क्या आप नया घर ले रहे हैं? उसे हेल्दी बनाना चाहते हैं? अगर हां तो आपको हेल्दी होम ही खरीदना चाहिये। हेल्दी होम का मतलब एक ऐसा घर जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर करे। आप सोच रहे होंगे कि भला घर का स्वास्थ्य से क्या संबंध पर डॉक्टर मानते हैं कि ज्यादातर बीमारियां हमारे आसपास के माहौल से आती हैं। वायरस और बैक्टेरिया उसी क्षेत्र में अटैक करते हैं जहां उन्हें अपने मुताबिक वातावरण मिलता है। आज हम आपको बतायेंगे कि घर लेने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना है जिससे घर आपके स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करे।
1. घर में हो क्रॉस वेंटिलेशन (Benefits of cross ventilation)
इन दिनों लोग स्टूडियो अपार्टमेंट या बंद घरों की ओर बढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादा खिड़कियां नहीं होतीं। अगर घर में एक से ज्यादा खिड़की और बॉलकनी होगी तो फ्रेश हवा को अंदर आने का रास्ता मिलेगा। नया घर लेते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि घर में खिड़कियां हों जिससे हवा आरपार जा सके। हवादार घरों में बीमारियां कम पनपती हैं। आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि घर ऐसी जगह न हो जहां इंडस्ट्री हो या आपकी खिड़की ऐसी जगह हो जिसके बाहर कहीं से धुंआ आता हो।
इंडस्ट्रियल एरिया से बचें (Effects of air pollution)
खराब वायु में रहने से आपको दिल की बीमारियां हो सकती हैं। अस्थमा भी खराब हवा से होने वाली आम और हानिकारक बीमारी है। प्रदूषित हवा आपके फेफड़ों में जाकर लंग कैंसर का कारण बन सकती है। निमानिया भी खराब वायु से होने वाली बीमारी है। बीमारियों से बचने के लिये नये घर को प्लान करने से पहले आसपास की जगह को अच्छी तरह देख लें। इंडस्ट्रियल एरिया में बिल्कुल भी घर न लें। आसपास डम्पिंग एरिया हो तो भी उससे सावधान रहें।
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2. घर में सनलाइट है जरूरी (Benefits of vitamin D)
घर लेने से पहले आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि वहां सूरज की किरण आती हो। कोशिश करें कि घर ईस्ट फेसिंग हो। इससे आपके घर में शाम तक रौशनी और धूप आयेगी। वहीं सर्दी के दिनों में आप देर तक धूप में बैठ सकेंगे। घर में धूप का आना बहुत जरूरी है। धूप आने से घर में मौजूद बैक्टेरिया और वायरस मरते हैं। इसके साथ ही शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होती। लोग घर लेने से पहले सनलाइट के बारे में नहीं सोचते पर नैचुरल लाइट आपके लिये जरूरी है।
धूप की कमी से होती है बीमारियां (Lack of vitamin D)
अगर आपके घर में प्रॉपर सनलाइट न आये तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी की कमी से शरीर में सूजन आने लगती है। अगर शरीर को विटामिन डी न मिले तो कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है और शरीर जल्दी बीमार पड़ने लगता है। विटामिन डी की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने का भी खतरा होता है।
3. अपार्टमेंट में ऊपर घर लेने के फायदे (Benefits of upper floor)
अपार्टमेंट लेते समय लोग ग्राउंड फ्लोर ज्यादा पसंद करते हैं पर डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि आप जितनी ऊंचाई पर रहेंगे घर में मच्छर और कीड़े-मकौड़े उतने कम होंगे। दरअसल उड़ने वाले कीड़े या मच्छर हवा की एक सतह तक ही जाते हैं उससे ऊपर आपको वो देखने को नहीं मिलेंगे इसलिये कोशिश करें कि अपार्टमेंट में घर चौथे या पांचवे फ्लोर पर हो। इससे आप मच्छर से होने वाली बीमारियों से खुद को सुरक्षित रख सकेंगे।
ऊपर रहने से नहीं होगा मलेरिया-डेंगू (Diseases caused by mosquito)
