हार्ट यानी हृदय से जुड़े रोगों के कारण दुनियाभर में सबसे ज्यादा मृत्यु होती है। हार्ट अटैक भारत में भी समय से पहले मौत का एक बड़ा कारण है। द लांसेट द्वारा हाल में किये गये एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में, विशेष तौर पर कम आय वाले देशों में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण कार्डियोवस्कुलर रोग (सीवीडी) हैं। इसके मुख्य कारणों में से एक लगातार जीवन शैली में होते रहने वाला बदलाव है, जिससे आजकल हर व्यक्ति जूझ रहा है, जैसे- शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव न रहना, दिनभर बैठे रहना, गलत खानपान, एक्सरसाइज न करना, चीनी तथा नमक का अधिक सेवन करना, और सैचुरेटेड या ट्रांस फैच का ज्यादा सेवन करना आदि आदतें शामिल हैं।
29 सितंबर को हर साल विश्व हृदय दिवस या वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा निर्धारित किया गया यह दिन विशेष रूप से दिल की बीमारियों और उसे रोकने के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। अगर आप अपने हृदय यानी दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो ये 6 आदतें अपनाएं।
अपने खानपान को लेकर सचेत रहें!
हमारे बुजुर्ग और प्रियजन हमेशा कहते हैं कि ‘आपका शरीर आपका मंदिर है। इसका सम्मान करें।' इसे सुनिश्चित करने के लिए अपने खानपान को लेकर अधिक सचेत रहें। इस वर्ष प्रतिज्ञा लें कि आप अपने शरीर को अधिक सम्मान के साथ व्यवहार करेंगे, अपने परिवार और अपने खानपान अधिक सचेत रहेंगे और अपनी सेहत को और अधिक स्वस्थ बनाने के लिए प्रयास करेंगे। अपने भोजन में स्वस्थ खाद्य पदार्थों जैसे- बादाम, फल या ओट्स शामिल करें, और बेहतर परिवर्तन के लिए अनहेल्दी चीजें खाने से बचें।
सही खानपान के महत्व पर जोर देते हुए, बॉलीवुड अभिनेत्री, सोहा अली खान ने कहा कि “अपने परिवार और अपने हृदय की सेहत को बनाए रखने के लिए हम सबको प्रयास करना चाहि। अपने आहार में छोटे बदलावों को शामिल करना शुरू करें, जैसे- अधिक प्रोसेस्ड और तले हुए खाद्य पदार्थों के बजाय सादे, रोस्टेड बादाम खाएं। बादाम दिल की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
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अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें!
अपने डॉक्टर/फिजिकल ट्रेनर की सलाह के अनुसार, अपनी दैनिक दिनचर्या के हिस्से के रूप में कुछ व्यायामों को शामिल करें। चाहे तेज चलना हो, हल्की-फुल्की जॉगिंग करनी हो, जिम जाना हो, तैराकी, जुंबा या योग जो भी हो, लेकिन अपनी रोजाना की आदतों में कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज की आदत को जरूर शामिल करें।
फिटनेस प्रेमी और सुपरमॉडल, मिलिंद सोमन कहते हैं कि “जीवन में नियमित व्यायाम को शामिल करना, स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुझे व्यक्तिगत रूप से दौड़ना और तैरना पसंद है - और मैं दोनों के बीच अपने समय को संतुलित करने की कोशिश करता हूं। व्यायाम के इन दो रूपों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप आसानी से या तो अपनी दैनिक जीवन शैली में शामिल कर सकते हैं, और जब आप काम पर जा रहे हों, या जब आप छुट्टी पर हों, तब भी इनका पालन करना आसान होता है। अपनी फिटनेस प्रणाली को ठीक रखने के लिए मैं मुट्ठी भर बादाम अपने पास रखता हूं, और इसलिए हर बार भूख लगने पर मैं अनहेल्दी स्नैक्स की जगह बादाम का सेवन करता हूं।”
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अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को जानें और इसके बारे में जागरूक रहें!
भारत में होने वाली सभी मौतों में 28% से ज्यादा का कारण किसी न किसी तरह का कार्डियोवस्कुलर रोग (सीवीडी) होता है। इन रोगों का मुख्य कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल (लो डेन्सिीटी लिपोप्रोटीन) का बढ़ना और एचडीएल (हाई डेन्सिनटी लिपोप्रोटीन) यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का शरीर में कम होना है। इसलिए अपने एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बारे में अधिक सावधान और जागरूक रहना महत्वपूर्ण है, जिससे कि आप अपने हृदय की बेहतर सेहत के लिए समय पर बदलाव कर सकें।
माधुरी रुइया, पिलेट्स एक्सपर्ट और डाइट एंड न्यूट्रिशन कंसल्टेंट बताती हैं कि “किसी व्यक्ति के कोलेस्ट्रॉल लेवल का जायजा लेना और उसे संतुलित करने का सक्रिय प्रयास करना, समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए हम एक छोटी-सी महत्वपूर्ण बात यह कर सकते हैं कि अत्यधिक सैचुरेटेड फैट यानी संतृप्त वसा वाले हमारे भोजन का सेवन कम कर दें, और इनकी जगह बादाम, पूर्ण वसा वाले योगर्ट या फलों जैसे मोनो सैचुरेटेड फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।"
उन्होंने कहा कि "वर्षों से चल रहे वैश्विक अनुसंधान और काफी सारे वैज्ञानिक प्रमाण कहते है कि बादाम हृदय रोगों से बचानें में काफी फायदेमंद हो सकता है। अभी हाल में हुए एक अध्ययन में यह भी बताया गया है कि स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में 45 ग्राम बादाम का सेवन करना डिस्लिपिडेमिया को कम करने में मदद कर सकती है, जो कि उच्च एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर और निम्न एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर की स्थिति में होता है"
वजन पर नजर रखें!
