्वस्थ भोजन पर बच्चों के साथ बातचीत की जा सके और उनमें इसके प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा की 'खाने का अधिकार' अभियान का एक प्रमुख हिस्सा बच्चों की ओर है। श्रोताओं के इस वर्ग को संबोधित करने के लिए कई ऐसे हस्तक्षेप हैं जो इनके मस्तिष्क का ध्यान खींचने पर आधारित है न कि बाहर की सामग्री को आगे बढ़ाने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन युवाओं तक पहुंचने का लक्ष्य है जो नियमित रूप से एलेक्सा का उपयोग करते हैं और स्कूलों के साथ काम करने के लिए भोजन की योजनाओं को सही खाने के आधार पर बांटते हैं। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा स्कूलों में जंक फूड पर प्रतिबंध लगाने के बाद आया है।
अग्रवाल ने कहा कि मिलेनियल्स अपने आहार के प्रति अधिक जागरूक हैं। उनमें से ज्यादतर लोग गांव में रहते हैं लेकिन प्रौद्योगिकी ग्रामीण-शहरी विभाजन को बंद कर रही है। इसके चलते वे शहरी उपभोक्ताओं के समान स्थान पर हैं ऐसे में यह उनके लिए भी सही खाने की आकांक्षा है जैसा कि हम इसके बारे में जानते हैं।
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत नोडल एजेंसी FSSAI सुरक्षित और स्वस्थ भोजन पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह एक मुख्यधारा की बातचीत बन जाए। इसके अलावा हम स्कूल और कॉलेज के छात्रों को जागरूक करने के लिए वर्चुअल (Virtual) और ऑग्मेंटिट (Augmented) वास्तविकता जैसी तकनीकों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
'ईट राइट' अभियान रेस्तरां, होटल और कैफेटेरिया के लिए स्वच्छता रेटिंग और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए स्वच्छता मानदंड स्थापित करना जैसी अवधारणाओं के साथ जुड़ा हुआ है। इससे संबंधित विकास में एफएसएआई के 'क्लीन स्ट्रीट फूड हब' जिसके तहत इसमें स्ट्रीट वेंडर्स सहित समूहों की पहचान की जाती है और उन्हें प्रशिक्षित तथा जुटाया जाता है राष्ट्रीय स्तर पर इस समय ऐसे 20 केन्द्रों को बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा डेयरी प्लांटों का दूध परीक्षण और निरीक्षण इस महीने से शुरू होगा। जो दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेगा उनपर पेनल्टी लगाई जाएगी।
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उन्होंने कहा कि खाद्य उत्पाद जैसे दूध, मसाले और तेल मसालों में मिलावट को लेकर नागरिकों के बीच काफी निराशा है। हम समझते हैं कि समस्याएं हैं और इसलिए हम समस्या की प्रकृति और सीमा को समझने के लिए बड़े पैमाने पर उसकी निगरानी कर रहे हैं। जिससे हम उन लोगों को संबोधित कर सकें। इसके लिए विनियामक (Regulator) 800 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहा है और राज्य सरकारों से केंद्रीय लाइसेंसिंग प्रवर्तन ले रहा है।
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इस्तेमाल करने का तरीका:
1. एलेक्सा पर घरेलू नुस्खे एक्टिव करें
2. अंग्रेजी के लिए कहें “Alexa, Open Home Remedies
3. हिंदी में जानकारी के लिए कहें “Alexa, घरेलू उपचार खोलो”
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