हाल में अनुवांशिकी और थायरॉइड ट्यूमर की कोशिकाओं पर हुए शोध में थायरॉइड कैंसर को पूरी तरह समाप्त करने वाले इलाज खोज निकालने की आशा जगी है।
इसके लिए शोधकताओं ने काइनेस जैसे पदार्थ का प्रयोग शुरू किया है। यह ट्यूमर कोशिकाओं को विभाजित करेगा। साथ ही रक्त वाहिकाओं के भी लक्षित करेगा। फिलहाल किडनी तथा लिवर कैंसर के उपचार के लिए सोराफेनिब दवा का उपयोग किया जा रहा है।
एक नए शोध में पाया गया कि यह पदार्थ थायरॉइड कैंसर के उपचार में भी उतना ही असरदार है। फूड एंड ड्रग एडमिनेस्ट्रेशन ने 40 वर्षों में पहली बार इस ड्रग को स्वीकृति देने के लिए जांच की है।
अभी तक थायरॉइड कैंसर की मेजर कंडीशन में इलाज के उन्नत विकल्प न होने के कारण इस रोग से पीड़ित मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
थायरॉइड कैंसर के अलावा त्वचा के कैंसर के पक्के इलाज की ओर भी काफी तरक्की मिली है। पहली बार विशेषज्ञ विकसित मेलानोमा के काफी करीब पहुंच गये हैं।
इपीलीमुबेब और एंटी पीडीआईएस नामक ड्रग को मिलाकर कैंसर कोशिकाओं को विभाजित किया जा सकेगा। पहले इस बीमारी का इलाज बहुत ही मुश्किल था।
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