पेट की चर्बी का संबंध अक्सर बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल, हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप और ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर से होता है जो हृदय रोगों में योगदान करने वाले जोखिम कारक हैं। अपने परिवार और अपने वजन के बारे में अधिक जागरूक होना, स्वस्थ जीवन शैली के एक कदम नजदीक पहुंचने जैसा है।
मैक्स हेल्थकेयर– दिल्ली की रीजनल हेड-डायटेटिक्स, रितु समादार बताती हैं कि "अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए, अपना वजन कम रखना जरूरी है। जो लोग अपने वजन को ठीक रखने की दिशा में काम कर रहे हैं, उनके लिए बादाम एक अच्छा स्नैकिंग विकल्प है, क्योंकि बादाम पेट को भरा होने का एहसास देता है। हाल ही के एक अध्ययन से पता चला है कि हर रोज 42 ग्राम बादाम खाने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में काफी सुधार के अलावा, सेंट्रल एडिपोसिटी (पेट की चर्बी) और कमर के आकार, हृदय रोग के सभी प्रमाणित जोखिम कारकों में कमी आती है।”
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अपने तनाव को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें!
आजकल, बहुत से भारतीयों के लिए, तनाव उनकी जीवन शैली का एक अंग बन गया गया है। हाल के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 86% के वैश्विक औसत की तुलना में लगभग 89% भारतीयों ने तनाव का सामना करने की बात कही है। कई लोगों के लिए, यह भावनात्मक कारणो से, या तनाव की वजह से खानपान की आदतों के कारण भी है - जो कि शरीर की आवश्यकता से नहीं, बल्कि भावनात्मसक कारणों से किया जाता है। सर्वेक्षण बताता है कि समग्र कल्याण के लिए, अपने तनाव को नियंत्रण में रखने की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए स्वतयं को उन चीजों को करने के लिए समय देना है, जिनसे आपको खुशी मिलती हो।
इसके बारे में शीला कृष्णास्वामी, न्युट्रिशन और वेलनेस कन्सलटेंट कहती हैं कि “उन दैनिक गतिविधियों से स्वयं को जोड़ने का प्रयास करें जिनसे आपको अच्छा लगता है, जैसे आप उन लोगों के साथ अधिक समय बिताना, जिन्हें आप प्यार करते हैं, ध्यान करना, या पेंट करना, या कोई किताब पढ़ना जिसे आप काफी समय से पढ़ना चाहते हैं। लेकिन यह जरूर सुनिश्चित करें कि आप अपने लिए समय निकालें। जो लोग भावनात्मक कारणों से खानपान करने से तनाव का सामना करते हैं, उनके लिए यह भी एक अच्छा विचार है कि जब तनाव हो तो अपने विचारों को अधिक ध्यानपूर्वक वाले खानपान में लगायें। मेरा सुझाव है कि अपनी भूख को शांत करने के लिए मुट्ठी भर बादाम लें, क्योंकि वे आपको थोड़ी देर के लिए तृप्त रखेंगे, और अस्वास्थ्यकर भोजन के अति सेवन से आपको रोकेंगे।"
और अंत में, धूम्रपान करना छोड़ दें!
धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन हृदय की रक्त वाहिकाओं के अस्तर को नुकसान पहुंचाता है जो बदले में उनमें सूजन और संकरापन पैदा करता है, और जिससे एनजाइना या दिल का दौरा पड़ सकता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, धूम्रपान के कारण कुल सीवीडी लगभग 10% होने का अुनमान रहता है और उच्च रक्तचाप के बाद यह सीवीडी होने का दूसरा प्रमुख कारण माना जाता है।
धूम्रपान छोड़ने से आपके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि हाल ही में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) के एक अध्ययन के अनुसार काफी सिगरेट पीने वाले यदि सिगरेट पीना छोड़ते हैं तो सिगरेट छोड़ने के पांच साल के भीतर उनके हृदय रोग के जोखिम को 39% तक कम किया जा सकता है इसलिए आप अपने हृदय को 2019 में सबसे अच्छा उपहार दे सकते हैं, और अपने प्रियजनों और अपनी भलाई के लिए धूम्रपान छोड़ने का संकल्प लें।
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