30 की उम्र पार करने के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का खतरा होने लगता है। ऐसे में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक गंभीर होना चाहिए। क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर जैसी समस्याएं होने का खतरा बढ़ने लगता है। इसलिए महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर्स नियमित रूप से मेडिकल टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। जिससे की महिलाओं के भीतर गंभीर रोगो को पनपने से रोका जा सके। यहां हम आपको 5 ऐसे टेस्ट के बारे में बता रहे हैं जो महिलाओं को एक निश्चित समय पर जरूर टेस्ट करवाने चाहिए।
1. मैमोग्राम (Mammogram)
साल में एक बार किया जाने वाला ब्रेस्ट का ये टेस्ट, जो अमेरिकन कैंसर सोसाइटी 30 की उम्र के बाद कराने की सलाह देती है। इसमें डॉक्टर द्वारा मैमोग्राम और MRI (Magnetic Resonance Imaging) की मदद से ब्रेस्ट टेस्ट किया जाता है। महिलाएं जिन्हें थोड़ा भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सता रहा है और उन्होंने 30 की उम्र के बाद इस जांच को नहीं कराया है, वह 40 की उम्र से पहले मैमोग्राम टेस्ट करवा सकती हैं। महिलाओं को यह टेस्ट 30 की उम्र के बाद और 45 साल की उम्र तक हर साल कराने की सलाह दी जाती है।
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2. पॅप स्मिअर (Pap smear)
इसका इस्तेमाल महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को जांचने के लिए किया जाता है। पॅप स्मिअर को 21 साल की उम्र के बाद हर तीन साल में 65 की उम्र तक यह टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।
3. एचपीवी (Human Papillomavirus Test)
30 की उम्र के बाद पॅप स्मिअर के साथ एचपीवी टेस्ट भी किया जाना चाहिए। यह सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते खतरे का पता लगाने का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
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4. लिपिड प्रोफाइल (Lipid profile)
अमेरिकन हार्ट असोसिएशन 20 की उम्र के बाद हर स्वस्थ व्यक्ति को हर 4 से 6 साल में लिपिड प्रोफाइल की सलाह देती है। साथ ही हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटीज को करने की सलाह देती है।
5. थायरॉयड फंक्सन टेस्ट एंड कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC)
माइल्ड एनीमिया और क्लीनिकल हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण आसानी से देखने को नहीं मिलते। ऐसे में आपकी हीमोग्लोबिन और थायराइड प्रोफाइल आपकी लक्षण को जानने में काफी सहायक होते हैं। जिससे आपको समय रहते बीमारी का पता लग सके और जल्द उसका इलाज कर बेहतर जीवन जी सकें।
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6. फर्टिलिटी एंड प्री-प्रेग्नेंसी इवेलुएशन (Fertility and Pre-pregnancy Evaluation)
यह आपकी गायनोलॉजिस्ट द्वारा आपकी मां बनने की सही उम्र निर्धारित करने में सहायक है। गर्भाशय कई अंडो को गर्भ में रखता है। 20 की उम्र के बाद यह कम होता है और 30 की उम्र के बाद यह काफी तेजी से होता है। अगर आप अभी प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं तो आपको अपने गर्भाशय की जांच करा लेनी चाहिए जिससे गर्भाशय में कम अंडे होने की स्थिति में क्या विकल्प मौजूद है यह सुनिश्चित किया जा सके।
इसमें कुछ टेस्ट शामिल होते हैं जो आपको यह बताते हैं कि प्रेग्नेंट होने के लिए आप पूरी तरह हेल्दी और फिट है या नहीं। साथ ही आपके शुगर और थायरॉयड लेवल को प्रेग्नेंसी के लिए किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकत तो नहीं।
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