
कान का एक्यूपंक्चर वजन घटाने में आपकी काफी मदद कर सकता है। कान के बाहर ऐसे 5 बिंदु चुने जाते हैं जो पूरे शरीर का प्रतिनिधित्व करते हैं, इनको दबाने से ही वजन कम होता है।
ऐलोपैथिक चिकित्सा के इस युग में एक्यूपंक्चर सबकी जिज्ञासा का विषय है। इस चिकित्सा पद्धति में शरीर के कुछ निश्चित बिन्दुओं पर सुइयां चुभोकर विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है। यह पद्धति एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से कुछ हद तक अलग है परंतु दोनों चिकित्सा पद्धतियों के मूल सिद्धान्त लगभग समान ही हैं। भारत, मंगोलिया और चीन जैसे देशों के प्राचीन चिकित्सकीय ग्रंथों में एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति में मानव शरीर के कुछ दबाव पर चिकित्सा पद्धति टिकी है। इस पद्धति में शरीर में स्थित दबाव केन्द्रों और नसों में एक विशेष प्रकार की सुई चुभाकर रोग का उपचार किया जाता है। ये सुइयां पीतल या अन्य धातु की बनी होती है, जिनकी लंबाई 2 से 2.5 सेटी मीटर हो सकती है।
ऐसे होती है एक्यूपंक्चर चिकित्सा
शरीर के विभिन्न अंगों में खास बिंदु होते हैं। एक्यूपंक्चरिस्ट बाल के समान पतली पिनों को इन्हीं बिंदुओं में चुभाते हैं। अनुभवी डॉंक्टर इस प्रक्रिया को इतनी कुशलता के साथ करते हैं कि मरीज को जरा भी दर्द नहीं होता। सुई चुभोने की इस प्रक्रिया को शरीर में ऊर्जा के संतुलन से जोड़ कर देखा जाता है। एक्यूपंक्चर पद्धति से शरीर के न्यूरो ट्रांसमीटर संतुलित होते हैं। हार्मोन लेवल और रोग प्रतिरोधक सिस्टम भी सही रहता है।
वजन घटाने के लिए एक्यूपंक्चर
कान का एक्यूपंक्चर वजन घटाने में आपकी काफी मदद कर सकता है। साउथ कोरिया की युंग ही यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक, कान का एक्यूपंचर बीएमआई कम करके वजन कम करने में मदद करता है। इसके लिए कान के बाहरी हिस्से के पांच बिंदुओं में एक्युपंक्चर किया जाता है।
इस रिसर्च के दौरान, ऐसे वयस्क लोगों के कान में एक्यूपंक्चर किया गया जिनका वजन ज्यादा था। उन्होंने कान के ऐसे पांच हिस्सों पर दो मिलीमीटर गहरा एक्यूपंचर दबाव बनाया जिससे भूख न लगने से लेकर फैट्स घटने तक, वजन घटाने से जुड़े कई पहलुओं पर नियंत्रण आसान हो गया। साथ ही साथ, उन्होंने स्ट्रिक्ट डाइट को भी फॉलो किया। परिणाम में पाया गया कि सिर्फ आठ हफ्तों में अधिकतर लोगों के बीएमआई में 6.1% की कमी आई।
शोध के दौरान उन्होंने प्रतिभागियों के बीएमआई से लेकर हर चीज का दो महीने तक निरीक्षण किया और पाया कि एक्यूपंचर की मदद से दो महीने के भीतर प्रतिभागियों का वजन छह प्रतिशत कम करना आसान हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने इस थेरेपी को फाइव प्वाइंट ट्रीटमेंट विधि का नाम दिया है और इसे वजन घटाने में सहायक तकनीक माना है।
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