इन दिनों हम अपने आसपास मलेरिया, डेंगू फीवर जैसी बीमारियों का प्रकोप देख रहे हैं। चिकनगुनिया भी ये सभी बीमारियां मच्छर के काटने से फैलती है। इसलिये मच्छरों को घर से दूर रखें। ऊपर के घरों में ये देखा गया है कि कीड़े कम होते हैं इसलिये वहां इन बीमारियों का खतरा नहीं होता और ये आपके और आपकी फैमिले के लिये सेफ होते हैं। खासकर अगर आपके घर में बच्चे हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिये नया घर लेने से पहले आप इन बातों का ध्यान रखें।
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4.हरियाली के पास हो नया बसेरा (Benefits of greenary)
आजकल घरों से हरियाली खत्म होती जा रही है। कंक्रीट स्ट्रक्चर हमारी सेहत के लिये हानिकारक हो सकता है। आसपास हरियाली न होने से ताजा हवा घर में प्रवेश नहीं कर पाती। अगर आप घर लेने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि घर में छोटा गार्डन स्पेस या आसपास हरियाली है तो आप हेल्दी लाइफ जी सकते हैं। हरियाली के आसपास रहने से मानसिक तनाव भी कम होता है। अगर घर में गार्डन नहीं है तो आप पार्क के आसपास घर लेने का प्लान करें।
घर में होंगे पेड़-पौधे तो नहीं होगा स्ट्रेस (Greenary can reduce stress)
अपने घर के एक कोने में पौधों को जगह जरूर दें। अगर आंगन या बगीचा नहीं है तो छोटे-छोटे पौधे लगा सकते हैं। इससे आपको ताज़ा ऑक्सीजन मिलेगी। हरियाली के बीच रहने से स्ट्रेस घटता है। कई बीमारियों की जड़ तनाव होता है। भागती-दौड़ती जिंदगी में आपको सुकून के पल बिताना चाहिये। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप हेल्दी होम की प्लानिंग कर सकते हैं। घर के आसपास हरियाली होने से फेफड़े भी हेल्दी रहते हैं। नैचुरल चीज़ों के पास रहने से आप खुश रहते हैं और ये किसी भी घर के लिये सबसे ज्यादा अहमियत रखता है कि उसका परिवार खुश रहे।
5.घर लेने से पहले नजरअंदाज न करें शोर (Effects of sound pollution)
अगर आप ऐसी जगह घर ले रहे हैं जहां गाड़ियों का या किसी और किस्म का शोर है तो ऐसी गलती न करें। ध्वनि प्रदूषण के अपने अलग नुकसान हैं जो स्वास्थ्य पर धीमे-धीमे वार करते हैं। दो या चार पहिया गाड़ियों के हॉर्न का शोर, लाउडस्पीकर की आवाज या कारखानों में मशीनों का शोर ये सब आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ने का काम करेंगे। घर लेने से पहले देख लें कि आसपास का इलाका कैसा है। इंसान के सुनने की क्षमता 80 डेसिबल होती है उससे ज्यादा शोर हमारे कान बर्दाश नहीं कर पाते।
80 डेसिबल से ज्यादा शोर है बीमारी (High volume can cause hear loss)
80 डेसिबल से ज्यादा का शोर होने पर शरीर के अंदर तकलीफ महसूस होने लगती है। जैसे-जैसे आवाज बढ़ती है बेचैनी होने लगती है। लंबे समय तक शोर के आसपास रहने से इंसान बहरा भी हो सकता है। इसके साथ ही आपको सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन जैसी परेशानी हो सकती है। इससे मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है। इसलिये हमेशा घर ऐसी जगह लें जहां शोर कम हो।
6. कहीं घर में सीलन तो नहीं? ( Moisture can cause infection)
घर लेने से पहले आपको उसकी दीवारों पर भी गौर करना है। दीवारों की मजबूती से घर में सीलन जैसी समस्या नहीं होती। अगर आप दीवारों पर ध्यान नहीं देंगे तो बारिश के दिनों आपका घर बीमारी का अड्डा बन सकता है। अक्सर दीवारें सीलन आने से घर को बीमार बना देती है। घर में सीलन है तो फंगस होगी ही। ये सेहत के लिये हानिकारक है। इससे आपको इंफेक्शन हो सकता है। खुद को सेहतमंद रखने के लिये घर की दीवारों पर गौर करें।
क्या सीलन से होती है बीमारी? (Side effects of moiture)
जी हां। सीलन से भी कई बीमारियां हो सकती हैं। सीलन से फंगस होती है, कीटाणु बढ़ते हैं और उससे अस्थमा, खांसी-जुकाम, गले में दर्द, थकान, जोड़ों में दर्द, डर्मिटाइटिस जैसी बीमारी हो सकती है इसलिये आपको ऐसा घर नहीं चुनना है जिसकी दीवारें कमजोर हों।
इन बातों का ध्यान रखते हुए आप अपने लिये हेल्दी होम का चुनाव कर सकते हैं। अच्छी सेहत के लिये स्वस्थ्य घर को नजरअंदाज न करें।
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