Actor Fawad Khan Diagnosed With Diabetes: पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को उनके स्टाइलिश लुक और बेहतरीन पर्सनालिटी के लिए जाना जाता है। इसके लिए लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं। उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपने हुनर के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने 'कपूर एंड सन्स' और 'ऐ दिल है मुश्किल' जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय से लाखों लोगों का दिल जीता है। यही कारण है कि इंस्टाग्राम पर भी इस एक्टर को 1.6 मिलियन से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। एक डिजिटल चैनल के साथ अपने हालिया इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि वे 24 साल से डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने डायबिटीज के साथ उनके जीवन से जुडे़ अनुभव और इससे जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी खुलकर बातचीत की। इस लेख में हम फहाद खान की डायबिटीज के साथ संघर्ष की पूरी कहानी शेयर कर रहे हैं।
फवाद खान को कब पता चला उन्हें है डायबिटीज
इंटरव्यू में फवाद ने बताया, "जब मैं 17 का था, तो इस दौरान मेरा शरीर एक ऑटोइम्यून स्थिति से गुजर रहा था। एक बार मुझे बहुत तेज बुखार आया , जिसके कुछ दिन बाद मेरा वजन बहुत तेजी से गिरा। मैंने 8 दिनों में लगभग 10 किलो वजन खोया था। मैं 65 किलो का था और मैं महज 8 दिनों में 55 पर पहुंच गया था।"
"उसके अगले दिन से मुझे बहुत प्यास लगने लगी, मेरी प्यास अचानक से ही बढ़ गई थी है। ज्यादा पानी पीने की वजह से मुझे बार-बार यूरीन के लिए टॉयलेट जाना पड़ रहा था। डॉक्टर्स से मुझे पता चला कि इस स्थिति को पॉल्यूरिया कहते हैं। मैं दिन में 6-7 लीटर पानी पीता था, लेकिन फिर भी मेरा मुंह सूखा रहता। क्योंकि मैं डिहाइट्रेशन की स्थिति से जूझ रहा था। इसके बाद डॉक्टर्स ने मेरे कुछ मेडिकल टेस्ट किये, जिसके पता चला कि मुझे टाइप 1 डायबिटीज हो गया है।"
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24 साल से फवाद डायबिटीज से लड़ रहे जंग
फवाद ने बताया कि वे आज भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे डायबिटीज से लड़ते हुए अब 24 साल हो गए हैं। मैं 17 साल की उम्र से इंसुलिन ले रहा हूं और अब 41 का हो गया हूं। इसका मेरे शारीरिक जीवन पर भी काफी गंभीर प्रभाव पड़ा है। जब मैं स्कूल में था, तो हर रोज खेलता था और शारीरिक रूप से काफी एक्टिव था, लेकिन डायबिटीज के बाद मेरी स्थिति धीरे-धीरे बदलने लगी और समय के साथ फिजिकल एक्टिविटी कम हो गईं।" उन्होंने बताया कि खेलों के प्रति मेरी रुचि और उत्साह कम होने लगा था। मैं हर समय बहुत थका हुआ महसूस करता था।
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स्कूल के दौरान फवाद को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि स्कूल में हर समय इंसुलिन रखना और लेना काफी असहज होता था। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिये किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन फिर भी मैनें कभी डायबिटीज को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।"
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