Acupuncture: 20 मिनट के एक्‍यूपंक्‍चर थेरेपी से ठीक हो सकता है डायबिटीज, जानें कैसे काम करती है ये तकनीक

एक्यूपंक्चर थेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्‍सा है, जिसके माध्‍यम से कई गंभीर रोगों को ठीक किया जा सकता है। एक शोध में पाया गया है कि, ये थेरेपी डायबि‍टीज में भी कारगर है।
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Acupuncture: 20 मिनट के एक्‍यूपंक्‍चर थेरेपी से ठीक हो सकता है डायबिटीज, जानें कैसे काम करती है ये तकनीक


एक्यूपंक्चर एक ऐसी प्रेक्टिस है, जिसे क्रॉनिक पेन, बांझपन, सिरदर्द जैसी बहुत सी बीमारियों और स्थितियों के उपचार में फायदेमंद पाया गया है। हालांकि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा इसकी दक्षता पर अभी भी कई अध्ययन किए जा रहे हैं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह पारंपरिक चीनी थेरेपी (Chinese therapy) टाइप-2 डायबिटीज के उपचार में काफी फायदेमंद साबित हो चुकी है। कुछ विशेष सुईयों से त्वचा पर पियरसिंग करने से लक्षित अंगों में विशेष प्रकार की ऊर्जा का संचार होता है। 

उपचार पद्धति के रूप में एक्यूपंक्चर बीमारियों के लक्षणों को जड़ से खत्म करने पर जोर देता है। चूंकि मधुमेह एक ऐसी समस्या है जो हमारे अंतःस्रावी तंत्र में हार्मोनल असंतुलन के कारण पैदा होती है, और यह आपको दर्द का अहसास कराती है। एक्यूपंक्चर के लिए प्रयोग की जाने वाली सुई समान प्रकार के एंडोर्फिन को उत्तेजित करती है, सकारात्मक ऊर्जा को छोड़ती है और किसी भी प्रकार के दर्द को कम करती है। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक, एक्यूपंक्चर डायबिटीज के कई खतरों और दुष्प्रभावों से लड़ने, अग्नाशय के कार्य को नियंत्रित करने और इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा नियमित रूप से एक्यूपंक्चर मोटापे से भी लड़ने में मदद कर सकता है। डायबिटीज़ का आयुर्वेदिक उपचार

डॉक्टरों का कहना है कि एक्यूपंक्चर शरीर की इन 5 गतिविधियों में सुधार के आधार पर काम करता है:  

  • यह नियमित रूप से वजन बढ़ने और उसे बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद करता है। 
  • डायबिटीज के मरीजों में ब्लड ग्लूकोज के स्तर को बेहतर बनाता है। 
  • पैंक्रियाज की रक्षा करता है और इंसुलिन के उत्पादन में वृद्धि को रोकता है। 
  • इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करता है। 
  • शरीर में मेलाटोनिन, इंसुलिन, ग्लूकोकोर्टिसिड जैसे शरीर में जरूरी हार्मोन के उत्पादन स्तर को प्रबंधित और बेहतर बनाता है। 

कैसे करता है ये काम 

पारंपरिक रूप से इसका प्रयोग करने वालों का मानना है कि जब लो-इंटेंसिटी हमारे शरीर के माध्यम से गुजरकर जाती है तब एक्यूपंक्चर सबसे अच्छा काम करता है। आमतौर पर डायबिटीज के लिए एक्यूपंक्चर उपचार में 20 से 30 मिनट लगते हैं, और यह हर सप्ताह में दो बार किया जाता है। मरीज के इतिहास और रोग की प्रगति के आधार पर, उपचार को सप्ताह में आगे भी बढ़ाया जा सकता है। अधिकांश चिकित्सक डायबिटीज के प्रबंधन में दो प्रकार के एक्यूपंक्चर का उपयोग करना पसंद करते हैं और इस समस्या के बिगड़ने या आवश्यक शारीरिक कार्यों को प्रभावित करने से रोकते हैं। वजन घटाने के लिए एक्यूपंचर से जुड़े तथ्य

इलेक्ट्रोएक्यूपंक्चर 

यह सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाला एक्यूपंक्चर का रूप है, जिसमें सुईयों को ट्रिगर प्वाइंट में लगाया जाता है और एक सूई से दूसरी सुई में कम तीव्रता वाले इलेक्ट्रिकल वेरिएशन पास किए जाते हैं, जो इंसुलिन प्रतिरोध और सेंसटिविटी से लड़ने में मदद करते हैं।

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कलाई-टखने का इलाज

कलाई-टखने का इलाज एक्यूपंक्चर का एक और रूप है, जिसमें ट्रिगर प्वाइंट पर गहरी उत्तेजना पैदा करता है। यह शुगर के स्तर को कम करने और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

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हर्बल एक्यूपंक्चर

यह हाल में ईजाद किया गया एक्यूपंक्चर का एक नया रूप है। इस उपचार में विशेष प्रकार के हर्ब का प्रयोग किया जाता है, जो सीधा हमारे एक्यूपंक्चर बिंदुओं को निशाना बनाकर लगाए जाते हैं।

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