प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस समय महिला के गर्भ में भ्रूण का विकास शुरू हो जाता है और महिला खुद को बच्चे से भावनात्कम रूप से जुड़ाव महसूस करने लगती हैं। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल व भावनात्मक बदलाव तेजी से होते हैं। इस समय भ्रूण का विकास लगभग अनार के दाने के बराबर होता है। इस समय अंगों के बनने की प्रक्रिया का पहला चरण शुरू होता है। इस सप्ताह में भ्रूण की दिल की धड़कने अल्ट्रासाउंड की मदद से सुनी जा सकती हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं गर्भावस्था के 6वें सप्ताह के लक्षण और अन्य महत्वपूर्ण बातों को।
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह के लक्षण क्या होते हैं? - 6th Week Pregnancy Symptoms in Hindi
गर्भावस्था का 6वां सप्ताह प्रेग्नेंसी के अन्य सप्ताह की तरह ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय भी महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव लगातार जारी रहते हैं। गर्भावस्था को डॉक्टर मुख्य रूप से तीन तिमाही में विभाजित करते हैं। पहले तीन महीनों को प्रथम तिमाही (फर्स्ट ट्राईमेस्टर), 4 से 6 महीने तक को दूसरी तिमाही (सेकेंड ट्राईमेस्टर) व 7 से 9 महीने को तीसरी तिमाही (थर्ड ट्राईमेस्टर) के नाम से जाना जाता है। छठे सप्ताह में भ्रूण का विकास प्रारंभिक चरण में होता है। इस समय महिलाओं को 5वें सप्ताह की तरह की लक्षण महसूस होते हैं। प्रेगनेंसी के छठे सप्ताह में महिलाओं को निम्न लक्षण महसूस हो सकते हैं।
जी-मिचलाना या उल्टी होना
प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में महिलाओं को जी मिचलाने की समस्या सामान्यतः बनी रहती है। प्रेग्नेंसी का 6वां सप्ताह भी इसी में आता है, तो महिलाओं को इस सप्ताह में भी जी मिचलाने व उल्टी आने की समस्या बनी रहती है। महिलाओं के हार्मोन में बदलाव की वजह से ये समस्या होती है। इससे बचने के लिए महिलाओं को रात को सोने से पहले ज्यादा तैलीय आहार नहीं खाना चाहिए।
थकान होना
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह में अधिकतर महिलाओं को थकान महसूस होती है। ऐसा उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव व ब्लड सर्कुलेशन में धीमी गति की वजह से होता है। इस समस्या से बचने के लिए महिलाओं को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। रात को देर रात तक नहीं जागना चाहिए। इसके साथ ही पानी सही मात्रा में पीना चाहिए।
कब्ज होना
प्रेग्नेंसी के 6वें हफ्ते में महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था में दिए जाने वाले आवश्यक विटामिन की वजह से महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है। लेकिन, इस समस्या के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस तरह के लक्षण महसूस होने पर महिलाओं को फाइबर युक्त सब्जियां और फल खाने चाहिए। साथ ही, एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
बार-बार यूरिन आना
गर्भावस्था के शुरूआती दौर में किडनी पर प्रेशर बनता है, इसलिए महिलाओं को बार-बार यूरिन आने लगती है। इस समय गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। कई बार पानी की कमी होने पर महिलाओं के यूरिन का कलर पीला हो जाता है।
टेस्ट में बदलाव होना
इस समय कई महिलाओं के टेस्ट में बदलाव (metallic taste) महसूस होने लगता है। कई बार महिलाओं को सुबह उठने के बाद मुंह में अजीब सी गंध महसूस होने लगती है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान होने वाला हार्मोनल बदलाव इसकी मुख्य वजह माना जाता है।
इसके अलावा 6वें सप्ताह में महसूस होने वाले अन्य लक्षण
- सूंघने की क्षमता तीव्र होना
- चेहरे पर काले व भूरे रंग के पैच होना
- बालों का घना व चमकदार होना
- पेट फूलने की समस्या
गर्भावस्था के 6वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 6th week Of Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के 6वें सप्ताह में भ्रूण का विकास तेजी से होता है। इस समय हृदय का विकास भी शुरू हो जाता है। महिलाएं कुछ सप्ताह के बाद वेजाइनल अल्ट्रासाउंड की मदद से भ्रूण की हृदय गति की गतिविधि को देख सकती हैं। मुख्य रूप से 10वें से 12वें सप्ताह के बाद आप भ्रूण की हृदय गति को सुन सकते हैं।
विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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गर्भावस्था में 6वें सप्ताह में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi
6 सप्ताह की गर्भवती होने पर मुझे क्या महसूस होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह में महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस दौरान उनके गर्भाशय में भ्रूण का विकास तेजी से होता है। जिस वजह से उनको बार बार यूरिन आने, जी मिचलाने, उल्टी आने, स्तनों में हल्का दर्द, थकान व सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह में भ्रूण का विकास कितना होता है?
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह में भ्रूण का विकास तेजी से होता है। इस समय भ्रूण का आकार अनार के दाने के बराबर होता है। लेकिन उसका विकास निरंतर जारी रहता है।
बच्चे की हार्ट बीट कब आती है?
बच्चे की दिल की धड़कने वैसे तो आपको 12 से 14वें सप्ताह में सुनाई दे सकती हैं। लेकिन फिर भी कई मामलों में 6वें सप्ताह से ही महिलाएं कुछ टेस्ट की मदद से भ्रूण की धड़कनों को महसूस कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह में क्या नहीं करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 6वें सप्ताह में आपको धूम्रपान, शराब और अनियमित खानपान से बचना चाहिए। इसके साथ ही, हॉट बाथ टब लेने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही समय-समय पर नियमित जांच करानी चाहिए।